24 फरवरी गणतंत्र बचाओ दिवस
देश के जनतंत्र पै खतरा देखो घणा कसूता आया।।घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।।
1
आबादी बधी दोगणी पर नाज चौगुणा पैदा करया
पचास मैं थी जो हालत उसमैं बताओ के जोड़ धरया
बिना पढ़ाई दवाई खजाना सरकारी हमनै रोज भरया
ईमानदारी की करी कमाई फेर किसान नै कड़े सरया
भ्रष्टाचार बेइमानी नै क्यों सतरंगा जाल बिछाया।।
घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।।
2
फासीवादी तौर तरीके राज के आज देखण मैं आये
विरोध करैं उनपै देशद्रोह के मुकद्दमे जाते रोज बनवाये
जात पात पै बांटण के इणनैं तीर तुक्के खूब चलाये
तीन मिहने होगे किसानों नै राज कै रोज
सांस चढ़ाये
*डटे हुए सैं बोर्डरां ऊपर कोण्या पाछे नै कदम हटाया।।*
घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।।
3
यो दिन देखण नै के भगत सिंह नै फांसी पाई थी
यो दिन देखण नै के सुभाष बोस नै फौज बनाई थी
यो दिन देखण नै के गांधी बापू नै गोली खाई थी
यो दिन देखण नै के अम्बेडकर ने संविधान बनाई थी
*नये-नये जुमले सुणकै यो सबका सिर चकराया।।*
घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।।
4
जनतंत्र बचाओ दिवस पै कसम लेवां
इसनै बचावैंगे
भगत सिंह हर के राह पै जोर लाकै हम कदम बढ़ावैंगे
किसान आंदोलन के बारे मैं घर-घर अलख जगावैंगे
काले कानून वापिस होज्यां मिलकै नै हांगा लावैंगे
*रणबीर सिंह मिलकै सोचां गया बख्त किसकै थ्याया।।*
घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।।
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