106-130
-106-
नपूता स्टोव
के बूझै सै भाण चमेली सारा तो तनै बेरा हे।
देख देख इसी करतूतां नै बिंध्या कालजा मेरा हे।।
1. नणद मारदी दिन धौली घणा बूरा जमाना आया
स्टोव नपूते नै बी बेबे म्हारी कान्ही मुंह बाया
कोसली हो चाहे गोहाना घणा कसूता जुलम कमाया
किस-किस का जिकरा हे आज दुर्योधन बी शरमाया
जली नहीं सै गई जलाई न्यों छाया आज अन्धेरा हे।।
2. इस देस मैं छोरी पैदा होण पै सारे छा मुरदाई जा
छोरे कै उपर बाजै थाली घणीए खुशी मनाई जा
जिसकै होवैं लागती छोरी वा निरभाग बताई जा
इसी दोषी कहैं बीर नै न्यों भारी आ करड़ाई जा
म्हारी समझ मैं आया कोण्या यो बिघनां का घेरा हे।।
3. मनू महाराज नै भाण चमेली कसूता अत्याचार कर्या
लूला लंगड़ा गंवार और कोढ़ी पति म्हारा स्वीकार कर्या
नाड़ झुका और गूंगी बणकै हुकम हमं अंगीकार कर्या
नाड़ उठाकै जो बोली उसतै कुल्टा सा ब्यौहार कर्या
हमनै नागण कहै माणस क्यों कण्या चाहवै सपेरा हे।।
4. पां की जूती बरोबर म्हारी क्यों तसबीर दिखाई जा
राज करण की छोर्यां तै पूरी तदबीर बताई जा
बीर नै गम खाणा चाहिये म्हारी तकदीर सिखाई जा
म्हारे बासी खीचड़ी थ्यावै उननै हल्वा खीर खिलाई जा
रणबीर सिंह ना झूंठ लिखै सै गाम बरोने डेरा हे।।
-107-
गुर्दे फेल होगे
मरण के हाल होगे गुर्दे मैं खराबी आगी रै।
गुर्दे फेल बातवैं डॉक्टर मेरै चिन्ता लागी रै।।
1. दस लाख का नया गुर्दा अमृतसर मैं लावैं सै
लाये पाछै रोज का खर्च सात सौ का बतावैं सैं
घर आले खड़े लखावैं सैं मेरी चिन्ता खागी रै
गुर्दे फेल बतावैं डॉक्टर ...
2. बेटे के खून का नम्बर सै ओ नैगेटिव पाया
मेरे खून के नम्बर तै इसनै मेल नहीं खाया
मैं दिल्ली गया खंदाया उड़ै खून मार्केट पागी रै
गुर्दे फेल बतावैं डॉक्टर ...
3. उड़ै बी तीन लाख खर्चे के डॉक्टरों नै बताया यो
मुफत इलाज आल इण्डिया मैं थोथा नारा पाया यो
तीजां पै कुछ ना भाया यो मनै मौत दीखै सागी रै
गुर्दे फेल बतावैं डॉक्टर ...
4. रणबीर बरोने आले की कोण्या पार बसावै रै
कोए बताद्यो छोटू अपना इलाज कडै़ करावै रै
सोचै कद सी मौत आवै रै म्हंगाई धुम्मा ठागी रै
गुर्दे फेल बतावैं डॉक्टर ...
-108-
एक बार सुभाष बोस और लक्ष्मी सहगल के बीच बातचीत
होती है कि आजादी के बाद हिन्दुस्तान का क्या नक्शा होगा ?
कैसा हिंदुस्तान हम बनाना चाहते हैं तो सुभाष बोसे कुछ देर
सोचते हैं और अपने सपनों के भारत के बारे में बताते हैं |
क्या बताया भला --
लालच लूट खसोट बचै नहीं ईसा हिन्दुस्तान बसावांगे।
धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बणावांगे।।
नई तरां का इन्सान उभरै नई तरां के म्हारे समाज मैं
नई बात और बोल नये कहं जां नये सुर और साज मैं
बीमारी हो ही नहीं पावै विज्ञान नै लोक हित मैं लावांगे।।
दोगली शिक्षा का खात्मा हो ज्ञान पिटारा यो इन्सान होज्या
नाड़ काट मुकाबला रहै ना एक दूजे का सम्मान होज्या
भ्रष्टाचार नहीं टोहया पावै इसका नामो निशान मिटावांगे।।
मुनाफा मंजिल नहीं रहै ना चारों तरफ घमासान मचै
लाठी की भैंस नहीं रहै ना हथियारां का फेर सम्मान बचै
प्रदूषण बढ़ता जा धरती शमशान होण तै बचावांगे।।
महिला नै इन्सान समझां रीत खत्म हो दोयम दरजे की
नौजवानां नै मिलै सही रास्ता ना मार बचै इस करजे की
जातपात खत्म हो सारे कै इन्सान बणां बिगुल बजावांगे।।
-109-
देवर: बण ठण कै भाभी री तनै आज करी कित जाने की तैयारी।
भाभी: लक्ष्मी सहगल आजाद हिंद फौज की जंग का बीड़ी ठारी।।
देवर: जलसे और जलूसां मैं यो बीर का जाणा नहीं नहीं
खानदान कै बट्टा लागै इसा कदम उठाणा नहीं नहीं
शहर की सड़कां उपर थारा न्यों नारे लाणा नहीं नहीं
बालक भूखे मरैंगे घर मैं रहवै पीणा खाणा नहीं नहीं
बात मानिये भाभी मेरी मनै बेरा महिला समिति भकारी।।
भाभी: देवर कान खोल कै सुनिये साची बात बताउं तनै
मरदां बराबर हुई खड़ी या औरत आज दिखाउं तनै
रानी झांसी लड़ी जंग मैं उसकी याद दिलाउं तनै
कैप्टन आजाद हिन्द फौज की, बताई म्हारे शहर मैं आरी।।
देवर: हरियाणा मैं सुण भाभी, इसा रिवाज रहया नहीं सै
घर तै बाहर तमनै कदे, यो कदम धरया नहीं सै
मरद की शरण बिना री, तमनै कदे सरया नहीं सै
बीर मदर बराबर दोनूं, मनू नै मंजूर करया नहीं सै
थारी बराबरी नास करैगी, मनै याहे चिन्ता खारी।।
भाभी: न्याय युद्ध मैं तूं क्यों टैªक्टर भरकै ले ज्यावै था
तेरा यो घरबासा बतादे किस तरयां डट पावै था
आगै होकै क्यों म्हारे पै नारे खूब लुवावै था
आज मनू याद आया, जिब ना जिकर चलावै था
भाभी जावैगी जलसे मैं, रणबीर की कलम बुलारी।।
-110-
मकड़ी के जाले नै
लेज्यां म्हारे वोट करैं बुरी चोट आवै क्यों नींद रुखाले नै
घेर लिये मकड़ी के जाले नै
1. जब पाछै सी भैंस खरीदी देखी थी धार काढ़ कै हो
जब पाछै सी बीज ल्याया देख्या था खूब हांड कै हो
जब पाछै सी हैरो खरद्या देख्या था खूब चांड कै हो
जब पाछै सी नारा ल्याया देख्या था खूड काढ़ कै हो
वोटां पै रोल पाटै कोण्या तोल लावां मुंह लूटण आले नै
घेर लिये मकड़ी के जाले नै
2. घणे दिनां तै देख रही म्हारी दूनी बदहाली होगी
हमनै भकाज्यां आई बरियां इबकै खुशहाली होगी
क्यों माथे की फूट रही या दूनी कंगाली होगी
गुरू जिसे चुनकै भेजां उसी ए गुरू घंटाली होगी
छाती कै लावै क्यों नादूर भगावै इस विषहर काले नै
घेर लिये मकड़ी के जाले नै
3. ये रंग बदलैं और
जात गोत की शरम दिखा कै वोट मांग ले ज्यावैं सैं
उनके धोरै जिब जाणा हो कित का कौण बतावैं सैं
दारूं बांटैं पीस्सा बी खरचै्रं फेर हमनै ए खावैं सैं
करैं आप्पा धापी सारे पापी धाप्पैं ना किसे साले नै
घेर लिये मकड़ी के जाले नै
4. क्यों हांडै सै ठान बदलता सही ठिकाना मिल्या नहीं
बाही मैं लागू और टिकाउ ऐसा नारा हिल्या नहीं
म्हारे तन
खेतां मैं धन उपजावां सां फूल म्हारे खिल्या नहीं
साथी रणबीर बणावै सही तसबीर खींच दे असली पाले नै
घेर लिये मकड़ी के जाले नै।
-111-
सुनियो तहलका डॉट कॉम
पत्रकार रूखाले देश के, काम यो सजग सिपाही का।
एक और भण्डा फोड़ हुआ सरकार नाश की राही का।।
लूट के खागे मेरे देश नै, यो भौंचक्के से रहगे लागे
जया जेटली बंगारू और फर्नांडीस के देखो शौक
स्वदेशी का नार दें और अमरीका कै मारैं धौक
चोर-चोर मौसेरे भाई, हिसाब देवैं ना पाई का।।
पीस्यां आले कट्ठे होकै गड मड ये बतलावैं सैं
टाटा बिड़ला विश्व बैंक की नीति अड़ै चलावैं सैं
कट्ठे होकै गला पकड़ल्यो इस पूंजीपति कसाई का।।
इतनै तै भी भरता ना ये तै देश का सौदा करण लगे
लाख दो लाख चैन सोने की खूब तिजोरी भरण लगे
नैतिकता की देवैं दुहाई ये तै चीर देश की हरण लगे
भोले माणस नै ना भेद लगण दें इस दलदल की काई का।।
इन देश भगतां के काले चेहरे कर दिये पर्दाफाश तनै
जान की बाती लाकै नै बंद करी लुटेरयां की सांस तनै
तहलका-तहलका होण लागरी वाह तरूण शाबाश तनै
मुकेश कहै यो गर्व देश नै तरूण तेरी तरूणाई का।।
सोने का रांग बना
सोने का रांग बना दिया यो मोटा चाल्या होग्या हे।
खंड बना दी पतासे की गुड़ का राला होग्या हे।।
आज पीतल के उपर सोने का घोल चढ़ावैं सैं
गला घोट सच्चाई, का झूठ का
कहै अमृत जहर नै ये इसका मोल बधावैं सैं
चारों कूट करी बदमाशी मरण का
मेहनत करने आल्यां का, यो सारा खून निचोड़ लिया
देश बेच दिया दिन धौली मैं, कमीशन कई करोड़ लिया
पीस्सा आज भगवान होग्या, घर म्हारा तोड़ दिया
तहलका डॉट कॉम नै यो, सही भांडा फोड़ दिया
झूठे देश भगत होगे,
जो जात धर्म नै सींचे, वे बाग बगीचे सूक लिये
मुनाफाखोरी के चलते, म्हारे बदल सलूक लिये
ईब टोह लेल्यां किसनै, म्हारे खजाने लूट लिये
कारगिल की कुर्बानी के, दिन दिखैं ये चूक लिये
हम पै जाल गेर दिया, बैरी रूखाला होग्या हे।।
यो देखण नै के भगत सिंह, नै फांसी परनाई थी
यो देखण नै के महात्मा गांधी, नै गोली खाई थी
यो देखण नै के सुभाष बोस, नै फौज बनाई थी
यो देखण नै के रानी झांसी नै लड़ी लड़ाई थी
रणबीर चाल बिगाड़ी, चेहरा काल्ला होग्या है।।
-112-
फौजी सपने मैं
दिख्या छलनी पड़या सरहद पै शरीर की नाड़ी छूट गई।
रोती हांडू गालां के म्हा मेरी क्यों किस्मत फूट गई।।
1. तेरी पलटन कलकत्ते तै चल कै आई थी पंजाब मैं
लैफट राइट करता दीख्या थी ज्यादा अकड़ जनाब मैं
पाकिस्तानी फौज दो आब मैं मेरा कालजा या चूट गई।
रोती हांडू गालां के म्हा ...
