Wednesday, 25 January 2017

चार चै


चार च की बात करती थी भजपा एक दौर में । क्या हुआ उन चार च का और बंगारू रिश्वत लेते पकडे गए 2001 में एक स्टिंग ओपेरेशन में ््््््
चार चै का भांडा फूटग्या आज भाजपा के मत्थे पै।
तहलका की लिखूँ कहानी इस कागज के गत्ते पै।
चरित्र बेनकाब होग्या थारा कसर जमा बची नहीं
चाल थारी ईब देख लई राही सीधी गई रची नहीं
नकली चेहरा थारा पाया असली बात जँची नहीं
चिंतन थारा दोगला पाया एक लाइन खींची नहीं
इन बातां बारे चाहे बूझल्यो म्हारे गाम के सत्ते पै।
वर्णन करूं बंगारू का मारया एक लाख का दाड़ा रै
जया जेटली दो लाख जीमगी काम करया माड़ा रै
जार्ज की जड़ घणी डूंघी कर दिया कोड पवाड़ा रै
तहलका डॉट कॉम नै सबकै लाया चौखा झाड़ा रै
सारे दलाल जूड़े जाणे चाहियें ईब खम्बे तत्ते कै।
समता और भजपा का कमीशन मैं घणा मोह सै
इनका कुछ नहीं बिगड़ैगा म्हारे देश का खोह सै
सब पकडे गए रंगे हाथां रहया ना कोये ल्हको सै
आर एस एस नंगा होग्या इस बात का छोह सै
नेता फ़ौजी अफसर नै दे दी जात गुड़ के भत्ते पै।
थारी सफाई तैं म्हारा पाट्या घा कोण्या सीया जा
माक्खी आला दूध नहीं देखती आंख्यां पीया जा
कमीशन खा खा ऐश करैं छोल्या म्हारा हिया जा
थारे इसे काण्ड देखकै बोल चुपाका के जीया जा
आज रणबीर लिखै कति आज देशी पान के पत्ते पै।


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