युग पुरुष डॉ भीमराव अंबेडकर की 127 वीं जयंती के अवसर पर उनकी याद के रूप में एक रागनी*****
बाबा साहेब अंबेडकर
शिक्षित होकै संगठन बनाकै संघर्ष का नारा लाया रै।।
विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।।
1
दलित शोषित महिलाओं को समाज मैं सम्मान मिलज्या
म्हारी दरद भरी जिंदगी मैं खुशी का कोय फूल खिलज्या
सामाजिक समानता बारे संघर्ष का बिगुल बजाया रै।।
विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।।
2
चौदह अप्रैल ठारा सौ कियानवै इस दुनिया मैं आये
परिवार मैं बाबा साहेब ये चौदहवीं सन्तान बताये
दलितोत्थान के विचार तैं युग बदलो का नारा ठाया रै।।
विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।।
3
नागपुर सम्मेलन के मां उणनै एक बात समझाई थी
देश की उन्नति का पैमाना महिलाओं की हालत बताई थी
सभी तबकों का कल्याण होवै इसा संविधान बनाया रै।।
विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।।
4
उन्नीस सितंबर का दिन था मनु स्मृति जलाई कहते
समतामूलक समाज की बाबा जी अलख जगाई कहते
रणबीर उनके विचारों पै कर कोशिश छंद बनाया रै।।
विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।।
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