दिल्ली आल्यो
बाइस मैं दिये ये बोल तीन सौ साठ दिल्ली आल्यो।तेईस मैं तै सुनियो बात म्हारी देखैं बाट दिल्ली आल्यो।।
1
खत्म म्हारी करदी पढ़ाई थाम कति बोलते कोण्या
मरण लागरे बिना दवाई थाम कति सोचते कोण्या
जुबां कति खोलते कोण्या होगे लाट दिल्ली आल्यो।।
2
इसी नीति अपनाई बाइस मैं किसान सड़कों पै आरया
घर उजाड़ कै आज म्हारा अडानी अम्बानी का सजारया
तमनै आम जन यो मारया तोल कै घाट दिल्ली आल्यो।।
3
म्हारे बालक सरहद पै अपनी ज्यान खपावैं रोज
थारे घूमैं जहाजां मैं म्हारे खेत खान कमावैं रोज हम भूख मैं टेम बितावैं थारे सैं ठाठ दिल्ली आल्यो।।
4
बहोत घणी चीजां की रणबीर सीम ये खोल दई
ये भैंस और बकरी सब बिकवा बिन मोल दई
मचा बाइस मैं घनी रोल दई गया बेरा पाट दिल्ली
आल्यो।।
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