आज का जमाना
देख कै उल्टी रीत जगत की दिल मेरा हुआ उदास।।भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।।
1
चोर जार ठग मौज उड़ाते शरीफ रहें दुःख भरते
झूठे राज पाठ के मालिक सचे फिरैं गुलामी करते
देखे हिरन जंगलों मैं चरते गधे करैं गाम मैं वास ।।
भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।।
2
झूठे बरी जेल खानों मैं मनै सच्चे ठुकते देखे
शर्म आले बेशर्म के आगै सर झुका लुह्क्ते देखे
सच्चे मानस झुकते देखे दादा बनगे बदमास ।।
भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।।
3
झुठयाँ कै पल्लै धरती दौलत भले करैं पराई आशा
म्हारे भारत देश मैं देखो दुनिया का अजब तमाशा
गरीब नै भोजन का सांसा अमीरों के सब रंग रास ।।
भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।।
4
ये मजदूर ऊपर हुकम चलावें आज अफसर भूंडे
घने दलाल पैदा होगे कई नेताअपने बरगे ढूंढें
रणबीर सिंह बरग्याँ नै ये गुंडे नहीं लेवन दें सांस ।।
भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।।
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