हम दिए धरती कै मार, कसूते मोदी सरकार के वार, करने हाथ पड़ैं दो चार , सुणियो भारत के नर नारी।।
1खेती पर काले बादल छाए कमर तोड़ कै धरदी
धान कपास गेहूं पिटग्या जमा नाड़ मोड़ कै धरदी
या सब्सीडी खत्म करदी, क्यों हांडी पाप की भरदी, असली नहीं हमदर्दी, क्यों नीतियां की डांडी मारी।।
2
कारखाने लाखां बन्द होगे बच्या कितै रोजगार नहीं
भ्रष्ट नेता अपराधी माफिया का खाली जाता वार नहीं
काला धन बाजार मैं आया, अमरीका नै जाल बिछाया, मध्यम वर्ग खूब भकाया, दिखा कै सपने बड़े भारी।।
3
मीडिया को काबू कर लिया अपनी खबर दिखाई जां
औरत दी एक चीज बना बाजार मैं बोली लगाई जां
महिला भी इंसान हो सै, क्यों उसका अपमान हो सै,ना हमनै उन्मान हो सै, पुरानी रीत घणी अत्याचारी।।
पढ़ाई लिखाई म्हंगी करदी, आम आदमी कित जावै
पढ़ लिख कै बिना सिफारिश दफ़्तरां के धक्के खावै
अनैतिकता पै पलै बढ़ै, वो नैतिकता के नारे गढ़ै,
रणबीर की छाती पै चढ़ै, छलनी करदी छाती सारी।।
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