Wednesday, 25 January 2017

लोक राज


लोक राज और लोक लाज का फुटया ढारा देख लिया
जोर जुल्म और ठगी का यो सही नजारा देख लिया
चन्द्रा स्वामी था वो घणा हरामी घणी गहरी जड़ बताई
माफिया का सरदार स्वामी कांग्रेस पै चोखी पकड़ बताई
बी जे पी स्वामी की धौक मारै ज्यां इसमें अकड़ बताई
कमरेडाँ नै ना मुँह लाया बाकी सारी एकै लड़ बताई
यो अपराध जगत का और बी खुल्या पिटारा देख लिया।
बदेशी धन कानून तोड़ कै घणा कमाया स्वामी नै
राजनीति मैं ब्लैक मेल का यो भाव चढ़ाया स्वामी नै
कोये कुछ नहीं कैह सकता यो लंगोट घुमाया स्वामी नै
बलात्कार के काण्ड रचाये घणा जुल्म कमाया स्वामी नै
धर्म तन्त्र बाबा तंत्र का राज गेल्याँ डंगवारा देख लिया ।
मुनाफा खोरी म्हारे देश मैं अपणे पैर फैलारी क्यों
हजारां करोड़ का टैक्स बकाया म्हारी अक्ल मारी क्यों
कब्जा करकै  धरती दाब ली ना होती खत्म बीमारी क्यों
समाज व्यवस्था नंगी होकै आज इतनी लूट मचारी क्यों
चन्द्रा स्वामी का गुलाम हुया यो राव हमारा देख लिया ।
इस समाज व्यवस्था मैं आज सड़ांध मारती दीखै सै
चन्द्रा स्वामी भगत बणै साथ मैं उमा भारती दीखै सै
कहै रणबीर सिंह न्यों मरता गरीब बेचारा देख लिया ।
;चंद्रा स्वामी की करतूतों की पोल खुलने पर उसी वक्त की थी यह रचना द्ध

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