समाज की नब्ज पकड़ कै बैठ कै करो सोच विचार।।
हम जावां भाजे आंधी गली मैं आपस के ये भूले प्यार।।
1
भाई भाई का बैरी होग्या बेटे बाबू के बैरी बताये रै
भाई बाहण का कत्ल करै ऑनर किलिंग नै डराये रै
रिश्ते नाते आज गौण होगे बढग्या पैसे का व्यापार।।
हम जावां भाजे आंधी गली ---
2
नैतिक मूल्य भूल गए सैं घणे अनैतिक काम करैं
अपना काला दिल ना देखैं महिला नै बदनाम करैं
पाऊच दारू के खुले बिकैं ये टूटते जावैं घरबार ।।
हम जावां भाजे आंधी गली ---
3
युवा लड़के और लड़की अमरीका के निशाने पै रै
फ्री सैक्स अर सुल्फा दारू चलाते तीर रक्काने पै रै
दिशा भरिमित करने खातर खोल्या अय्यासी का बाजार।।
हम जावां भाजे आंधी गली --
4
4
दलित नै बोलना सीख लिया दबंगाँ नै बात भाई ना
महिला नै कदम बढ़ाए दबंगां कै हुई समाई ना
रणबीर महिला दलित पै बढते जावैं अत्याचार ।।
हम जावां भाजे आंधी गली ---
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