साम्प्रदायिक बी जे पी या चालै चाल कुढ़ाली।
धर्म के नामै लोग डसेन्जा या सै नागण काली।
सिख ईसाई मुस्लिम गेल्याँ हिंदुओं को लड़ाती है
और दूसरा काम नहीं या हांडै खून कराती है
झूठी अफवाह फैला फैला दंगे आड़ै छिड़ाती है
डंडे खड़ाऊ ईंट पुजाकै गणेश को दूध पिलाती है
कई हजारों लोग मराती देखी या तेरा ताली ।
या लोगां की लाशां उप्पर रोटी सेंकती रैह सै
कदसी जनता लड़ै धर्म पै बाट देखती रैह सै
तावल करकै होवै लड़ाई बोल फैंकती रैह सै
संस्कृति नष्ट होगी झूठ के खेल खेलती रैह सै
गुमराह करती रैह लोगां नै सै चम्भो चाली।
या स्वर्णां की पार्टी सै या गरीबाँ नै लुटवावै
ऐस सी बी सी जाट गुजरां तैं बांस घणी आवै
सेठां के अखबारां मैं इसकी खबर घणी छावै
अमरीका की पिठू सै या ठेके इणनै दुवावै
लोग मरावण का ठेका ठावै बचियो हाली पाली।
अंग्रेज सिंह या मेहनतकश को कट्ठे होण ना देहरी सै
मेहनतकश जब लड़ै लड़ाई चाल चलै या गहरी सै
घूम घूम रथ पै दंगे कराते मन्दिर मस्जिद ढहरी सै
या कांग्रेस की बालण सै लोगो न्यारा झंडा लेहरी सै
गौरे पिठू चाल पकड़ रहे इब्बी गोरयां आली।
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