#किस्सा चौधरी छोटू राम **
चौधरी छोटू राम****1***
पंजाब मैं हिन्दू मुस्लिम सिख की पूरी एकता बनाई थामनै ॥
कट्टर वादियां तैं उन दिनां मैं थी जमकै धुल चटाई थामनै ॥
1
बीस मैं कांग्रेस छोड़ कै या यूनियनिस्ट पार्टी बनाई थी
पूरे पंजाब मैं यूनियनिस्ट पार्टी की लहर चलाई थी
महाजन संस्कृति की उन दिनाँ बही की लूट मिटाई थामनै ।।
कट्टर वादियां तैं उन दिनां मैं थी जमकै धुल चटाई थामनै ॥
2
गरीब किसान की जमीन कुड़की होवण तैं बचाई थी
हजारों हजार नौजवानां की फ़ौज मैं भर्ती कराई थी
भाखड़ा डैम बनवा करकै भाखड़ा नहर लिकड़वाई थामनै ॥
कट्टर वादियां तैं उन दिनां मैं थी जमकै धुल चटाई थामनै ॥
3
दोनों महायुद्धां मैं गोरयां की कहैं गलत मेर कटाई थी
कुछ भी हो छोटू राम पंजाब की सोयी जनता जगाई थी
कांग्रेस और मुस्लिम लीग तैं लेकै टक्कर दिखाई थामनै ॥
कट्टर वादियां तैं उन दिनां मैं थी जमकै धुल चटाई थामनै ॥
वकालत के बदले तौर तरीके नयी रीत निभाई थी
पाकिस्तान ना बनने देवां कठ्ठे होकै आवाज उठाई थी
रणबीर बरोणिया के बाबू की मदद खूब करी बताई थामनै।।
कट्टर वादियां तैं उन दिनां मैं थी जमकै धुल चटाई थामनै ॥
***2***
#चौधरी छोटू राम लाला घासीराम से दो चार#
क्यूकरै झज्जर के स्कूल मैं छोटूराम नै दाखला पाया।।
संकट झेल झेल कै भी उसनै पढ़ाई मैं ध्यान लगाया।।
1
स्कूल बीस किलोमीटर दूर गढ़ी सांपले तैं बताते
पैदल चाल कै आसंडे कै छारा जौन्धी म्हां कै जाते
मिहने मैं दो दिन तै बालक आण जाण मैं वे खपाते
आटा दाल घी घर तैं होस्टल मैं लेजाकै जमा कराते
छुटियाँ मैं घर नै आकै नै खेती बाड़ी मैं हाथ बंटाया।।
संकट झेल झेल कै भी उसनै पढ़ाई मैं ध्यान लगाया।।
2
मोहम्मद खान होस्टल मैं कई बात बताया करता
छोटू राम खेत मैं भी किताब लेकै नै जाया करता
सारे सूबे मैं फस्ट आईये मास्टर न्यों चाहया करता
वोहे अखबार पढ़ता रोज जो स्कूल मैं आया करता
छोटू राम का कठोर परिश्रम आखिर तै रंग ल्याया।।
संकट झेल झेल कै भी उसनै पढ़ाई मैं ध्यान लगाया।।
3
रिजल्ट नै छोटूराम का हौंसला घना बढ़ाया देखो
आगै जरूरी पढ़ना सै यो पक्का मन बनाया देखो
मौका देखकै बाबू तैं पढण का जिक्र चलाया देखो
आगै पढ़ने की सुनकै नै बाबू नै नाक चढ़ाया देखो
नौकरी टोहले छोटी मोटी बाबू नै छोटू समझाया।।
संकट झेल झेल कै भी उसनै पढ़ाई मैं ध्यान लगाया।।
4
पसीनयां मैं नहाए पहोंचे लाला जी जाकै ठाया था
इशारा कर डोरी कान्ही पंखा बाबू खीचै चाहया था
उसका बेटा खाली बैठया छोटूराम कै छोह आया था
छोटूराम नै लाला जी को कसूती ढालाँ धमकाया था
रणबीर पंखे की घटना नै छोटू राम को दहलाया।।
संकट झेल झेल कै भी उसनै पढ़ाई मैं ध्यान लगाया।।
***3***
# बताते हैं कि चौधरी छोटू राम किसान को दो बातें सीखने की सीख देते थे। क्या बताया भला-------
सुण भोले से किसान दो बात मेरी मान ले।
बोलना ले सीख और दुश्मन को पहचान ले।
1
म्हारी कमाई कित जावै इसका बेरा लाणा हो
दुश्मन लूटैं मित्तर बणकै इसकी तह मैं जाणा हो
पूरा हिसाब लगाणा हो भले बुरे का सही ज्ञान ले।
बोलना ले सीख और दुश्मन को पहचान ले।
2
चोखी धरती आले का छोरा मनै बेरुजगार दिखा
