शहीद सफ़दर हाशमी को समर्पित रागनी
Mohinder Singh
जनता खात्तर जीने वाले मरने तं नहीं डरा करते,
लाठी गोली फाँसी फंदे तं सफ़दर नही मरा करते.
मजदूरो तुम कठे हो ल्यो वो बीच चौराहे न्यू बोल्या,
लूटनियाँ का करो खात्मा वो बीच चौराहे न्यू बोल्या,
देश ना टाटा बिड़ला का वो करड़ा होकै न्यू बोल्या,
सरकार कै या बात खटकगी वो क्युं न्युं बोल्या,
ज्यान लिये तं ओ हत्यारो विचार नहीं मिटा करते.
जिन्दगी जीने का इसतैं बढीया कोए ढंग कोनी,
मजदूर जमात का लाल रंग तं प्यारा रंग कोनी,
इस तं बढीया सफ़दर मरने का कोए ढंग कोनी,
इस राही पर चलने वाले कदम पाछे नहीं धरा करते .
अमन चैन की खात्तर मरग्या वो जंग के मैदान मैं,
आँसू गेर कै ना बट्टा लाओ बहादूरी की शान मैं,
झोंक दी सारी ताकत जितनी थी उसकी जान मैं,
बोलण की भी रही ना आजादी अपने हिन्दुस्तान मैं,
और जोर तं गुंजैंगे ये नारे बंद नहीं हुआ करते.
No comments:
Post a Comment