गोड़ड़े टूटे चक्कर आवैं जी मेरा जनूँ भागै रै।।
पेट दुखै भूख ना लागै मनै कुछ ना फाब्बै रै।।
1
बीए करकै फिरूं भरमता नौकरी थ्यायी ना
गरीबी मैं करां गुजारा इब्बै होई सगाई ना
ऊंच नीच समझाई ना दिल मैं उमंग जागै रै।।
पेट दुखै भूख ना लागै मनै कुछ ना फाब्बै रै।।
2
मैं सोचूं लोट खाट मैं क्युकर होवै गुजारा रै
मैं सबनै दुश्मन दिखूं ना कोये यारा प्यारा रै
कुछ ना चालै चारा रै बाबू दांत मेरे पै चाब्बै रै।।
पेट दुखै भूख ना लागै मनै कुछ ना फाब्बै रै।।
3
मैं कति अकेला हुया कोये ना सुनता मेरी रै
सरतो दूजे गाम की वा भी बिपता नै घेरी रै
दलित आछी लागै भतेरी रै पर डर भी लागै रै।।
पेट दुखै भूख ना लागै मनै कुछ ना फाब्बै रै।।
कई गामां के किस्से उड़ै छोरा छोरी मार दिए
प्यार करया कोये जुल्म ना उनके गल तार दिए
रणबीर हालात सुधार दिए ना फांसी पै टांगैं रै।।
पेट दुखै भूख ना लागै मनै कुछ ना फाब्बै रै।।
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