मेहनत करने आले का मनै भरया परिवार दिखा
अपणे पै इतबार दिखा सुण लगाकै ध्यान ले।
बोलना ले सीख और दुश्मन को पहचान ले।
3
घोड़े घास की यारी या बता क्यूकर मिल ज्यागी
बकरी शेर की यारी या सारी दुनिया हिल ज्यागी
या यारी कैसे खिल ज्यागी तोड़न की ईब ठाण ले।
बोलना ले सीख और दुश्मन को पहचान ले।
4
इस सिस्टम के कारण भरष्टाचार सब होरे सैं
बाँट कै जात धर्म पै लूटैं मिलकै काले गोरे सैं
भूखे म्हारे छोरी छोरे सैं रणबीर बचा जान ले।
बोलना ले सीख और दुश्मन को पहचान ले।
***4***
चारों कांहीं
चारों कांहीं तैं लुट पिट लिया अपणा ठिकाणा पाज्या रै।।
जातपात और इलाके ऊपर के थ्याया मनै बताज्या रै।।
1
छोटू राम नै राह दिखाया बोलना ले सीख किसान रै
दुश्मन की पहचान करकै तोलना ले सीख किसान रै
तीस साल मैं हिरफिर कै कर्जा हट हट कै नै खाज्या रै।।
2
जात गोत इलाके पर किसान कसूते बांट दिए देखो
किसान की कमाई लूट लई सबतैं न्यारे छांट दिए देखो
आज अन्नदाता क्यों सै भूखा कोए मनै समझाज्या रै।।
3
दो किले धरती बची थी बीस लाख किले के लगवाए
धरती गई चालीस लाख फेर तनै वे भी खा पदकाये
चकाचौंध मची घणी कसूती आंख जमा चुंधियाज्या रै।।
4
पिस्से आले तेरी कौम के क्यों तनै तड़पता छोड़ गए
किमैं दलाल बने ठेकेदार तेरे तैं क्यों नाता तोड़ गए
रणबीर किसान सभा मैं सोच समझ कै इब तो आज्या रै।।
फरवरी 2014
****5***
एक किसान सर छोटू राम को याद करता है ! क्या बताया भला----
एक बै हट कै आज्य छोटूराम किसान तनै आज बुलावै सै ॥
सन चालीस का कमेरा तनै आज बी उतना ए तै चाहवै सै ॥
1
म्हणत लगन पक्का इरादा थारे मैं गुण पूरी मिकदार मैं
गढ़ी सांपला मैं पैदा होकै थमनै देखि गरीबी परिवार मैं
जिक्र हुया थारा संसार मैं छोटूराम किसे कानून बनावै सै ॥
सन चालीस का कमेरा तनै आज बी उतना ए तै चाहवै सै ॥
2
धरती कुड़क ना होवै किसानी की यो थामनै कानून बनाया
गोड्यां ताहिं कर्जे मैं धँसरे थे थामनै आकै आजाद कराया
एक बै साँस उलगा सा आया वो खरना आज बी गुण गावै सै ॥
सन चालीस का कमेरा तनै आज बी उतना ए तै चाहवै सै ॥
3
खूब जतन करे हमनै ऊबड़ खाबड़ खेत संवारे फेर दखे
भाखड़ा डेम का बिजली पानी होगे वारे के न्यारे फेर दखे
दस तैं बीस मणे गीहूँ म्हारे फेर दखे म्हणत रंग ल्यावै सै ॥
सन चालीस का कमेरा तनै आज बी उतना ए तै चाहवै सै ॥
4
खाद बीज ले कर्जे पै म्हणत तैं खेत क्यार म्हारे लहलागे रै
फसल ले जिब मण्डी पहोंच्या भा कति तले नै ये आगे रै
बहोत किसान फांसी खागे रै रणबीर नहीं झूठ बहकावे सै ॥
सन चालीस का कमेरा तनै आज बी उतना ए तै चाहवै सै ॥
****6****
चौधरी सर छोटू राम के जीवन के बारे क्या बताया भला-----
रोहतक जिले में गढ़ी सांपला यो नाम सुण्या होगा।।
इसे गाम का रहने आला यो छोटू राम सुण्या होगा।।
1
हलपति को गढ़पति और गढ़पति को छत्रपति बनाऊं
यो सपना संजोया था थामनै सबनै खोलकै नै सुनाऊं
सुखीराम सीरिया के घर मैं जन्मया रामरिछपाल बताऊँ
सबतै छोटा ज्यां बुलाया सबनै यो छोटू राम दिखलाऊँ
नटखट बताया बचपन मैं यो किस्सा आम सुण्या होगा।
इसे गाम का रहने आला यो छोटू राम सुण्या होगा।।
2
गाम के लड़कपन के खेल सीख लिए थे सारे भाई