2. हवाई जहाज बम्ब बरसावै उड़ै दनादन गोली चाली
पैंटन टैंक दाग रहे गोले चौगरदें धरती हाली
उड़ै धरती पै छाई लाली मैं पी सबर का घूंट गई।
रोती हांडू गालां के म्हा ...
3. पहल्यां कदे बी देखी ना इसी घमासान लड़ाई मनै
माणस का बैरी माणस था देखी मची तबाही मनै
तों नादिया दिखाई मनै मेरी दुनिया जण लूट गई।
रोती हांडू गालां के म्हा ...
4. थोड़ी हाण मैं मोर्चे पै लूं आगै खड़या दिखाई दिया
करै बौछार एल.एम.जी. स्याहमी पिया अड़या दिखाई दिया
फेर रणबीर पड़या दिखाई दिया या नींद मेरी तो टूट गई।
रोती हांडू गालां के म्हा ...
-113-
बासमती चावल
तीन किसम चावल म्हारे की, अमरीका ने पेटेंट कराई।
अटल सरकार रही सोवंती, इनै करदी म्हारी तबाही।।
1. अमरीका आगै गोड्डे टेके, सारे हुकम इनके मान रही
लाल कालीन रही बिछाये उस तांहि, म्हारै बंदूक तान रही
उनके उंचे महल अटारी, म्हारे घर की टूट छान रही
अमीरां के इनै छिंके काढ़ बगाये, म्हारे बढ़ा लगान रही
पेटैंट उनके हक मैं बदल्या, इनै शरम कति ना आई।।
2. सदियां तै चावल पैदा होवै, यो भारत और पाकिस्तान में
बासमती की महम निराली, उठै भारत के खलिहान में
दूसरे देसां मैं धूम माचगी नहीं था कोए और मैदान मैं
3. राइट टैक कंपनी बैरण, इनै म्हारी रोटी नहीं सुहाई
अमरीका नै लूट बढ़ादी, सबनै चौड़ै पड़ी दीख रही
म्हारी सरकार पड़ पाहयां मैं, लूट्टण के गुण सीख रही
म्हारे कामां के म्हां सरकार काढ़ आज मेन मीख रही
कति लमलेट या सरकार होगी, छोड्डी संघर्ष की राही।।
4. म्हारे पेड़ पौधे और खेती, इन सब पै खतरा मंडरावै
आई एम एफ सुण्या होगा, यो म्हारा भाई भूत बणावै
विश्व बैंक जोड़ीदार इसका, कर्जा रोजाना बढ़ता जावै
डब्ल्यू टी ओ डेढ़ी चाल चलै ईंका शिकंजा कसता आवै
बूझै रणबीर बरोने आला, क्यों हमने डली फीम की खाई।।
-114-
अमरीकन सूंडी
चौखा समझण जोगा स्याणा सै उंच नीच का ख्याल नहीं
सब किमै लुट पिट ग्या म्हारा माड़ा सा भी मलाल नहीं
1. गिहूं धान कपास बाजरा ये मंडी बीच पिटते जावैं
अमरीकन सुण्डी नाश करैं नहीं किसे कै काबू आवैं
म्हारे आज जो बणे हिम्माती ना सूंडी का इलाज बतावैं
डीजल खाद बिजली पानी पै बाधू टैक्स रोजाना लावैं
या खेती पीटी डांगर पीटे इसतै माड़ी मिसाल नहीं।।
2. जागां जागां पै ठेके दारू के दस रुपये की थैली बिकती
म्हारी कमाई जा दारू मैं जिसपै उनकी रोटी सिकती
सुल्फा स्मैक फीम ये बेचैं आंगली ना इनपै टिकती
लफंगे छागे पूरे समाज पै आज सारै इनकी धिकती
क्यों माफिया के सरदार नेता ठाया हमनै सवाल नहीं।।
3. बेटी बहू और महिला का बाहर जाणा आसान कड़ै
छेड़खानी होवै रोजाना द्रोपदी लूटी जावै आज अड़ै
पुलिस आले शामिल होगे या महाभारत कौण लड़ै
जै कृष्ण मुरारी आज्या तै उसनै बी सहनी मार पड़ै
बोल चुपाका रहकै देख लिया बचती दीखै खाल नहीं।।
4. बिन पीस्से कोए काम ना हो भ्रष्टाचार कसूता छाग्या यो
काला धन संस्कृति काली रणबीर छन्द बणा ग्या यो
काले धन नै नाश करया बरोने मैं आज सुणाग्या यो
सफेद धन की धोली संस्कृति राह सही बताग्या यो
मजबूत विचार पक्ष बिना बणै बचा की
-115-
सब्सिडी अमीरां की
म्हारी कै कट मरया अमीरां की सबसिडी बधाई देखो।
राष्ट्र भक्ति के नारे लगाकै कितनी लूट मचाई देखा।।
1. राशन प्रणाली तोड़ बगाई किसानां की भ्यां बुलवादी
बाल्को कंपनी बूझै कोए क्यों या माट्टी मोल बिकादी
धारावी झोंपड़ पट्टी की एक प्रतिशत गरीबी बतादी
आकड़यां का खेल रचाकै देश तै गरीबी जमा भगादी
स्वदेशी का सांग करया बदेशी कंपनी ये बुलाई देखो।।
2. नौकरी मिलैं आगले जनम मैं इस जन्म मैं घटावैगा
डीजल खाद बिजली म्हंगे सस्ते किसान कित पावैगा
चीनी माचीस चास बिस्कुट पहलम तै म्हंगे खावैगा
दिल के छेद आला मरीज पां पीट के मर जावैगा
छियासठ हजार नौकरी आये साल की क्यों घटाई देखो।।
3. कार न्यारी
एयर कंडीशन्ड सस्ते होंगे मंत्राी नै बताये आज
कोका पैपसी सस्ते करे बदेशियां तै हाथ मिलाये आज
नैगम कर घट दिये उत्पाद शुल्क गये बढ़ाये आज
देश बेचण की तैयारी सरकारी नहीं शरमाई देखो।।
4. किसान फांसी खा खा मरते उनकै मौज उड़ाई जावैं
निजीकरण उदारीकरण की दी घटिया ये दवाई जावैं
जात धर्म पै लड़वां के ये असली बात छिपाई जावैं
अमीर गरीब के बीच की ये खाई आज बढ़ाई जावैं
रणबीर सिंह दिल भीतर तै करता कविताई देखो।।
-116-
राजबाला जोगी का इंतजार करती है गली में बैठ कर। जोगी मिनट पहले आ जाता है। उदास है। राजबाला कारण पूछती है। क्या बताता है:-
अमरीका और धनी देश ये दुनिया मैं मौज करैं देखो।
भारत बरगे गरीब देश ये क्यों भूखे आज मरैं देखो।।
1. पाउडर लिपस्टिक पै ये छह अरब डालर फूंकैं सैं
यूरोप में नौ अरब डालर की कुल्फी खान तैना चूंकैं सैं
बारा अरब डालर का इत्रा खर्चे छिदे ए माणस उकैं सैं
सतरा अरब डालर कुत्ते खावैं, भूख मै बालक सूकैं सैं
लूट-लूट कै म्हारी कमाई, ये अपणे घर नै भरैं देखो।।
2. मनोरंजन पै अरब पैंतीस डालर खर्च जापान मैं
सिग्रेट पै पचास अरब डालर यूरोप खर्चे श्यान मैं
एक सौ पांच अरब डालर दारू खर्चा यूरोप महान मैं
दवा नशीली चार सौ अरब की पीवैं पूरे ही जहान मैं
एक साल के ये खर्चे उनके म्हारे बात नहीं जरैं देखो।।
3. ये डालर बदल कै देखा रुपइयां का कोए औड़ नहीं
धनी देश ये डांडी मारते उनका पाया कोए जोड़ नहीं
दादा गिरी करकै दाबैं हमनै बच्चा कोए बी ठोड नहीं
हथियार बणावैं दवा नशीली फैशन मैं कोए तोड़ नहीं
विकास की राही सही कोण्या विनाश राही डंग धरैं देखो।।
4. म्हारे देश मैं दलाल इनके बड्डे साहूकार बताए सैं
अपनी ज्यान बचावण नै म्हारै रोजगार घटाए सैं
अपणी ऐश बधावण नै सब खेत क्यार पिटवाए सैं
किसानां पै फांसी लावण नै ईब ये तैयार दिखाए सैं
लिखता रणबीर साची सारी बैठे महलां मैं डरैं देखो।।
-117-
थोथा अमरीका
सवा सेर अमरीका कै पाइया बाट चोट कसूती करग्या।
बुश नै धरती जमा भीड़ी होगी देख्या घणा कसूता डरग्या।।
1. घणे कहर
कट्टरवाद के बीज यो बोये कड़वा फल उसे का खाया रै
धर्म की हमेशा लिया साहरा दुज्यां का घर जलवाया रै
मानवता की देवै दुहाई खुद घड़ा पाप का भरग्या।।
2. रुक्के मारै ईब कट्ठे होल्या जुल्मी आतंकवाद मिटाणा सै
खुद आतंकवाद के सापां तै नहीं छोड्या दूध पिलाणा सै
हिन्दू भी धर्म पै कट्ठे होगे कहैं अपणा धर्म बचाणा सै
मुस्लिम आतंकवाद का डर दिखा कहैं अपणा धर्म बचाणा सै
अमरीका भीतर तै जमा खोखला सारी दुनिया कै जरग्या।।
3. अपनी दादागिरी जमावण नै कई की कड़ तोड़ गरी
जित चाहया अर जिब चाहया देशां की जबाड़ी फोड़ गरी
नशीली दवा ये हथियार बेच कै काली दौलत जोड़ गरी
इस काले धन के दम पै बांह कई देशां की मरोड़ गरी
मानवता के सारे तौर तरीके हमेश ठाकै टांड पै धरग्या।।
4. इस मानवता की किस मुंह तै देवै ई दुहाई बतादे
इराक देश पै बम बेरे क्यों कसूती करी तबाही बतादे
आतंकवाद पै काबू पाने की जुलमी कैसे दवाई बतादे
अपने हित साधण खातर म्हारे तै गलतराही बता दे
रणबीर पंजाब का आतंकवाद म्हारी खुशियां नै हरग्या।।
-118-
बेरोजगार लड़की
गरीब परिवार मैं पैदा होकै हांगा लाकै करी पढ़ाई।
सत्तर प्रतिशत नम्बर लेकै भी ना कितै नौकरी थ्याई।।
1. एम.एस.सी. कर बी.एड. करी पर आया नहीं सबेरा
कम्प्यूटर कोर्स करया मनै नहीं होया दूर अन्धेरा
हजारां लाखां मैं बिकै नौकरी सुण हिया लरजै मेरा
कदकी मेरी मां बाट देखरी यो मिलज्या दामाद कमेरा
कम नम्बर आले बाजी मारगे ना मेरी पार बसाई।।
2. गाम कै गोरै खड़ी सोचूं मैं ना इन्टरव्यू मेरा घाट गया
दिन धौली मैं चलै सिफारिस पीस्सा गले नै काट गया
