Friday, 30 March 2018

कितै मनै दिवाली

कितै मनै दिवाली चौखी कितै लिकड़या आज दिवाला
कुछ घर मैं हुया चांदना म्हारे मैं हुया अन्धेरा काला
बुराई पै जीतै अच्छाई जिब दिवाली मनाई जावै
अच्छाई पिटै चारों कान्ही आज बुराई बढ़ती आवै
इसे माहौल मैं दिवाली कोए दिल तैं कैसे मनावै
राम की नगरी मैं माणस बेबस खड़या लखावै
म्हारी बदरंगी दुनिया का नहीं रहया राम रुखाला।।
कैसे खील पतासे मैं ल्याउं घर मैं मुस्से कुला करैं
मेहनत करकै रोटी खावां षाम सबेरी दुआ करैं
फेर बी उनकी चान्दी होरी दिन रात जो बुरा करैं
हमनै सुन्दर दुनिया बनाई हमतैं राम क्यों गिला करैं
राम के तो मिटा अन्धेरा ना तै होगा दुनिया मैं चाला।।
राम राज मैं बढ़ै गरीबी बात समझ मैं आई ना
तेरे राज मैं हमनै राम जी मिलती आज दवाई ना
इसा के हुया चाला बता मिलती मुफत पढ़ाई ना
क्यों तेरे राज मैं सुरक्षित आज लोग लुगाई ना
दुनिया का मालिक बणण का करदे राम जी टाला।।
बता क्यूकर दिवाली मनाउं रास्ता मनै बतादे तूं
समता हो दुनिया मैं इसा रास्ता मनै दिखादे तूं
औरत नै इन्सान समझैं समाज इसा बणादे तूं
तेरे बसका ना यो करना तै म्हारे जिम्मै लादे तूं
मेरा भरोसा उठता जा कहै रणबीर बरोने आला।।

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