1
पौह मास – पोह का म्हिना रात अंधेरी
पोह का म्हिना रात अन्धेरी, पड़ै जोर का पाळा।।
सारी दुनिया सुख तैं सोवै मेरी ज्यान का गाळा।।
1
सारे दिन खेतां के म्हां मनै ईख की करी छुलाई
बांध मंडासा सिर पै पूळी, हांगा लाकै ठाई
पूळी भारया जाथर थोड़ा चणक नाड़ मैं आई
आगे नै डिंग पाट्टी कोन्या, थ्योड़ अन्धेरी छाई
झटका देकै चणक तोड़ दी हुया दरद का चाळा।।
2
साझे का तै कोल्हू था मिरी जोट रात नै थ्याई
रुंग बुळथ के खड़े हुए तो दया मनै भी आई
इसा कसाई जाड्डा था भाई मेरी बी नांस सुसाई
मजबूरी थी मिरे पेट की, कोन्या पार बसाई
पकावे तैं न्यों कहण लग्या कदे होज्या गुड़ का राळा।।
3
कई खरच कठ्ठे होरे सैं, ज्यान मरण मैं आई
गुड़ नै बेचो गुड़ नै बेचो, इसी लोलता लाई
छोरी के दूसर की सिर पै, आण चढ़ी करड़ाई
सरकारी करजे आळयां नै, पाछै जीप लगाई
मण्डी के म्हां फंसग्या क्यूकर होवै लूट का टाळा।।
4
खांसी की परवाह ना करी, पर ताप नै आण दबोच लिया
डाक्टर नै एक सूआ लाया, दस रुपये का नोट लिया
मेरे पै गरदिश क्यों चढ़गी, मनै इसा के खोट किया
कई मुसीबत कठ्ठी होगी, सारियां नै गळजोट लिया
रणबीर साझे जतन बिना भाई टळै ना दुख का छाहला।।
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टुक ध्यान उरे नै लाइयो रे मेरे एमएलए चुननिया भाईयो।।
बढ़िया सा एमएलए बनाइयो रे मेरे एमएलए चुननिया भाईयो।।
1
चोर जार ठग जितने सबनै उल्टे करकै टांग दियो
शरीफ मेहनती लोगां नै सारे मिलकै तम बांग दियो
आच्छे करलयो इब एका भुंडयां नै तम छांग दियो
जात के ऊपर मतना जाइयो रे मेरे एमएलए चुननिया भाईयो।।
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दुख सुख के जो साझी म्हारे उणनै चुणकै ल्यावांगे
भाई भतीजावाद मिटादयां रिश्वत का खोट मिटावांगे
दारू सुल्फा बेच कसाई उणनै मिलकै धूल चटावांगे
इनका करकै इलाज दिखाइयो रे मेरे एमएलए चुननिया भाईयो।।
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रानी झाँसी बरगी लड़ाकू जिब महिला एमएलए चुणज्यांगी
जुल्म के आगै ढाल बणकै रानी की ढालां वे तनज्यांगी
दे कुर्बानी संघर्षों मैं वे म्हारी असली लीडर बण ज्यांगी
महिलाओं नै आगै ल्याईयो रे मेरे एमएलए चुननिया भाईयो।।
4
आने आला दौर होगा अच्छाई और बुराई का सुणल्यो
खांडा बाजैगा लाजमी यो शरीफ और अन्यायी का सुणल्यो
नँगा नाच होगा आडै़ इस जुल्मी आत्मताई का सुणल्यो
रणबीर ना पाछै मुड़कै लखाइयो रे मेरे एमएलए चुननिया भाईयो।।
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26 जनवरी जींद रैल्ली
यो संयुक्त किसान मोर्चा जींद मैं कट्ठा होंता बताया ।।
छबीस जनवरी नै इसनै जींद मैं रैली का प्लान बनाया।।
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उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान भाई उड़ै आवैंगे
पंजाब और हरियाणा के किसान भी सुर मैं सुर मिलावैंगे
सरकार कै याद करावैंगे एक भी वायदा नहीं पुगाया।।
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एमएसपी पै फसल खरीद गारंटी का मामला लटका राख्या देखो
दूसरी मांगां पै भी किसान सरकार नै भटका राख्या देखो
उसकै कर खटका राख्या देखो फेर तैं संघर्ष बिगुल बजाया।।
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संयुक्त किसान मोर्चे नै अपने कदम आगै बढ़ाये सैं
रैली मैं होवैगी घोषणा आगे के जो प्लान बनाये सैं
संघर्ष के बिगुल बजाये सैं ना राज की बहका मैं आया।।
4
किसान मांग पूरी कराने नै हटकै सड़कां पै आवैगा
दिल्ली सरकार की फेर तैं किसान ईंट तैं ईंट बजावैगा
रणबीर भी गीत बनावैगा इसनै अपना कलम पिनाया ।।
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शहीद उदमी राम
लिबासपुर गाम का उदमी राम आजादी खातर जीवन लाया।।
