Saturday, 1 October 2022

बुरा हाल देख देश का

 


बुरा हाल देख देश का आज मेरा जिगरा रोया।।
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।
1
मेल मिलाप खत्म हुया पकड़या राह तबाही का
जात पात धर्म के ऊपर गल काटै भाई भाई का
मारकाट बिना बात की यो सै काम बुराई का
पर फिकर सै किसनै देखै खेल जो अन्याई का
माता खड़ी बिलख रही जिगर का टुकड़ा खोया।।
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।
2
पंजाब मैं लीलो लुटगी चमन दिल्ली मैं रोवै सै
धनपत तूँ कड़ै डिगरग्या चमन गली गली टोह्वै सै
यो सारा चमन उजड़ चल्या तेरा साज कित सोवै सै
ना मन की बुझनिया कोय लीलो एकली दुखी होवै सै
कित तैं ल्याऊं लख्मीचंद जिसनै सही छंद पिरोया।।
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।
3
चौड़े कालर फुट लिया यो भांडा इस कुकर्म का
धर्म पै हो लिए नँगे नहीं रहया काम शर्म का
लाजमी हो तोड़ खुलासा इस छिपे हुए भ्रम का
घड़ा भर लिया पाप का यो खुलग्या भेद मरम का
देखी रोंवती हीर मनै जन सीने मैं तीर चुभोया।।
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।
4
इसे कसूते कर्म देखकै सूख गात का चाम लिया
प्रीत लड़ी बिखर गई अमृता नै सिर थाम लिया
शशि पन्नू की धरती पै कमा कसूता नाम लिया
भगत सिंह का देश भाई हो बहोत बदनाम लिया
असली के सै नकली के सै यो सच गया पूरा धोया ।।
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।
5
फिरकापरस्ती दिखै सै इन सब धर्मां की जड़ मैं
लुटेरा राज चलावै सै बांट कै धर्मां की लड़ मैं
जितनी ऊपर तैं धौली दीखै कॉलस उतनी धड़ मैं
जड़ दीखें गहरी हों जितनी गहरी हों बड़ मैं
या धर्म फीम इसी खाई दुनिया नै आप्पा खोया।।
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।
6
सिर ठाकै जीणा हो तै धर्म राजनीति तैं न्यारा हो
फेर मेहनत करणीया का आपस मैं भाईचारा हो
फेर नहीं कदे देश मैं लीलो चमन का बंटवारा हो
कमेरयां की बनै एकता ना चालै किसे का चारा हो
रणबीर नै बी देख नजारा  कलम का रास्ता टोहया।।
चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।।

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