मैरिट का यो झूठा रोला न्यूं सारा बेरा पाट गया
बेकारी का यो बोझ कसूता मेरा कालजा चाट गया
धरती और असमान बीच मैं ना चांदना देवै दिखाई।।
3. क्याहें काम मैं जी नहीं लाग्या न्यों मन होग्या उदास मेरा
नीदं आवै ना रहूं सोचती क्यों करते लोग उपहास मेरा
केसै कसूर बता राम जी न्यों हाथ जोड़ कै अरदास मेरा
सहज सहज इस
मां बाप की नींद ना उड़ज्या ज्यां खुद की गोली खाई।।
4. बड़ी मुश्किल तै मेडीकल मैं डॉक्टरों नै बचाई देखो
आस-पास गाम गुहांड नै बहोतै घणी बिसराई देखो
बन्धुआं नै म्हारी करी दुरगति उनकी मेर कटाई देखो
इस दल-दल तै चाहूं मुक्ति ना दीखै कोए राही देखो
चौराहे पै आण खड़ी रणबीर इसी चढ़ी करड़ाई।।
-119-
बैरी प्यार के
रूकमण धर्मा पिया बता दे बिन आई क्यों मार दिये।
बागां के थे फूल निराले क्यों इनके बणा खार दिये।।
1. सोनी महिवाल रहे भटकते क्यों उनका मटका फोड़ दिया
शशि पन्नू रहे तड़पते क्यों याराना उनका तोड़ दिया
रांझे हीर बिचालै बता क्यों अक्खन काना छोड़ दिया
लीलो चमन सच्चे साथी थे उनका प्रेम मसोड़ दिया
रूमण धर्मा पै पंचायत नै क्यों इतने बड़े त्यौहार किये।।
2. बीर मरद तै हो उत्पत्ति जाणै दुनिया सारी पिया
करना प्रेम पाप नहीं धुरतै दुनिया करती आरी पिया
दिन धौली उमैं या जोड़ी क्यों मौत के घाट उतारी पिया
हाथ पकड़ जिब तांहि थी उस बख्त ना बात बिचारी पिया
जीण मरण के जिब साथी होंगे कर पैने हथियार लिये।।
3. जिननै कदे भी प्रेम करया ना वे बैरी बणगे प्यार के
तन के उजले मन के काले ना माणस आणे प्यार के
छोरी बेच कसाई पिसाई मालिक बणगे संसार के
रात अंधेरे जुल्म कमावैं अगुवा नैतिक प्रचार के
उनके जुल्मां के कारण ये उजड़ घणे घरबार लिये।।
4. चारों तरफ दे दिखाई पिया बणै बैरी जवानां के
सही गलत का फरज भूल कै खेलैं हाथ शैतानां के
जिननै इनका कल्त करया वे माणस पिछड़े ख्यालां के
जो बैरी खिले फूलां के वे जाम नहीं इंसानां के
रणबीर इनतै लड़णे खातर कलम नै कर त्यार लिये।।
-120-
राजबाला को जागी बताता है कारगिल की लड़ाई के बाद दोनों देशों में जनता के साथ क्या हुआ भला:
जंग हथियारां तै लड़ी जाती है एक जीतेै दूजा हारै सै।
जंग का नतीजा कहैं बुरा फौजी एक दूसरे नै मारै सै।।
1. दोनों देशां मं जंग की चिन्ता गर्भपातां की संख्या बढ़गी
कई सौ फौजी ज्यान झोकेंगे सिंदूर मांगां की कढ़गी
हथियारां की कीमत ईब सात असामानां पै चढ़गी
नवाज शरीफ झूठ तेरी या स्याणी जनता पढ़गी
देशां का संकट अपणा छोह एक दूजै पै तारैं सै।।
2. जी सेवन टीब्बा बिठा देगा इसका हमनै ध्यान कड़ै सै
लड़ाई करवा हथियार बेचते जनता पै बोझ पड़ै सै
देश विकास नहीं कर पावै जंग जारी रहवै जड़ै सै
कदे पाकिस्तान आर्मी कदे भारत सरहदां उपर लड़ै सैं
अमन चैन तै रैहणा चाहिये आवाज उठी सारै सै।।
3. बेरा ना कद सी समझांगे हम असली सच्चाई नै
मत भक्कड़ बालो ईब समझो बात की गहराई नै
अपणी-अपणी जांणां पै जाकै खत्म करां लड़ाई नै
दोनों देशां की जनता चाहवै मेटना बीच की खाई नै
पूरे दिल तै कहैणा चाहूं यो गाम मनै फटकारे सै।।
4. मेरे वीर फौजी जवान सुणले दिल तेरे की जाणू मैं
तेरी हालत किसी होरी तेरी सूरत नहीं पिछाणू मैं
अपणी भावनावां का तम्बू पूरा थारे उपर ताणू मैं
जंग के हक मैं लिखूं गाणे क्यूकर बात या ठाणू मैं
रणबीर सिंह बरोने आला ज्यान दुनिया उपर वारे सै।।
-121-
जनसंख्या
कई देशां की जनसंख्या क्यों तले नै जाती जारी सै।
म्हारा क्यों बधै रोजाना नहीं बात समझ मैं आरी सै।।
1. विकास गर्भ निरोधक सै म्हारी सरकारी बतारी है
पंचात लैक्शनां पै फेर दो तै उपर रोक लगारी है
फैमली प्लानिंग फैमली प्लानिंग या रोज पुकारी है
मेहनत करण मैं आगै जनसंख्या रही या म्हारी है
विकास कई गुणा कर दिया फेर बी ना कटी बीमारी सै।।
2. गर्भ निरोधक विकास हुया ना या किसी लाचारी है
सारी खोल बताओ किसनै कित-कित डान्डी मारी है
जाहिल बेवकूफ बता किसनै म्हारी खाल उतारी है
बालकां आली दुखी क्यों दुखी जमा कंवारी है
एक बै हटकै सोचां म्हारे किसनै देई बुहारी सै।।
3. वरदान सै अक अभिशाप चर्चा छिड़गी भारी हे
छोटे बड्डे का कित जिकरा जनता दुखी सै सारी हे
अमीर जनता इसका इल्जाम गरीबां पै लगारी हे
साहू का खेल पड़ै खेलना पीस्सा बड्डा खिलारी हे
जिसपै पीस्सा भैंस उसकी कानून पै पड़ज्या भारी सै।।
4. राम जी कड़ै डिगरग्या कड़ै सोवै कृष्ण मुरारी हे
राम कृष्ण उसकी मानैं जो घणा दुष्ट पुजारी हे
बीर मरद तै हो उत्पत्ति हमनै या बात बिचारी हे
हो सही बंटवारा धन का पफेर गर्भ पै ना चलै कटारी हे
सच्चाई नै जो ल्हकोवै रणबीर वो घणा अत्याचारी सै।।
-122-
दलित महिला
माड़ी फुरसत काढ़ कै बात ध्यान तै सुण्यिो मेरी।
भीड़ी धरती होज्या सै उठती नै मनै आवै अंधेरी।।
1. खेत मजदूर पति सै मेहनत तै वो करै गुजारा
जितने
फल फूल उगावण मैं किसानां कै लाता वो सहारा
दिहाड़ी पै फेर लाठा बाजै संकट हो घणा भार्या
घुट घुट कै सहन करां ये कड़ी बात भतेरी।।
2. सात बालक जनमे माता नै पांच भाण अर दो भाई
ताप मारग्या एक जणे नै भाण मरी बिना दवाई
दूजी नै बैरण टीबी चाटगी घर मैं बची ए तबाही
दस्तां तै मरती बची वा एक राम के घर तै आई
सातां मां तै तीन बचे हम इसी घली राम की घेरी।।
3. याणी सी मैं ब्याह दी पति खेत मजदूर मदीणे का
उनका हाल बुरा देख्या ना ब्यौंत खाणे और पीणे का
चाआ गेल्यां रोटी घूंटैं यो हाल नहीं सै जीणे का
ठाडे की सै दुनिया बेबे के सै म्हारे बरगे हीणे का
क्यूकर जीवां हम सुख तै या चिन्ता खा शाम सबेरी।।
4. बालक कम हों कई बै सोचूं ना ठुकै कालजा मेरा
कितने बचैं कितने मरैंगे नहीं पटता इसका बेरा
सारे मिलकै खुभात करां पर मुश्किल होवै बसेरा
मनै समझ नहीं आवै क्यूकर मैं कैहणा मानूं तेरा
रणबीर सिंह धोरै बूझांगे चाल करै मत देरी।।
-123-
छोटा दुःखी परिवार
जमा छोटा सा परिवार म्हारा, फेर बी क्यों नहीं ठीक गुजारा।
यो चढ़ता आवै कर्जा भार्या, ज्यान मरण मैं आई म्हारी।।
1. मेहनत से हर काम किया, नहीं दो घड़ी आराम किया
किया गुण्डयां नै जीणा हराम, इनकै लगावैं कौण लगाम
डर लाग्या रहै सुबहं और शाम, इसे फिकर नै खाई सारी।।
2. हम दो म्हारे दो का सै नारा यो, फेर बी सुखी ना घर म्हारा क्यों
न्यों मनै कोए समझादयो नै, सारा खोल कै बतादयो नै
रोग की जड़ दिखाद्यो नै, क्यों होती ना सुणाई म्हारी।।
3. एक बेटा तो पढ़ता हिसार मैं, ओ पड़ता पांच-छह हजार में
घर बार मैं मेर नहीं रही हे, मन की म्हारे तै नहीं कही हे
दीखती करज की नहीं बही हे, करी ब्याज नै तबाही म्हारी।।
4. दूजा बेटा करै पढ़ाई न्यारी, बदेशी कंपनी उसनै बुलारी
भारी संकट मिलने का होग्या, ना बेरा म्हारा प्यार कित खोग्या
म्हारै नश्तर घणे चुभोग्या, न्यों या बेचैनी छाई भारी।।
5. म्हारा बाबू जी सै पंजाब में, रैहता नहीं किसे की दाब में
जनाब में कोए बी कमी ना सै, फेर बी चढ़ी म्हारी खता सै
रणबीर किसनै पता सै, क्यों बढ़ी करड़ाई म्हारी।।
-124-
इस फलोराइड नै म्हारे शरीर का कर दिया सत्यनाश
देखियो के होगा।
1. फलोराइड जहर बणकै खत्म करै म्हारे शरीर नै
दांतां नै खोदे माणस रोवै बैठ अपणी तकदीर नै
इसनै बोड़े करदिये भारतवासी होगे बहोत उदास
देखियो के होगा।।
2. हाड्डी जुड़ज्यां चाल्या जा ना जीणा मुश्किल होज्या
मानसिक तनाव बढ़ै सोचै क्यूं ना जिन्दगी खोज्या
फलोराइड जहर का हमनै ना होता कति अहसास
देखियो के होगा।।
3. दुनिया के बाइस देशां मैं फलोराइड नै कहर मचाया
हरियाणा के तेरां जिल्यां मैं इसनै जुल्म घणा
पतासे की खांड बणा दी खेती का बणा दिया घास
देखियो के होगा।।