सैंतीस दिन हाथ पायां मैं कील गाड कै पेड़ कै ऊपर लटकाया ।।
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सोनीपत जिले मैं जीटी रोड पै यो उसका गाम बताया
आजादी की लड़ाई का देश मैं उफान था कसूता आया
पानीपत करनाल थानेशर अम्बाला इंकलाब का नारा लगाया।।
कुंडली भालगढ़ अलीपुर गाम भी गोरयां स्याहमी अड़गे
उदमी राम अर बाइस नौजवान गुप्ति ढंग तैं उनतै भिड़गे
असला लूट्या गोरे सैनिक मारे न्यों गोरयां कै सांस चढ़ाया ।।
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मुखबिर सीताराम नै उड़ै आकै नौजवानों की फहरिस्त बनाई
उदमी राम नेता सै इनका गोरयां तैं जाकै उठ बैठ सब बताई
उदमी राम हर नै घेरण का था पूरा प्लान उसनै बनवाया ।।
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गोरे बगावत कुचलने खातर फौज गोला बारूद ले आये थे
उदमी राम हर रणबीर, कील गाड़ हाथों मैं पेड़ पै लटकाए थे
सैंतीस दिन ताहिं रहया लटकता माफी का नहीं डां ठाया ।।
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Subedar Singh
सीनियरिटी पढ़ण बिठाई , मेरिट फेर ना भाजी थ्याई , सिफारिश नै बिठाया जमाई प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
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डॉक्टर खत्री काट्या फेर सूबेदार सिंह काट दिया
तीजे नम्बर आला डॉक्टर बिना बात के छांट दिया
प्रदीप गर्ग नै तगड़ी लाई, हिला दिया एकबै जमाई, कोर्ट नै थोड़ी रोक लगाई , प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
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इस उठा पटक नै सारा सिस्टम उघाड़ा कर दिया रै
कायदे कानून तोड़ बगाये, किसा पवाड़ा कर दिया रै
रोज तारीख पड़ण लाग़री , फैकल्टी सारी सड़ण लाग़री,इल्जाम कसूते घड़ण लाग़री, प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
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आज हवा मैं शक की बदबू सारे कै फैल रही
टांग खिंचाई बिना बात हो डायरेक्टर की गैल रही
मौका परस्ती इब या छागी, कुन्बा परस्ती सबनै खागी, मैरिट हमेशा पिटती जागी, प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
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सर्जरी डिपार्टमेंट का भट्ठा बैठण मैं कोये कसर नहीं
इंसानियत रगड़ कै चाटगे इब्बी उनकै सबर नहीं
रणबीर की या कविताई, सदा साची लिखती आई, चाल कै पहोंचै सही राही, प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
6*****
गरीबों की मर आगई
गरीबां की मर आगी इस नए से बाजार मैं , हे मेरी भाण।।
1
रैहवण नै मकान कड़ै खावण नै नाज नहीं
पीवण नै पाणी कड़ै बीमार नै इलाज नहीं
महंगाई जमा खागी इस नये से बाजार मैं, हे मेरी भाण।।
2
कपास पीटी धान पीट दिया गेहूं की बारी हे
जहर की गोली खा खा मरगे हुई सै लाचारी हे
या म्हारी धरती जागी इस नये से बाजार मैं, हे मेरी भाण।।
3
बदेशी कम्पनी कब्जा करगी ये हिंदुस्तान मैं
लाल कालीन बिछाये हमनै क्यों इनकी श्यान मैं
इसकी रंग क्यों भागी इस नये से बाजार मैं, हे मेरी भाण।।
4
महिलाओं पै अत्याचार बढ़े आंख म्हारी मिचगी हे
दूजे धर्म आळ्यां ऊपर तलवार म्हारी खिंचगी हे
रणबीर की छंद छागी इस नये से बाजार मैं, हे मेरी भाण ।।
7*****
सन चोदा की तीज का सुण्लयो हाल सुणाउं मैं।।
कई गामां का आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
1
गुलगुले सुहाली मनै कितै टोहै पाये कोण्या सुनियो
नीम पीपल झूलैं जिनपै नजर आये कोण्या सुनियो
काला दामण लाल चूंदड़ी ल्याकै कड़े तैं दिखउं मैं।।
कई गामां का आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
2