ग्वाल्यां गेल्याँ आवारागर्दी सूरां कै डण्डे मारे भाई
जोहड़ मैं खूब नहाना गालां मैं दिए किलकारे भाई
पील अर पिच्चू तोड़ कै मिलकै नै दोस्त खारे भाई
पीछा छुड़ाने नै स्कूल भेज्या किस्सा तमाम सुण्या होगा
इसे गाम का रहने आला यो छोटू राम सुण्या होगा।।
3
होनहार बिरवान के होत चीकने पात बताये लोगो
ग्यारह साल की उम्र मैं फेरे उसतैं थे दिवाये लोगो
ज्ञानो देवी खेड़ी जट तैं ब्याह कै नै ल्याये लोगो
आगे नै गए बढंते फेर ना पाछै कदम हटाये लोगो
लाला जी के घर तैं जो लिया पैगाम सुण्या होगा
इसे गाम का रहने आला यो छोटू राम सुण्या होगा।।
4
दसवीं करे पाछै पढ़ाई की मुश्किल आई बताई देखो
मिशन कालेज तैं बीच मैं पड़गी छोड़नी पढ़ाई देखो
दो प्रोफेसर की टीम जाकै हटकै दिल्ली ल्याई देखो
रणबीर हाँगा ला करी एफे गाम की श्यान बढ़ाई देखो
इसतैं आगै मदद करी किस्सा छाजू राम सुण्या होगा
इसे गाम का रहने आला यो छोटू राम सुण्या होगा।।
*****7***
चौधरी छोटू राम लाला घासीराम से दो चार होते हैं। क्या बताया भला -----
क्यूकरै झज्जर के स्कूल मैं छोटूराम नै दाखला पाया।।
संकट झेल झेल कै भी उसनै पढ़ाई मैं ध्यान लगाया।।
1
स्कूल बीस किलोमीटर दूर गढ़ी सांपले तैं बताते
पैदल चाल कै आसंडे कै छारा जौन्धी म्हां कै जाते
मिहने मैं दो दिन तै बालक आण जाण मैं वे खपाते
आटा दाल घी घर तैं होस्टल मैं लेजाकै जमा कराते
छुटियाँ मैं घर नै आकै नै खेती बाड़ी मैं हाथ बंटाया।।
संकट झेल झेल कै भी उसनै पढ़ाई मैं ध्यान लगाया।।
2
मोहम्मद खान होस्टल मैं कई बात बताया करता
छोटू राम खेत मैं भी किताब लेकै नै जाया करता
सारे सूबे मैं फस्ट आईये मास्टर न्यों चाहया करता
वोहे अखबार पढ़ता रोज जो स्कूल मैं आया करता
छोटू राम का कठोर परिश्रम आखिर तै रंग ल्याया।।
संकट झेल झेल कै भी उसनै पढ़ाई मैं ध्यान लगाया।।
3
रिजल्ट नै छोटूराम का हौंसला घना बढ़ाया देखो
आगै जरूरी पढ़ना सै यो पक्का मन बनाया देखो
मौका देखकै बाबू तैं पढण का जिक्र चलाया देखो
आगै पढ़ने की सुनकै नै बाबू नै नाक चढ़ाया देखो
नौकरी टोहले छोटी मोटी बाबू नै छोटू समझाया।।
संकट झेल झेल कै भी उसनै पढ़ाई मैं ध्यान लगाया।।
4
पसीनयां मैं नहाए पहोंचे लाला जी जाकै ठाया था
इशारा कर डोरी कान्ही पंखा बाबू खीचै चाहया था
उसका बेटा खाली बैठया छोटूराम कै छोह आया था
छोटूराम नै लाला जी को कसूती ढालाँ धमकाया था
रणबीर पंखे की घटना नै छोटू राम को दहलाया।।
संकट झेल झेल कै भी उसनै पढ़ाई मैं ध्यान लगाया।।
****8***
चौधरी छोटू राम की जयंती के मौके पर एक बात। क्या बताया भला--
हरियाणे के रोहतक मैं गढ़ी सांपला गाम सुण्या होगा ।।
इसे गाम का रहने आला चौधरी छोटू राम सुण्या होगा ।।
पैदा होकै गरीब घर मैं गरीबी का कष्ट झेल्या खूब
कां डंका और खेल कबड्डी साथ बालकां की खेल्या खूब
दंश गरीबी का ठेल्या खूब यो किस्सा तमाम सुण्या होगा ।।
उसकै जनून था पढ़ाई का लालटेन रौशनी मैं पढता
देख हालात मजदूर किसान की यो छोह घना बढ़ता
मेहनत की सीढ़ी चढ़ता गया शिखर नाम सुण्या होगा ।।
किसान कर्जे तैँ बाहर आवै इसे कानून बनाये फेर
अंग्रेजां की हकूमत ताहिं ये राह उसनै दिखाए फेर