4. फलोराइड किततै आवै सै इसका बेरा लाणा होगा रै
जन-जन नै पटज्या बेरा इसा अभियान चलाणा होगा रै
रणबीर सिंह नै छन्द बणाकै कर दिया पर्दाफाश
देखियो के होगा।।
-125-
उंची कुर्सी
जो उंची कुर्सी पर बैठे वे करते अत्याचार सखी।
घरपर बुला महिला से ये करते दुराचार सखी।।
1. दूबलधन की लड़की ने अपणी आवाज उठाई आज
अफसर कितने पानी में इनकी औकात दिखाई आज
राह हमें दिखाई आज खत्म करें भ्रष्टाचार सखी।।
2. हक पर लड़ने की खातर सही कदम उठाये देखो
ये भ्रष्ट अफसर नेता सब फिरते बौखलाये देखो
अब बच ना पाये देखो सच की उठी तलवार सखी।।
3. कहीं गिल और राठौर कहीं आज एसपी फंसे पड़े
महिलाओं का अपमान करें बुरी तरह धंसे पड़े
किसने शिकंजे कसे बड़े चुप क्यों सरकार सखी।।
4. मान सम्मान की खातर जुल्म के खिलाफ अंगड़ाई ली
सोच समझ कर आगे आओ महिलाओं ने अगवाही की
लड़की बहादुर दिखाई दी नहीं वह लाचार सखी।
-126-
बुश का पाला
सन तीन बीस मार्च का दुनिया याद करै दिन काला।
सारी दुनिया एक तरफ सै दूजी कान्ही बुश का पाला।।
1. जमींदार ज्यूकर बन्धुआ राखै न्यों बुश राख्या चाहवै
कर हांगा डरा धमकाकै सारी धरती दाब्या चाहवै
नकल सबकै घाल्या चाहवै चाहे होज्या गुड़ का राला।।
2. लूट-लूट धन म्हारा अमरीका सूना सांड छूट गया
मेहनत तै हो धन पैदा अमरीका छल तै लूट गया
यो पाप का मटका फूट गया उतरग्या आंखां का जाला।।
3. पढ़ाई मुफत देकै सद्दाम नै साक्षर इराक बनाया
इलाज दवाई मिलैं मुफत मैं सुन्दर इराक बताया
सबमैं अन्न बंटवाया जनता भजती उसकी माला।।
4. फूटी आंख अमरीका नै इराक के गुण ये सुहावैं ना
इराकी नत मस्तक हो कै बुश आगै शीश झुकावैं ना
रणबीर सुख पावैं ना जंग का बढ़ता आवै छाहला।।
-127-
तीन साल पूरे होगे
हरियाणे मैं तीन साल मैं विकास का डूंडा पाट गया।
जितनी मेहनत करी लोगां नै सारी नै नेता चाट गया।।
1. प्राइवेट कॉलेज खोले खूब शिक्षा बहोत फैलाई सै
शिक्षाबजट नहीं बढ़ाया पर फीस खूब बढ़ाई सै
गरीब कै लागी अंघाई सै जमा पढ़ण तै नाट गया।।
2. सड़कां उपर ट्रोमा सैंटर तीन साल मैं बनाए देखो
प्राइवेट अस्पतालां तांहि बढ़िया स्कीम ल्याए देखो
सरकारी कै ताले लाये देखो सब हो बारा बाट गया।।
3. कर्मचारी काम चोर होगे उनकी पींग बधाई आज
बदेशी पूंजी न्योंतण खातर देशी पढ़ण बिठाई आज
विपक्ष करै बुराई आज चौटाला खड़ी कर खाट गया।।
4. म्हंगाई भ्रष्टाचार फले फूले करी विपक्ष की पिटाई
बांह मरोड़ करे मंत्री सीधे एमएल्यां तै आंख दिखाई
सब उपलब्धि गिणवाई वोट म्हारा वो क्यों काट गया।।
-128-
तीन मुंही नागण काली म्हारे भारत देस नै डसगी।
शरीर हुया काला ईंका जनता आज कसूती फंसगी।।
1. मुद्रा कोष का फण जहरी ईका काट्टया मांगे पाणी ना
दूसरा फण विश्व बैंक का तासीर इसकी पिछाणी ना
डब्ल्यूटीओ तीजा फण सै बचै इसका डस्या प्राणी ना
नागण के सपलोटिये कहैं नागण माणस खाणी ना
ईं के जहर की छाया समाज की नस-नस मैं बसगी।।
2.
शिक्षा पै खरचा कम करो फरमान इसनै सुणा दिये
सेहत नै ना कोए लेणा देणा मन्तर गजब पढ़ा दिये
पब्लिक सेक्टर ओणे पोणे मैं इसनै आज बिका दिये
संकट मोचक बणकै आई संकट की कौली कसगी।।
3. तीन मुंही नागण के दम पै हर देश लूट कै खाया रै
गरीब देशां की हितैषी सूं इसनै यो भ्रम फैलाया रै
जी सेवन सपेरा जिसनै नागण को दूध पिलाया रै
चकाचौंध इसी मचादी अपणा दीखे आज पराया रै
ये गरीब डसे दिन धौली मौत मैं इनकी काया धंसगी।।
4. अमीर-गरीब के बीच की खाई आज और भी चौड़ी होगी
बालकां की दुर्गति करदी जवानी आज की बोड़ी होगी
म्हारे डांगर मरण लागरे ठाडी रेस की घोड़ी होगी
बदेशी तीन मंुही नागण की देशी नागण तै जोड़ी होगी
रणबीर की कविताई तै आज ज्योत अन्धेरे मैं चसगी।।
-129-
सरोज सरतो ब्याह शादी की आपस में बतलाई हे।
सरतो किसा वर चाहवै तूं सरोज नै बात चलाई हे।।
1. सरोज बाली शान्त शुभा हो माणस सबर आला हो
लिहाज राखणा आता हो विश्वास गजब निरालाहो
तन का चाहे काला हो फेर मन का कति ना काला हो
निस्वार्थ भाव का धोरी हो समझै बखत कुढ़ाला हो
दौलत का कति ना भूख हो ना जाणै घणी अंघाई हे।।
2. वो पाछली गलती तै सीखै आगे का फेर ख्याल करै
बहाने नहीं जमा बनावै कही बात तै नहीं फिरै
असलियत का हिम्माती हो दिखावै पै ना कान धरै
दहेज का लोभी नहीं हो पराई चीज पै नहीं मरै
सरतो के दिल की सारी सरोज नै बात बताई हे।।
3. उफंचा रूतबा हो उसका घमण्ड जमा ना करता हो
औरां नै बराद करकै नै ना अपने घर नै भरता हो
झूठी बात ना मानै ना साच कहणै तै डरता हो
अत्याचार कै साहमी बेबे समझ कै डिंग धरता हो
दोस्त आला बरतेवा हो नहीं समझ निरी लुगाई हे।।
4. कई गामां मैं गोत बधगे ब्याह का संकट छाया
गोत आपस मैं रोकैं जावै कैसे बालक ब्याहया
खेड़े आले गोत तै न्यारा ना चाहिये गोत उकाया
गोतां के रोजै रोले रणबीर इस चिन्ता नै खाया
झूठा रोला गोतां का सरतो सरोज नै समझाई हे।।
-130-
कई गोतां के लोग बसैं भाली इसा गाम बताया।
के भाली का जिकरा ना कइयां का हाल सुणाया।।
1. महज पलड़वाल कुण्डु नान्दल कुहार बसैं
रूहिल हुड्डा लठवाल दांगी बुधवार बसैं
धनखड़ अहलावत के उड़ै परिवार बसैं
सहारण के घर बारा उनके घरबार बसैं
तेरा गोत बसैं उड़ै तीन का भाई चारा दिखाया।।
2. रोहज पलड़वाल का आपस मैं भाई चारा सै
सहारण भी गेल्यां इनके नहीं इनतै न्यारा सै
बाकियां की ब्याह शादी का खूबै उड़ै डंगवारा सै
कोए तकरार नहीं सै ना मन किसे का खारा सै
जै सारे गोत अड़ लालें तै गाम जा पूरा सताया।।
3. लकड़िया मैं दहिया के चौबीस घर बताये सैं
दहिया अपणी छोरियां नै उड़ै ब्याहन्ते आये सैं
ये रिवाज नये बास मैं क्यों ना गए परणाये सैं
पुरानी बेड़ी ईब तोड़ां नौजवान तंग पाये सैं
सरोज मामले में खामखा दहिया नै पां फंसाया।।
4. कई गामां मैं गोत बधे ब्याह का संकट छाया
गोत आपस मैं रोकैं जावै कैसे बालक ब्याहया
खेड़े आले गोत तै न्यारा ना चाहिये गोत उकाया
गोतां के रोजै रोले रणबीर सिंह चिन्ता नै खाया
मिल कै राह का
-106-
नपूता स्टोव
के बूझै सै भाण चमेली सारा तो तनै बेरा हे।
देख देख इसी करतूतां नै बिंध्या कालजा मेरा हे।।
1. नणद मारदी दिन धौली घणा बूरा जमाना आया
स्टोव नपूते नै बी बेबे म्हारी कान्ही मुंह बाया
कोसली हो चाहे गोहाना घणा कसूता जुलम कमाया
किस-किस का जिकरा हे आज दुर्योधन बी शरमाया
जली नहीं सै गई जलाई न्यों छाया आज अन्धेरा हे।।
2. इस देस मैं छोरी पैदा होण पै सारे छा मुरदाई जा
छोरे कै उपर बाजै थाली घणीए खुशी मनाई जा
जिसकै होवैं लागती छोरी वा निरभाग बताई जा
इसी दोषी कहैं बीर नै न्यों भारी आ करड़ाई जा
म्हारी समझ मैं आया कोण्या यो बिघनां का घेरा हे।।
3. मनू महाराज नै भाण चमेली कसूता अत्याचार कर्या
लूला लंगड़ा गंवार और कोढ़ी पति म्हारा स्वीकार कर्या
नाड़ झुका और गूंगी बणकै हुकम हमं अंगीकार कर्या
नाड़ उठाकै जो बोली उसतै कुल्टा सा ब्यौहार कर्या
हमनै नागण कहै माणस क्यों कण्या चाहवै सपेरा हे।।
4. पां की जूती बरोबर म्हारी क्यों तसबीर दिखाई जा
राज करण की छोर्यां तै पूरी तदबीर बताई जा
बीर नै गम खाणा चाहिये म्हारी तकदीर सिखाई जा
म्हारे बासी खीचड़ी थ्यावै उननै हल्वा खीर खिलाई जा
रणबीर सिंह ना झूंठ लिखै सै गाम बरोने डेरा हे।।
-107-
गुर्दे फेल होगे
मरण के हाल होगे गुर्दे मैं खराबी आगी रै।
गुर्दे फेल बातवैं डॉक्टर मेरै चिन्ता लागी रै।।
1. दस लाख का नया गुर्दा अमृतसर मैं लावैं सै
लाये पाछै रोज का खर्च सात सौ का बतावैं सैं
घर आले खड़े लखावैं सैं मेरी चिन्ता खागी रै
गुर्दे फेल बतावैं डॉक्टर ...