नीम पीपल के डाहले पै जेवड़यां की पींग घालते रै
झूल झूलते तो ये पते टहनी उनकी गैल हालते रै
मिलकै पड़ौसन झूल्या करती ईब कड़े तैं ल्याउं मैं।।
कई गामां का आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
3
कोथली मैं सुहाली आन्ती ये पूड़े घरां बनाया करते
कई दिन सुहानी घेवर रल मिलकै सब खाया करते
लंगर बांध देवर झोटे देता ये के के बात गिणाउं मैं।।
कई गामां का आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
4
तीजां का त्यौहार साम्मण मैं मौसम बदल जावै देखो
अकेलापन दूर होज्या सै मेल मिलाप यो बढ़ावै देखो
कई गामां का आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
कहै रणबीर हुड्डा पार्क मैं तीस नै तीज मणाउं मैं।।
8*****
हरियाणा नंबर वन कोण्या
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
1
हरया भरया हरियाणा जित दूध दही का खाना
गर्भवती मैं कमी खून की दस प्रतिशत बढ़ जाना
हम सबके उपकार बिना, बसते हुए घरबार बिना
लिंग अनुपात सुधार बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
2
गुण गाते हरित क्रांति के नुक्सान ना कदे बतावैं
जहर घोल दिया पानी मैं कीटनाशक कहर ढावैं
बीमारियों के इलाज बिना, हम गरीबों की आवाज बिना
विकास के सही अंदाज बिना,हरियाणा नंबर वन ।कोण्या ।।
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
3
कीट नाशक तैं हरियाणा बहोत घणा दुःख पाग्या
हुई खाज बीमारी गात मैं ,घणा कसूता संकट छाग्या
इसकी पूरी रोकथाम बिना , पानी के सही इंतजाम बिना
अमीरों पर कसे लगाम बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या।।
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
4
अमीर गरीब के बीच की बढ़ती जावै या खाई देखो
बिना गरीब की मेहनत छाज्या घणी रुसवाई देखो
महिलाओं के सम्मान बिना, पढ़े लिखे नैजवान बिना
म्हारे पूरे हुये अरमान बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या।
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
5
मानस तैं मानस का भाईचारा , हो हर शहर गाम मैं
हम राजी होकै हाथ बँटावां एक दूसरे के काम मैं
भाईचारे की छाप बिना ,सबकी सांझी खुभात बिना
गरीब के सिर पै छात बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
9*****
इन कमीशन खावनियां का तै नाम लेण मैं भी टोटा हे।।
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चौड़े के म्हं म्हारे नाक कटाये, ये बिचौलिया सिर पै बिठाये, मगरमच्छ के आंसू बहाये, जनता नै योहे दुख सै मोटा हे।।
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घणा कमीशन खाया हथियारां पै, इन बंधुआँ नै साहूकारां पै, बूझल्यो राष्ट्र के ठेकेदारां पै,कौण खरया सै कौण खोटा हे।।
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दुनिया मैं चर्चा होरी आज, चोर हुए देश के धौरी आज, इलाज ढूँढां कोये फौरी आज, देश का मुधा मारया लौटा हे।।
4
दो बर चढ़गी काट की हांडी, जमकै मारी सै इननै डांडी, ईब चाल होगी इनकी बांडी, होगे रणबीर गशीला झोटा हे।।
10****
ईब मरणा नहीं कति मंजूर या मनै कसम खाई बेबे।।
पति सास ससुर देख लिए सबनै रोल मचाई बेबे।।
1
मिला रेत मैं लाड दिया सै
बिना तेंगे गल बाढ़ दिया सै
मनै नतीजा काढ़ लिया सै, कोण्या होवै सुनाई बेबे।।
2
ईब ना तेरी बाहण दुखड़ा झोवै
नहीं बैठ आपणे करमां नै रोवै
बीज नई फसल के या बोवै, लांघ दहेल नै आई बेबे।।
3
औरत भी तै एक इंसान हो सै
इसकै भी तै मान सम्मान हो सै
क्यों शराबी पति भगवान हो सै,किसनै रीत चलाई बेबे।।
4
अपने पाहयाँ पै खड़ी होऊँ मैं
लगा फांसी ज्यान ना खोऊँ मैं
ईब राही अपनी नई टोहूं मैं ,रणबीर नै धीर बंधाई
बेबे।।
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