चालै कोण्या जोर*
*मेरा चालै कोण्या जोरमनै लूटैं मोटे चोर
नहीं पाया कोये ठौर
कटी पतंग की डोर
मनै लावैं डांगर ढ़ोर
यो किसा घोटाला रै।।*
मेरा बोलना जुल्म हुया
उनका बोलना हुक्म हुया
सारे ये मुनाफा खोर
ये थमा धर्म की डोर
बनावैं ये म्हारा मोर
सुहानी इनकी भोर
ऐश करैं डाकू चोर
*मन इनका काला रै।।*
ये भारत के पालन हार
क्यों चोरां के सैं ताबेदार
म्हारे पै टैक्स लगावैं
बोलां तो खावण आवैं
ये पुलिस सैड़ दे बुलावैं
चोरां की मौज करावैं
काले का सफेद बणावै
*भजैं राम की माला रै।।*
महंगाई की मार कसूती
सिर म्हारा म्हारी जूती
यो रोजगार मन्दा सै
यो सिस्टम गन्दा सै
यो मालिक का रन्दा सै
घालै दोगला फंदा सै
क्यूकर जीवै बन्दा सै
*हुया ढंग कुढाला रै।।*
पत्थर पुजवा बहकाये
भक्षक रक्षक दिखाये
काले नाग डसगे क्यों
ये शिकंजे कसगे क्यों
दो संसार बसगे क्यों
गरीब जमा फ़ंसगे क्यों
रणबीर पै हंसगे क्यों
*कर दिया चाला रै।।*
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