खाणक
खाणक नै स्याहमी ल्यादी किसनै चौड़ै लूट मचाई।।एक पाले मैं काम करणिये दूजे पालै ये लुटू अन्याई।।
1
अंग्रेजों नै ढाका मैं कारीगरां पै घणे जुल्म ढवाये थे
थाण मलमल के गोरयां नै सड़कों पै फिंकवाये थे
भारत देश कै उप्पर घणे काले कानून लगवाये थे
विरोध मैं जो सिर उठया उसपै लठ बरसवाये
थे
यो जुल्मी राज हटावण नै भगत सिंह नै फांसी खाई ।।
2
देश आजाद हुये पाछै हमनै मेहनत खूब करी देखो
जंगल काट खेत बनाये सूकी जड़ फेर हुई हरी देखो
खाणक नै पहाड़ तोड़े हथेली उप्पर ज्यान धरी देखो
म्हारी मेहनत रंग ल्याई देश की तिजूरी थी भरी देखो
मुट्ठी भर की चांदी होगी म्हारे बालक रहे बिना पढ़ाई।।
3
सहज सहज देश मैं काला धन फेर छाण लग्या भाई
अमरबेल की ढ़ालां यो धोले धन नै खाण लग्या भाई
भ्रष्ट नेता गुंडे मिलगे समाज तले नै जाण लग्या
भाई
इसका काला छाया म्हारे खाणक मैं आण लग्या
भाई
इस काले धन नै म्हारा खाणक लूटण की स्कीम बनाई।।
4
खाणक कई गामां का सदियों तैं पेट पालता आया
क्यों इन पेटां नै जमा भूलगे खाणां का ठेका उठवाया
ठेकेदारों नै मचाई तबाही यो लूट का नाका लगवाया
माल की बिक्री तै कम होगी यो मजदूर गया दबाया
रणबीर बरोनिया नै सही तस्वीर इब खींच कै दिखाई।।
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