2. बेटे के खून का नम्बर सै ओ नैगेटिव पाया
मेरे खून के नम्बर तै इसनै मेल नहीं खाया
मैं दिल्ली गया खंदाया उड़ै खून मार्केट पागी रै
गुर्दे फेल बतावैं डॉक्टर ...
3. उड़ै बी तीन लाख खर्चे के डॉक्टरों नै बताया यो
मुफत इलाज आल इण्डिया मैं थोथा नारा पाया यो
तीजां पै कुछ ना भाया यो मनै मौत दीखै सागी रै
गुर्दे फेल बतावैं डॉक्टर ...
4. रणबीर बरोने आले की कोण्या पार बसावै रै
कोए बताद्यो छोटू अपना इलाज कडै़ करावै रै
सोचै कद सी मौत आवै रै म्हंगाई धुम्मा ठागी रै
गुर्दे फेल बतावैं डॉक्टर ...
-108-
एक बार सुभाष बोस और लक्ष्मी सहगल के बीच बातचीत
होती है कि आजादी के बाद हिन्दुस्तान का क्या नक्शा होगा ?
कैसा हिंदुस्तान हम बनाना चाहते हैं तो सुभाष बोसे कुछ देर
सोचते हैं और अपने सपनों के भारत के बारे में बताते हैं |
क्या बताया भला --
लालच लूट खसोट बचै नहीं ईसा हिन्दुस्तान बसावांगे।
धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बणावांगे।।
नई तरां का इन्सान उभरै नई तरां के म्हारे समाज मैं
नई बात और बोल नये कहं जां नये सुर और साज मैं
बीमारी हो ही नहीं पावै विज्ञान नै लोक हित मैं लावांगे।।
दोगली शिक्षा का खात्मा हो ज्ञान पिटारा यो इन्सान होज्या
नाड़ काट मुकाबला रहै ना एक दूजे का सम्मान होज्या
भ्रष्टाचार नहीं टोहया पावै इसका नामो निशान मिटावांगे।।
मुनाफा मंजिल नहीं रहै ना चारों तरफ घमासान मचै
लाठी की भैंस नहीं रहै ना हथियारां का फेर सम्मान बचै
प्रदूषण बढ़ता जा धरती शमशान होण तै बचावांगे।।
महिला नै इन्सान समझां रीत खत्म हो दोयम दरजे की
नौजवानां नै मिलै सही रास्ता ना मार बचै इस करजे की
जातपात खत्म हो सारे कै इन्सान बणां बिगुल बजावांगे।।
-109-
देवर: बण ठण कै भाभी री तनै आज करी कित जाने की तैयारी।
भाभी: लक्ष्मी सहगल आजाद हिंद फौज की जंग का बीड़ी ठारी।।
देवर: जलसे और जलूसां मैं यो बीर का जाणा नहीं नहीं
खानदान कै बट्टा लागै इसा कदम उठाणा नहीं नहीं
शहर की सड़कां उपर थारा न्यों नारे लाणा नहीं नहीं
बालक भूखे मरैंगे घर मैं रहवै पीणा खाणा नहीं नहीं
बात मानिये भाभी मेरी मनै बेरा महिला समिति भकारी।।
भाभी: देवर कान खोल कै सुनिये साची बात बताउं तनै
मरदां बराबर हुई खड़ी या औरत आज दिखाउं तनै
रानी झांसी लड़ी जंग मैं उसकी याद दिलाउं तनै
कैप्टन आजाद हिन्द फौज की, बताई म्हारे शहर मैं आरी।।
देवर: हरियाणा मैं सुण भाभी, इसा रिवाज रहया नहीं सै
घर तै बाहर तमनै कदे, यो कदम धरया नहीं सै
मरद की शरण बिना री, तमनै कदे सरया नहीं सै
बीर मदर बराबर दोनूं, मनू नै मंजूर करया नहीं सै
थारी बराबरी नास करैगी, मनै याहे चिन्ता खारी।।
भाभी: न्याय युद्ध मैं तूं क्यों टैªक्टर भरकै ले ज्यावै था
तेरा यो घरबासा बतादे किस तरयां डट पावै था
आगै होकै क्यों म्हारे पै नारे खूब लुवावै था
आज मनू याद आया, जिब ना जिकर चलावै था
भाभी जावैगी जलसे मैं, रणबीर की कलम बुलारी।।
-110-
मकड़ी के जाले नै
लेज्यां म्हारे वोट करैं बुरी चोट आवै क्यों नींद रुखाले नै
घेर लिये मकड़ी के जाले नै
1. जब पाछै सी भैंस खरीदी देखी थी धार काढ़ कै हो
जब पाछै सी बीज ल्याया देख्या था खूब हांड कै हो
जब पाछै सी हैरो खरद्या देख्या था खूब चांड कै हो
जब पाछै सी नारा ल्याया देख्या था खूड काढ़ कै हो
वोटां पै रोल पाटै कोण्या तोल लावां मुंह लूटण आले नै
घेर लिये मकड़ी के जाले नै
2. घणे दिनां तै देख रही म्हारी दूनी बदहाली होगी
हमनै भकाज्यां आई बरियां इबकै खुशहाली होगी
क्यों माथे की फूट रही या दूनी कंगाली होगी
गुरू जिसे चुनकै भेजां उसी ए गुरू घंटाली होगी
छाती कै लावै क्यों नादूर भगावै इस विषहर काले नै
घेर लिये मकड़ी के जाले नै
3. ये रंग बदलैं और
जात गोत की शरम दिखा कै वोट मांग ले ज्यावैं सैं
उनके धोरै जिब जाणा हो कित का कौण बतावैं सैं
दारूं बांटैं पीस्सा बी खरचै्रं फेर हमनै ए खावैं सैं
करैं आप्पा धापी सारे पापी धाप्पैं ना किसे साले नै
घेर लिये मकड़ी के जाले नै
4. क्यों हांडै सै ठान बदलता सही ठिकाना मिल्या नहीं
बाही मैं लागू और टिकाउ ऐसा नारा हिल्या नहीं
म्हारे तन
खेतां मैं धन उपजावां सां फूल म्हारे खिल्या नहीं
साथी रणबीर बणावै सही तसबीर खींच दे असली पाले नै
घेर लिये मकड़ी के जाले नै।
-111-
सुनियो तहलका डॉट कॉम
पत्रकार रूखाले देश के, काम यो सजग सिपाही का।
एक और भण्डा फोड़ हुआ सरकार नाश की राही का।।
लूट के खागे मेरे देश नै, यो भौंचक्के से रहगे लागे
जया जेटली बंगारू और फर्नांडीस के देखो शौक
स्वदेशी का नार दें और अमरीका कै मारैं धौक
चोर-चोर मौसेरे भाई, हिसाब देवैं ना पाई का।।
पीस्यां आले कट्ठे होकै गड मड ये बतलावैं सैं
टाटा बिड़ला विश्व बैंक की नीति अड़ै चलावैं सैं
कट्ठे होकै गला पकड़ल्यो इस पूंजीपति कसाई का।।
इतनै तै भी भरता ना ये तै देश का सौदा करण लगे
लाख दो लाख चैन सोने की खूब तिजोरी भरण लगे
नैतिकता की देवैं दुहाई ये तै चीर देश की हरण लगे
भोले माणस नै ना भेद लगण दें इस दलदल की काई का।।
इन देश भगतां के काले चेहरे कर दिये पर्दाफाश तनै
जान की बाती लाकै नै बंद करी लुटेरयां की सांस तनै
तहलका-तहलका होण लागरी वाह तरूण शाबाश तनै
मुकेश कहै यो गर्व देश नै तरूण तेरी तरूणाई का।।
सोने का रांग बना
सोने का रांग बना दिया यो मोटा चाल्या होग्या हे।
खंड बना दी पतासे की गुड़ का राला होग्या हे।।
आज पीतल के उपर सोने का घोल चढ़ावैं सैं
गला घोट सच्चाई, का झूठ का
कहै अमृत जहर नै ये इसका मोल बधावैं सैं
चारों कूट करी बदमाशी मरण का
मेहनत करने आल्यां का, यो सारा खून निचोड़ लिया
देश बेच दिया दिन धौली मैं, कमीशन कई करोड़ लिया
पीस्सा आज भगवान होग्या, घर म्हारा तोड़ दिया
तहलका डॉट कॉम नै यो, सही भांडा फोड़ दिया
झूठे देश भगत होगे,
जो जात धर्म नै सींचे, वे बाग बगीचे सूक लिये
मुनाफाखोरी के चलते, म्हारे बदल सलूक लिये
ईब टोह लेल्यां किसनै, म्हारे खजाने लूट लिये
कारगिल की कुर्बानी के, दिन दिखैं ये चूक लिये
हम पै जाल गेर दिया, बैरी रूखाला होग्या हे।।
यो देखण नै के भगत सिंह, नै फांसी परनाई थी
यो देखण नै के महात्मा गांधी, नै गोली खाई थी
यो देखण नै के सुभाष बोस, नै फौज बनाई थी
यो देखण नै के रानी झांसी नै लड़ी लड़ाई थी
रणबीर चाल बिगाड़ी, चेहरा काल्ला होग्या है।।
-112-
फौजी सपने मैं
दिख्या छलनी पड़या सरहद पै शरीर की नाड़ी छूट गई।
रोती हांडू गालां के म्हा मेरी क्यों किस्मत फूट गई।।
1. तेरी पलटन कलकत्ते तै चल कै आई थी पंजाब मैं
लैफट राइट करता दीख्या थी ज्यादा अकड़ जनाब मैं
पाकिस्तानी फौज दो आब मैं मेरा कालजा या चूट गई।
रोती हांडू गालां के म्हा ...