इलाके आले समझाए फेर शिक्षा का पैगाम सुण्या होगा।।
सेकुलेरिज्म का हिम्माति था जिन्हा को ललकारया देखो
हिन्दू मुस्लिम का भाईचारा हकीकत मैं उतारया देखो
आखिर तक नहीं हारया देखो रणबीर सुबह शाम सुण्या होगा ।।
रणबीर 24.1.2014
***9***
मैट्रिक पास करी उस मौके की एक रागनी । क्या बताया भला--
या मैट्रिक की परीक्षा उन्नीस सौ एक मैं पास करी।।
प्रथम श्रेणी आई थी इसतैं ऊंचे की थी आस करी।।
1
कमजोर शरीर करके नै पूरा जोर नहीं लगा पाया
नंबर कम करकै नै छात्रवृति का नम्बर नहीं आया
आगली पढ़ाई की चिंता नै दिमाग उसका खाया
अपने दादा रामदास धोरै दुखड़ा जाकै नै सुनाया
दादा नै दोनों बेटे बुला कै पढाने की दरखास करी।।
प्रथम श्रेणी आई थी इसतैं ऊंचे की थी आस करी।।
2
बड़े बेटे नै नहीं ख्याल किया कानां परकै तारग्या
चाचा राजा राम उस ताहिं अपनी कमाई वारग्या
अपने भाई माँ आगै भी वो अपने हाथ पसारग्या
कालेज मैं लिया दाखिला सात मिहने मैं हारग्या
खर्चा पाट्या ना पढ़ाई छोडी माँ घणी उदास करी।।
प्रथम श्रेणी आई थी इसतैं ऊंचे की थी आस करी।।
3
गृह परीक्षा मैं अंग्रेजी मैं नम्बर बढ़िया लिए देखो
छात्रवृति मिली पर खर्चे नै घरके रम्भा दिए देखो
रोज चिंता खावै खर्चे की नहीं सुख तैं जिए देखो
नाम काटन की अर्जी देदी घूँट खून के पिये देखो
कालेज तै छोड़ दिया घराँ आकै लाम्बी साँस भरी।।
प्रथम श्रेणी आई थी इसतैं ऊंचे की थी आस करी।।
4
प्रिंसिपल नै दो प्रोफेसर दफ्तर मैं कहते बुलवाये
लज्जाराम उमरा खेड़ी के उनकी साथ मैं खंदाये
तीनों पहोंचे गढ़ी सांपला देख छोटू राम घबराये
समझा बुझा कै नै छोटूराम नै दिल्ली लेकैे आये
रणबीर बरोने आले नै लिखाई आज खास करी।।
प्रथम श्रेणी आई थी इसतैं ऊंचे की थी आस करी।।
****10***
भक्षक किसानों के जो सैं वे रक्षक बण खूब भकावैं रै।।
किसानों को बाँट कै जात्यां मैं ये लीडरी खूब चमकावैं रै।।
छोटू राम नै किसानों के हक मैं कई कानून बनाये देखो
धरती कुड़क नहीं होवैगी कर्जे भी माफ़ करवाये देखो
भाखड़ा डैम का नक्शा खींच्या पाणी के साधन बढ़ाये देखो
तनमन धन लगा दिया था सर की उपाधि पाये देखो
आज ताहिं पूजैं छोटू राम नै किसानों का मशीहा बतावैं रै।।
चौधरी चरण सिंह नै जमींदारी का खात्मा करवाया रै
यूं पी का किसान मशीहा चौधरी चरण सिंह कहाया रै
किसानों की खातर पूरा जीवन उसनै था लगाया रै
किसानों नै भी चौधरी को पलकों कै उप्पर बिठाया रै
पूरे हिन्दुस्तान के किसान उसनै भूल नहीं पावैं रै
छोटू राम चौधरी साहब बी इसा कानून नहीं बना पाये
किसान कदे बी इस कर्जे की जकड़ मैं नहीं आये
कर्जे माफ़ करे हटकै तीस साल मैं कर्जे छाये
ना इसे कानून बने किसान बार बार ना फंस जाये
ईसा रास्ता टोहना होगा जिसपै किसान ना फांसी लावैं रै।।
देश के किसानों इन भक्षकां की मिलकै पहचान करां
जात पात पर बांटे जिसनै उस कान्ही ना ध्यान धरां
साँझा मंच किसानों का बनाकै दिल्ली की नींद हरां
लड़ां उनतैँ जो भक्षक म्हारे खुद फांसी खाकै नहीं मरां
रणबीर मजदूर किसानों की क्रांति का बिगुल बजावैं रै।।
रणबीर -4.5.2015
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