Saturday, 12 May 2018

मनुवाद


अनादि ब्रह्म नै धरती पै यो संसार रचाया कहते
मुंह बांह जांघ चरणों तैं सै सबको बसाया कहते
1
मुंह तैं बाह्मण पैदा करे चर्चा सारे हिंदुस्तान मैं
बाँहों से क्षत्रीय जन्मे जो डटते आये जंगे मैदान मैं
जांघ से वैश्य पैदा करे लिख्या म्हारे ग्रन्थ महान मैं 
चरणों से शुद्र जन्म दिये आता वर्णों के गुणगान मैं 
चार वर्णों का किस्सा यो जातों का जाल फैलाया कहते
2
भगवान नै शुद्र के ज़िम्मे यो एक काम लगाया 
बाक़ी तीनों वर्णों की सेवा शुद्र का फर्ज बताया
शुद्र जै इणनैं गाली देदे जीभ काटो विधान सुनाया
नीच जात का बता करकै उसतैं सही स्थान दिखाया
मनुस्मृति ग्रन्थ मैं पूरा हिसाब गया लिखाया कहते
3
शुद्र जै किसे कारण तै इणनैं नाम तैं बुला लेवै
दस ऊँगली लोहे की मुंह मैं कील ठुका देवै
भूल कै उपदेश देदे तै उसके कान मैं तेल डला देवै 
लाठी ठाकै हमला करै तो शुद्र के वो हाथ कटा देवै 
मनु स्मृति नै शुद्र खातर नर्क कसूत रचाया कहते
4
बाबा अम्बेडकर जी नै मनुस्मृति देश मैं जलाई थी
उंच नीच की या कुप्रथा मानवता विरोधी बताई थी
कमजोर तबके कट्ठे होल्यो देश मैं अलख जगाई थी
आरएसएस मनुवाद चाहवै असली शक्ल दिखाई थी
रणबीर महात्मा बुद्ध भी इसपै सवाल ठाया कहते 

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