2. हवाई जहाज बम्ब बरसावै उड़ै दनादन गोली चाली
पैंटन टैंक दाग रहे गोले चौगरदें धरती हाली
उड़ै धरती पै छाई लाली मैं पी सबर का घूंट गई।
रोती हांडू गालां के म्हा ...
3. पहल्यां कदे बी देखी ना इसी घमासान लड़ाई मनै
माणस का बैरी माणस था देखी मची तबाही मनै
तों नादिया दिखाई मनै मेरी दुनिया जण लूट गई।
रोती हांडू गालां के म्हा ...
4. थोड़ी हाण मैं मोर्चे पै लूं आगै खड़या दिखाई दिया
करै बौछार एल.एम.जी. स्याहमी पिया अड़या दिखाई दिया
फेर रणबीर पड़या दिखाई दिया या नींद मेरी तो टूट गई।
रोती हांडू गालां के म्हा ...
-113-
बासमती चावल
तीन किसम चावल म्हारे की, अमरीका ने पेटेंट कराई।
अटल सरकार रही सोवंती, इनै करदी म्हारी तबाही।।
1. अमरीका आगै गोड्डे टेके, सारे हुकम इनके मान रही
लाल कालीन रही बिछाये उस तांहि, म्हारै बंदूक तान रही
उनके उंचे महल अटारी, म्हारे घर की टूट छान रही
अमीरां के इनै छिंके काढ़ बगाये, म्हारे बढ़ा लगान रही
पेटैंट उनके हक मैं बदल्या, इनै शरम कति ना आई।।
2. सदियां तै चावल पैदा होवै, यो भारत और पाकिस्तान में
बासमती की महम निराली, उठै भारत के खलिहान में
दूसरे देसां मैं धूम माचगी नहीं था कोए और मैदान मैं
3. राइट टैक कंपनी बैरण, इनै म्हारी रोटी नहीं सुहाई
अमरीका नै लूट बढ़ादी, सबनै चौड़ै पड़ी दीख रही
म्हारी सरकार पड़ पाहयां मैं, लूट्टण के गुण सीख रही
म्हारे कामां के म्हां सरकार काढ़ आज मेन मीख रही
कति लमलेट या सरकार होगी, छोड्डी संघर्ष की राही।।
4. म्हारे पेड़ पौधे और खेती, इन सब पै खतरा मंडरावै
आई एम एफ सुण्या होगा, यो म्हारा भाई भूत बणावै
विश्व बैंक जोड़ीदार इसका, कर्जा रोजाना बढ़ता जावै
डब्ल्यू टी ओ डेढ़ी चाल चलै ईंका शिकंजा कसता आवै
बूझै रणबीर बरोने आला, क्यों हमने डली फीम की खाई।।
-114-
अमरीकन सूंडी
चौखा समझण जोगा स्याणा सै उंच नीच का ख्याल नहीं
सब किमै लुट पिट ग्या म्हारा माड़ा सा भी मलाल नहीं
1. गिहूं धान कपास बाजरा ये मंडी बीच पिटते जावैं
अमरीकन सुण्डी नाश करैं नहीं किसे कै काबू आवैं
म्हारे आज जो बणे हिम्माती ना सूंडी का इलाज बतावैं
डीजल खाद बिजली पानी पै बाधू टैक्स रोजाना लावैं
या खेती पीटी डांगर पीटे इसतै माड़ी मिसाल नहीं।।
2. जागां जागां पै ठेके दारू के दस रुपये की थैली बिकती
म्हारी कमाई जा दारू मैं जिसपै उनकी रोटी सिकती
सुल्फा स्मैक फीम ये बेचैं आंगली ना इनपै टिकती
लफंगे छागे पूरे समाज पै आज सारै इनकी धिकती
क्यों माफिया के सरदार नेता ठाया हमनै सवाल नहीं।।
3. बेटी बहू और महिला का बाहर जाणा आसान कड़ै
छेड़खानी होवै रोजाना द्रोपदी लूटी जावै आज अड़ै
पुलिस आले शामिल होगे या महाभारत कौण लड़ै
जै कृष्ण मुरारी आज्या तै उसनै बी सहनी मार पड़ै
बोल चुपाका रहकै देख लिया बचती दीखै खाल नहीं।।
4. बिन पीस्से कोए काम ना हो भ्रष्टाचार कसूता छाग्या यो
काला धन संस्कृति काली रणबीर छन्द बणा ग्या यो
काले धन नै नाश करया बरोने मैं आज सुणाग्या यो
सफेद धन की धोली संस्कृति राह सही बताग्या यो
मजबूत विचार पक्ष बिना बणै बचा की
-115-
सब्सिडी अमीरां की
म्हारी कै कट मरया अमीरां की सबसिडी बधाई देखो।
राष्ट्र भक्ति के नारे लगाकै कितनी लूट मचाई देखा।।
1. राशन प्रणाली तोड़ बगाई किसानां की भ्यां बुलवादी
बाल्को कंपनी बूझै कोए क्यों या माट्टी मोल बिकादी
धारावी झोंपड़ पट्टी की एक प्रतिशत गरीबी बतादी
आकड़यां का खेल रचाकै देश तै गरीबी जमा भगादी
स्वदेशी का सांग करया बदेशी कंपनी ये बुलाई देखो।।
2. नौकरी मिलैं आगले जनम मैं इस जन्म मैं घटावैगा
डीजल खाद बिजली म्हंगे सस्ते किसान कित पावैगा
चीनी माचीस चास बिस्कुट पहलम तै म्हंगे खावैगा
दिल के छेद आला मरीज पां पीट के मर जावैगा
छियासठ हजार नौकरी आये साल की क्यों घटाई देखो।।
3. कार न्यारी
एयर कंडीशन्ड सस्ते होंगे मंत्राी नै बताये आज
कोका पैपसी सस्ते करे बदेशियां तै हाथ मिलाये आज
नैगम कर घट दिये उत्पाद शुल्क गये बढ़ाये आज
देश बेचण की तैयारी सरकारी नहीं शरमाई देखो।।
4. किसान फांसी खा खा मरते उनकै मौज उड़ाई जावैं
निजीकरण उदारीकरण की दी घटिया ये दवाई जावैं
जात धर्म पै लड़वां के ये असली बात छिपाई जावैं
अमीर गरीब के बीच की ये खाई आज बढ़ाई जावैं
रणबीर सिंह दिल भीतर तै करता कविताई देखो।।
-116-
राजबाला जोगी का इंतजार करती है गली में बैठ कर। जोगी मिनट पहले आ जाता है। उदास है। राजबाला कारण पूछती है। क्या बताता है:-
अमरीका और धनी देश ये दुनिया मैं मौज करैं देखो।
भारत बरगे गरीब देश ये क्यों भूखे आज मरैं देखो।।
1. पाउडर लिपस्टिक पै ये छह अरब डालर फूंकैं सैं
यूरोप में नौ अरब डालर की कुल्फी खान तैना चूंकैं सैं
बारा अरब डालर का इत्रा खर्चे छिदे ए माणस उकैं सैं
सतरा अरब डालर कुत्ते खावैं, भूख मै बालक सूकैं सैं
लूट-लूट कै म्हारी कमाई, ये अपणे घर नै भरैं देखो।।
2. मनोरंजन पै अरब पैंतीस डालर खर्च जापान मैं
सिग्रेट पै पचास अरब डालर यूरोप खर्चे श्यान मैं
एक सौ पांच अरब डालर दारू खर्चा यूरोप महान मैं
दवा नशीली चार सौ अरब की पीवैं पूरे ही जहान मैं
एक साल के ये खर्चे उनके म्हारे बात नहीं जरैं देखो।।
3. ये डालर बदल कै देखा रुपइयां का कोए औड़ नहीं
धनी देश ये डांडी मारते उनका पाया कोए जोड़ नहीं
दादा गिरी करकै दाबैं हमनै बच्चा कोए बी ठोड नहीं
हथियार बणावैं दवा नशीली फैशन मैं कोए तोड़ नहीं
विकास की राही सही कोण्या विनाश राही डंग धरैं देखो।।
4. म्हारे देश मैं दलाल इनके बड्डे साहूकार बताए सैं
अपनी ज्यान बचावण नै म्हारै रोजगार घटाए सैं
अपणी ऐश बधावण नै सब खेत क्यार पिटवाए सैं
किसानां पै फांसी लावण नै ईब ये तैयार दिखाए सैं
लिखता रणबीर साची सारी बैठे महलां मैं डरैं देखो।।
-117-
थोथा अमरीका
सवा सेर अमरीका कै पाइया बाट चोट कसूती करग्या।
बुश नै धरती जमा भीड़ी होगी देख्या घणा कसूता डरग्या।।
1. घणे कहर
कट्टरवाद के बीज यो बोये कड़वा फल उसे का खाया रै
धर्म की हमेशा लिया साहरा दुज्यां का घर जलवाया रै
मानवता की देवै दुहाई खुद घड़ा पाप का भरग्या।।
2. रुक्के मारै ईब कट्ठे होल्या जुल्मी आतंकवाद मिटाणा सै
खुद आतंकवाद के सापां तै नहीं छोड्या दूध पिलाणा सै
हिन्दू भी धर्म पै कट्ठे होगे कहैं अपणा धर्म बचाणा सै
मुस्लिम आतंकवाद का डर दिखा कहैं अपणा धर्म बचाणा सै
अमरीका भीतर तै जमा खोखला सारी दुनिया कै जरग्या।।
3. अपनी दादागिरी जमावण नै कई की कड़ तोड़ गरी
जित चाहया अर जिब चाहया देशां की जबाड़ी फोड़ गरी
नशीली दवा ये हथियार बेच कै काली दौलत जोड़ गरी
इस काले धन के दम पै बांह कई देशां की मरोड़ गरी
मानवता के सारे तौर तरीके हमेश ठाकै टांड पै धरग्या।।
4. इस मानवता की किस मुंह तै देवै ई दुहाई बतादे
इराक देश पै बम बेरे क्यों कसूती करी तबाही बतादे
आतंकवाद पै काबू पाने की जुलमी कैसे दवाई बतादे
अपने हित साधण खातर म्हारे तै गलतराही बता दे
रणबीर पंजाब का आतंकवाद म्हारी खुशियां नै हरग्या।।
-118-
बेरोजगार लड़की
गरीब परिवार मैं पैदा होकै हांगा लाकै करी पढ़ाई।
