एकली जय तै काम चलै ना आज बताऊ सूं
उस महामानव का संघर्ष जाणो न्यू समझाऊं सूं।
था वो ज्योति बा का प्यारा
शिक्षा संगठन संघर्ष नारा
उसके बिन था कडै गुजारा इतिहास उठाऊं सूं •••
सहे थे जुल्म घणे तन मन मैं
दुभात होई बहोत घणी बचपन मैं
कुंदन बण्गया सोना तपकै याद दुवाऊं सूं••
न्याय नीति का बांधया पाला
बणया संविधान रचावण आला
नारी शूद्र का गाला मनुवाद लिखाऊं सूं ••
जला दई चौड़े मनुस्मृति
संविधान मैं ला ल्यो सुरती
तुरता फूर्ति विक्रम राही गीत बणाऊं सूं ••
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