सत्तर प्रतिशत नम्बर लेकै भी ना कितै नौकरी थ्याई।।
1. एम.एस.सी. कर बी.एड. करी पर आया नहीं सबेरा
कम्प्यूटर कोर्स करया मनै नहीं होया दूर अन्धेरा
हजारां लाखां मैं बिकै नौकरी सुण हिया लरजै मेरा
कदकी मेरी मां बाट देखरी यो मिलज्या दामाद कमेरा
कम नम्बर आले बाजी मारगे ना मेरी पार बसाई।।
2. गाम कै गोरै खड़ी सोचूं मैं ना इन्टरव्यू मेरा घाट गया
दिन धौली मैं चलै सिफारिस पीस्सा गले नै काट गया
मैरिट का यो झूठा रोला न्यूं सारा बेरा पाट गया
बेकारी का यो बोझ कसूता मेरा कालजा चाट गया
धरती और असमान बीच मैं ना चांदना देवै दिखाई।।
3. क्याहें काम मैं जी नहीं लाग्या न्यों मन होग्या उदास मेरा
नीदं आवै ना रहूं सोचती क्यों करते लोग उपहास मेरा
केसै कसूर बता राम जी न्यों हाथ जोड़ कै अरदास मेरा
सहज सहज इस
मां बाप की नींद ना उड़ज्या ज्यां खुद की गोली खाई।।
4. बड़ी मुश्किल तै मेडीकल मैं डॉक्टरों नै बचाई देखो
आस-पास गाम गुहांड नै बहोतै घणी बिसराई देखो
बन्धुआं नै म्हारी करी दुरगति उनकी मेर कटाई देखो
इस दल-दल तै चाहूं मुक्ति ना दीखै कोए राही देखो
चौराहे पै आण खड़ी रणबीर इसी चढ़ी करड़ाई।।
-119-
बैरी प्यार के
रूकमण धर्मा पिया बता दे बिन आई क्यों मार दिये।
बागां के थे फूल निराले क्यों इनके बणा खार दिये।।
1. सोनी महिवाल रहे भटकते क्यों उनका मटका फोड़ दिया
शशि पन्नू रहे तड़पते क्यों याराना उनका तोड़ दिया
रांझे हीर बिचालै बता क्यों अक्खन काना छोड़ दिया
लीलो चमन सच्चे साथी थे उनका प्रेम मसोड़ दिया
रूमण धर्मा पै पंचायत नै क्यों इतने बड़े त्यौहार किये।।
2. बीर मरद तै हो उत्पत्ति जाणै दुनिया सारी पिया
करना प्रेम पाप नहीं धुरतै दुनिया करती आरी पिया
दिन धौली उमैं या जोड़ी क्यों मौत के घाट उतारी पिया
हाथ पकड़ जिब तांहि थी उस बख्त ना बात बिचारी पिया
जीण मरण के जिब साथी होंगे कर पैने हथियार लिये।।
3. जिननै कदे भी प्रेम करया ना वे बैरी बणगे प्यार के
तन के उजले मन के काले ना माणस आणे प्यार के
छोरी बेच कसाई पिसाई मालिक बणगे संसार के
रात अंधेरे जुल्म कमावैं अगुवा नैतिक प्रचार के
उनके जुल्मां के कारण ये उजड़ घणे घरबार लिये।।
4. चारों तरफ दे दिखाई पिया बणै बैरी जवानां के
सही गलत का फरज भूल कै खेलैं हाथ शैतानां के
जिननै इनका कल्त करया वे माणस पिछड़े ख्यालां के
जो बैरी खिले फूलां के वे जाम नहीं इंसानां के
रणबीर इनतै लड़णे खातर कलम नै कर त्यार लिये।।
-120-
राजबाला को जागी बताता है कारगिल की लड़ाई के बाद दोनों देशों में जनता के साथ क्या हुआ भला:
जंग हथियारां तै लड़ी जाती है एक जीतेै दूजा हारै सै।
जंग का नतीजा कहैं बुरा फौजी एक दूसरे नै मारै सै।।
1. दोनों देशां मं जंग की चिन्ता गर्भपातां की संख्या बढ़गी
कई सौ फौजी ज्यान झोकेंगे सिंदूर मांगां की कढ़गी
हथियारां की कीमत ईब सात असामानां पै चढ़गी
नवाज शरीफ झूठ तेरी या स्याणी जनता पढ़गी
देशां का संकट अपणा छोह एक दूजै पै तारैं सै।।
2. जी सेवन टीब्बा बिठा देगा इसका हमनै ध्यान कड़ै सै
लड़ाई करवा हथियार बेचते जनता पै बोझ पड़ै सै
देश विकास नहीं कर पावै जंग जारी रहवै जड़ै सै
कदे पाकिस्तान आर्मी कदे भारत सरहदां उपर लड़ै सैं
अमन चैन तै रैहणा चाहिये आवाज उठी सारै सै।।
3. बेरा ना कद सी समझांगे हम असली सच्चाई नै
मत भक्कड़ बालो ईब समझो बात की गहराई नै
अपणी-अपणी जांणां पै जाकै खत्म करां लड़ाई नै
दोनों देशां की जनता चाहवै मेटना बीच की खाई नै
पूरे दिल तै कहैणा चाहूं यो गाम मनै फटकारे सै।।
4. मेरे वीर फौजी जवान सुणले दिल तेरे की जाणू मैं
तेरी हालत किसी होरी तेरी सूरत नहीं पिछाणू मैं
अपणी भावनावां का तम्बू पूरा थारे उपर ताणू मैं
जंग के हक मैं लिखूं गाणे क्यूकर बात या ठाणू मैं
रणबीर सिंह बरोने आला ज्यान दुनिया उपर वारे सै।।
-121-
जनसंख्या
कई देशां की जनसंख्या क्यों तले नै जाती जारी सै।
म्हारा क्यों बधै रोजाना नहीं बात समझ मैं आरी सै।।
1. विकास गर्भ निरोधक सै म्हारी सरकारी बतारी है
पंचात लैक्शनां पै फेर दो तै उपर रोक लगारी है
फैमली प्लानिंग फैमली प्लानिंग या रोज पुकारी है
मेहनत करण मैं आगै जनसंख्या रही या म्हारी है
विकास कई गुणा कर दिया फेर बी ना कटी बीमारी सै।।
2. गर्भ निरोधक विकास हुया ना या किसी लाचारी है
सारी खोल बताओ किसनै कित-कित डान्डी मारी है
जाहिल बेवकूफ बता किसनै म्हारी खाल उतारी है
बालकां आली दुखी क्यों दुखी जमा कंवारी है
एक बै हटकै सोचां म्हारे किसनै देई बुहारी सै।।
3. वरदान सै अक अभिशाप चर्चा छिड़गी भारी हे
छोटे बड्डे का कित जिकरा जनता दुखी सै सारी हे
अमीर जनता इसका इल्जाम गरीबां पै लगारी हे
साहू का खेल पड़ै खेलना पीस्सा बड्डा खिलारी हे
जिसपै पीस्सा भैंस उसकी कानून पै पड़ज्या भारी सै।।
4. राम जी कड़ै डिगरग्या कड़ै सोवै कृष्ण मुरारी हे
राम कृष्ण उसकी मानैं जो घणा दुष्ट पुजारी हे
बीर मरद तै हो उत्पत्ति हमनै या बात बिचारी हे
हो सही बंटवारा धन का पफेर गर्भ पै ना चलै कटारी हे
सच्चाई नै जो ल्हकोवै रणबीर वो घणा अत्याचारी सै।।
-122-
दलित महिला
माड़ी फुरसत काढ़ कै बात ध्यान तै सुण्यिो मेरी।
भीड़ी धरती होज्या सै उठती नै मनै आवै अंधेरी।।
1. खेत मजदूर पति सै मेहनत तै वो करै गुजारा
जितने
फल फूल उगावण मैं किसानां कै लाता वो सहारा
दिहाड़ी पै फेर लाठा बाजै संकट हो घणा भार्या
घुट घुट कै सहन करां ये कड़ी बात भतेरी।।
2. सात बालक जनमे माता नै पांच भाण अर दो भाई
ताप मारग्या एक जणे नै भाण मरी बिना दवाई
दूजी नै बैरण टीबी चाटगी घर मैं बची ए तबाही
दस्तां तै मरती बची वा एक राम के घर तै आई
सातां मां तै तीन बचे हम इसी घली राम की घेरी।।
3. याणी सी मैं ब्याह दी पति खेत मजदूर मदीणे का
उनका हाल बुरा देख्या ना ब्यौंत खाणे और पीणे का
चाआ गेल्यां रोटी घूंटैं यो हाल नहीं सै जीणे का
ठाडे की सै दुनिया बेबे के सै म्हारे बरगे हीणे का
क्यूकर जीवां हम सुख तै या चिन्ता खा शाम सबेरी।।
4. बालक कम हों कई बै सोचूं ना ठुकै कालजा मेरा
कितने बचैं कितने मरैंगे नहीं पटता इसका बेरा
सारे मिलकै खुभात करां पर मुश्किल होवै बसेरा
मनै समझ नहीं आवै क्यूकर मैं कैहणा मानूं तेरा
रणबीर सिंह धोरै बूझांगे चाल करै मत देरी।।
-123-
छोटा दुःखी परिवार
जमा छोटा सा परिवार म्हारा, फेर बी क्यों नहीं ठीक गुजारा।
यो चढ़ता आवै कर्जा भार्या, ज्यान मरण मैं आई म्हारी।।
1. मेहनत से हर काम किया, नहीं दो घड़ी आराम किया
किया गुण्डयां नै जीणा हराम, इनकै लगावैं कौण लगाम
डर लाग्या रहै सुबहं और शाम, इसे फिकर नै खाई सारी।।
2. हम दो म्हारे दो का सै नारा यो, फेर बी सुखी ना घर म्हारा क्यों
न्यों मनै कोए समझादयो नै, सारा खोल कै बतादयो नै
रोग की जड़ दिखाद्यो नै, क्यों होती ना सुणाई म्हारी।।
3. एक बेटा तो पढ़ता हिसार मैं, ओ पड़ता पांच-छह हजार में
घर बार मैं मेर नहीं रही हे, मन की म्हारे तै नहीं कही हे
दीखती करज की नहीं बही हे, करी ब्याज नै तबाही म्हारी।।
4. दूजा बेटा करै पढ़ाई न्यारी, बदेशी कंपनी उसनै बुलारी
भारी संकट मिलने का होग्या, ना बेरा म्हारा प्यार कित खोग्या
म्हारै नश्तर घणे चुभोग्या, न्यों या बेचैनी छाई भारी।।
5. म्हारा बाबू जी सै पंजाब में, रैहता नहीं किसे की दाब में
जनाब में कोए बी कमी ना सै, फेर बी चढ़ी म्हारी खता सै
रणबीर किसनै पता सै, क्यों बढ़ी करड़ाई म्हारी।।
-124-
इस फलोराइड नै म्हारे शरीर का कर दिया सत्यनाश
देखियो के होगा।
1. फलोराइड जहर बणकै खत्म करै म्हारे शरीर नै
दांतां नै खोदे माणस रोवै बैठ अपणी तकदीर नै
इसनै बोड़े करदिये भारतवासी होगे बहोत उदास
देखियो के होगा।।
2. हाड्डी जुड़ज्यां चाल्या जा ना जीणा मुश्किल होज्या
मानसिक तनाव बढ़ै सोचै क्यूं ना जिन्दगी खोज्या
फलोराइड जहर का हमनै ना होता कति अहसास
देखियो के होगा।।
3. दुनिया के बाइस देशां मैं फलोराइड नै कहर मचाया
हरियाणा के तेरां जिल्यां मैं इसनै जुल्म घणा
पतासे की खांड बणा दी खेती का बणा दिया घास
देखियो के होगा।।
4. फलोराइड किततै आवै सै इसका बेरा लाणा होगा रै
जन-जन नै पटज्या बेरा इसा अभियान चलाणा होगा रै
रणबीर सिंह नै छन्द बणाकै कर दिया पर्दाफाश
देखियो के होगा।।
-125-
उंची कुर्सी
जो उंची कुर्सी पर बैठे वे करते अत्याचार सखी।
घरपर बुला महिला से ये करते दुराचार सखी।।
1. दूबलधन की लड़की ने अपणी आवाज उठाई आज
अफसर कितने पानी में इनकी औकात दिखाई आज
राह हमें दिखाई आज खत्म करें भ्रष्टाचार सखी।।
2. हक पर लड़ने की खातर सही कदम उठाये देखो
ये भ्रष्ट अफसर नेता सब फिरते बौखलाये देखो
अब बच ना पाये देखो सच की उठी तलवार सखी।।
3. कहीं गिल और राठौर कहीं आज एसपी फंसे पड़े
महिलाओं का अपमान करें बुरी तरह धंसे पड़े
किसने शिकंजे कसे बड़े चुप क्यों सरकार सखी।।
4. मान सम्मान की खातर जुल्म के खिलाफ अंगड़ाई ली
सोच समझ कर आगे आओ महिलाओं ने अगवाही की
लड़की बहादुर दिखाई दी नहीं वह लाचार सखी।
-126-
बुश का पाला
सन तीन बीस मार्च का दुनिया याद करै दिन काला।
सारी दुनिया एक तरफ सै दूजी कान्ही बुश का पाला।।
1. जमींदार ज्यूकर बन्धुआ राखै न्यों बुश राख्या चाहवै
कर हांगा डरा धमकाकै सारी धरती दाब्या चाहवै
नकल सबकै घाल्या चाहवै चाहे होज्या गुड़ का राला।।
2. लूट-लूट धन म्हारा अमरीका सूना सांड छूट गया
मेहनत तै हो धन पैदा अमरीका छल तै लूट गया
यो पाप का मटका फूट गया उतरग्या आंखां का जाला।।
3. पढ़ाई मुफत देकै सद्दाम नै साक्षर इराक बनाया
इलाज दवाई मिलैं मुफत मैं सुन्दर इराक बताया
सबमैं अन्न बंटवाया जनता भजती उसकी माला।।
4. फूटी आंख अमरीका नै इराक के गुण ये सुहावैं ना
इराकी नत मस्तक हो कै बुश आगै शीश झुकावैं ना
रणबीर सुख पावैं ना जंग का बढ़ता आवै छाहला।।
-127-
तीन साल पूरे होगे
हरियाणे मैं तीन साल मैं विकास का डूंडा पाट गया।
जितनी मेहनत करी लोगां नै सारी नै नेता चाट गया।।
1. प्राइवेट कॉलेज खोले खूब शिक्षा बहोत फैलाई सै
शिक्षाबजट नहीं बढ़ाया पर फीस खूब बढ़ाई सै
गरीब कै लागी अंघाई सै जमा पढ़ण तै नाट गया।।
2. सड़कां उपर ट्रोमा सैंटर तीन साल मैं बनाए देखो
प्राइवेट अस्पतालां तांहि बढ़िया स्कीम ल्याए देखो
सरकारी कै ताले लाये देखो सब हो बारा बाट गया।।
3. कर्मचारी काम चोर होगे उनकी पींग बधाई आज
बदेशी पूंजी न्योंतण खातर देशी पढ़ण बिठाई आज
विपक्ष करै बुराई आज चौटाला खड़ी कर खाट गया।।
4. म्हंगाई भ्रष्टाचार फले फूले करी विपक्ष की पिटाई
बांह मरोड़ करे मंत्री सीधे एमएल्यां तै आंख दिखाई
सब उपलब्धि गिणवाई वोट म्हारा वो क्यों काट गया।।
-128-
तीन मुंही नागण काली म्हारे भारत देस नै डसगी।
शरीर हुया काला ईंका जनता आज कसूती फंसगी।।
1. मुद्रा कोष का फण जहरी ईका काट्टया मांगे पाणी ना
दूसरा फण विश्व बैंक का तासीर इसकी पिछाणी ना
डब्ल्यूटीओ तीजा फण सै बचै इसका डस्या प्राणी ना
नागण के सपलोटिये कहैं नागण माणस खाणी ना
ईं के जहर की छाया समाज की नस-नस मैं बसगी।।
2.
शिक्षा पै खरचा कम करो फरमान इसनै सुणा दिये
सेहत नै ना कोए लेणा देणा मन्तर गजब पढ़ा दिये
पब्लिक सेक्टर ओणे पोणे मैं इसनै आज बिका दिये
संकट मोचक बणकै आई संकट की कौली कसगी।।
3. तीन मुंही नागण के दम पै हर देश लूट कै खाया रै
गरीब देशां की हितैषी सूं इसनै यो भ्रम फैलाया रै
जी सेवन सपेरा जिसनै नागण को दूध पिलाया रै
चकाचौंध इसी मचादी अपणा दीखे आज पराया रै
ये गरीब डसे दिन धौली मौत मैं इनकी काया धंसगी।।
4. अमीर-गरीब के बीच की खाई आज और भी चौड़ी होगी
बालकां की दुर्गति करदी जवानी आज की बोड़ी होगी
म्हारे डांगर मरण लागरे ठाडी रेस की घोड़ी होगी
बदेशी तीन मंुही नागण की देशी नागण तै जोड़ी होगी
रणबीर की कविताई तै आज ज्योत अन्धेरे मैं चसगी।।
-129-
सरोज सरतो ब्याह शादी की आपस में बतलाई हे।
सरतो किसा वर चाहवै तूं सरोज नै बात चलाई हे।।
1. सरोज बाली शान्त शुभा हो माणस सबर आला हो
लिहाज राखणा आता हो विश्वास गजब निरालाहो
तन का चाहे काला हो फेर मन का कति ना काला हो
निस्वार्थ भाव का धोरी हो समझै बखत कुढ़ाला हो
दौलत का कति ना भूख हो ना जाणै घणी अंघाई हे।।
2. वो पाछली गलती तै सीखै आगे का फेर ख्याल करै
बहाने नहीं जमा बनावै कही बात तै नहीं फिरै
असलियत का हिम्माती हो दिखावै पै ना कान धरै
दहेज का लोभी नहीं हो पराई चीज पै नहीं मरै
सरतो के दिल की सारी सरोज नै बात बताई हे।।
3. उफंचा रूतबा हो उसका घमण्ड जमा ना करता हो
औरां नै बराद करकै नै ना अपने घर नै भरता हो
झूठी बात ना मानै ना साच कहणै तै डरता हो
अत्याचार कै साहमी बेबे समझ कै डिंग धरता हो
दोस्त आला बरतेवा हो नहीं समझ निरी लुगाई हे।।
4. कई गामां मैं गोत बधगे ब्याह का संकट छाया
गोत आपस मैं रोकैं जावै कैसे बालक ब्याहया
खेड़े आले गोत तै न्यारा ना चाहिये गोत उकाया
गोतां के रोजै रोले रणबीर इस चिन्ता नै खाया
झूठा रोला गोतां का सरतो सरोज नै समझाई हे।।
-130-
कई गोतां के लोग बसैं भाली इसा गाम बताया।
के भाली का जिकरा ना कइयां का हाल सुणाया।।
1. महज पलड़वाल कुण्डु नान्दल कुहार बसैं
रूहिल हुड्डा लठवाल दांगी बुधवार बसैं
धनखड़ अहलावत के उड़ै परिवार बसैं
सहारण के घर बारा उनके घरबार बसैं
तेरा गोत बसैं उड़ै तीन का भाई चारा दिखाया।।
2. रोहज पलड़वाल का आपस मैं भाई चारा सै
सहारण भी गेल्यां इनके नहीं इनतै न्यारा सै
बाकियां की ब्याह शादी का खूबै उड़ै डंगवारा सै
कोए तकरार नहीं सै ना मन किसे का खारा सै
जै सारे गोत अड़ लालें तै गाम जा पूरा सताया।।
3. लकड़िया मैं दहिया के चौबीस घर बताये सैं
दहिया अपणी छोरियां नै उड़ै ब्याहन्ते आये सैं
ये रिवाज नये बास मैं क्यों ना गए परणाये सैं
पुरानी बेड़ी ईब तोड़ां नौजवान तंग पाये सैं
सरोज मामले में खामखा दहिया नै पां फंसाया।।
4. कई गामां मैं गोत बधे ब्याह का संकट छाया
गोत आपस मैं रोकैं जावै कैसे बालक ब्याहया
खेड़े आले गोत तै न्यारा ना चाहिये गोत उकाया
गोतां के रोजै रोले रणबीर सिंह चिन्ता नै खाया
मिल कै राह का
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