Saturday, 1 October 2022

22 से 34

 22


शहीद भगतसिंह
भगत सिंह विचार थारे, देश के शासक भूल गये।
सबकी शिक्षा काम सबको ,पकड़ मामले  तूल गये।
1
थारी तीनों और हजारों की क़ुरबानी आजादी ल्याई रै
देश भक्तों कै देश द्रोही की या कालस जावै लगाई रै
हिन्दू राष्ट्र का यो देकै नारा राज नशे मैं टूहल गये।
सबकी शिक्षा काम सबको ,पकड़ मामले  तूल गये।
2
बहुविविध्ता की थामनै रूखाल करनी बताई रै
नफरत फैला जात धर्म पै एकता पढण बिठाई रै
भूल समाजवाद का नारा हिन्दू के नारे पै झूल गये।
सबकी शिक्षा काम सबको ,पकड़ मामले  तूल गये।
3
नाबराबारी चाही तमनै हिंदुस्तान तैं खत्म होवै रै
किसान की हालत सुधरै मजदूर ना भूखा  सोवै रै
या सरमायेदारी छागी चढ़ फांसी सच्चे असूल गये।
सबकी शिक्षा काम सबको ,पकड़ मामले  तूल गये।
4
बड़ा हिस्सा जनता का थारे विचारों को आगे लेजारया
सेहत शिक्षा सामाजिक न्याय ये मुद्दे डटकै ठारया
रणबीर घणे जणे थारे विचार कर कबूल गये।
सबकी शिक्षा काम सबको ,पकड़ मामले  तूल गये।

23

शहीद भगत सिंह
एक दिन भगत सिंह नै दोस्तों को बात बताई कहते।।
धर्म पै बात खोलकै उनै अपने दिल की सुनाई कहते।।
1
जो धर्म दोस्तो जुदा इंसान को इंसान से कर देता भाई
मोहब्बत की जागां म्हारे मैं नफरत जो भर देता भाई
जरूरत ना इसे धर्म की दोस्तों को बात सिखाई कहते।।
2
एक दूजे नै मारण नै जो धर्म हमनै तैयार करै सै
भगत सिंह मेरे साथियो आज उसतै इनकार
करै सै
इन धर्मों नै मारकाट की जगत मैं या रीत चलाई कहते।।
3
जो धर्म म्हारे दिल मैं अंधविश्वास को फैलाता भाई
ऐसे धर्म के नजदीक यो भगत सिंह ना जाता भाई
धर्मों की पोल भगत सिंह नै सारी खोल दिखाई कहते।।
4
जो धर्म लोगों के बौद्धिक विकास मैं बाधक बनता भाई
क्या क्यों और कैसे की सोच जो धर्म कुंद करता भाई
कहै रणबीर इसे धर्म तैं भगत सिंह नै दूरी बनाई कहते ।।

वार्ता

साइमन कमीशन भारत में आता है। उसका विरोध पूरे भारत में होता है। पंजाब में भी विरोध किया जाता है। अंग्रेजों की पुलिस अत्याचार करती है। लाला लाजपतराय पर लाठियां बरसाई जाती हैं। वे शहीद हो गये। बदला लेने को क्रान्तिकारियों ने साइमन को मारने का प्रण किया। साण्डरस मारा जाता है। चानन सिपाही क्रान्तिकारियों के पीछे भागता है भगतसिंह और राजगुरु के पीछे। आजाद गोली चलाता है चानन सिंह को गोली ठीक निशाने पर लगती है। आजाद को बहुत दुख होता है चानन सिंह की मौत का। क्या बताया भला:
रागनी 24
तर्ज: चैकलिया
                साइमन कमीशन गो बैक नारा गूंज्या आकाश मैं।।
                साण्डर्स कै गोली मारकै पहोंचा दिया इतिहास मैं।।

                राजगुरु की पहली गोली साण्डर्स मैं समा गई थी
                भगतसिंह की पिस्तौल निशाना उनै बना गई थी
                चानन सिंह सिपाही कै लाग इनकी हवा गई थी
                पाछै भाज लिया चानन बन्दूक उसनै तना दई थी
                दोनूआं के बीच कै लाया अचूक निशाना खास मैं।।
                थोड़ी सी चूक निशाने की घणा पवाड़ा धर जाती
                भगतसिंह कै राजगुरु का सीना छलनी कर जाती
                आजाद जीवन्ता मरता क्रान्तिकारी भावना मर जाती
                आजादी के परवान्यां के दुर्घटना पंख कतर जाती
                आजाद गरक हो ज्याता आत्मग्लानि के अहसास मैं।।
                चानन सिंह के मारे जाने का अफसोस हुया भारी था
                आजाद नै जीवन प्यारा था वो असल क्रान्तिकारी था
                खून के प्यासे आतंकवादी प्रचार यो सरकारी था
                सूट एट साइट का उड़ै फरमान हुया जारी था
                विचलित कदे हुया कोन्या भरया हुआ विश्वास मैं।।
                कठिन काम तै घबराया ना चन्द्रशेखर की तासीर थी
                आजाद भारत की उसकै साहमी रहवै तसबीर थी
                इसकी खातर दिमाग मैं कई ढाल की तदबीर थी
                आजाद नै चैबीस घन्टे दीखैं गुलामी की जंजीर थी
                रणबीर आजाद कैहरया फायदा म्हारे इकलास मैं।।
वार्ता

25
शहीद भगत सिंह नै दिया आजादी का पैगाम सुणो।।
भारत के सब नर और नारी उनकी बात तमाम सुणो।।
1
  व्यापार करने की खातिर ईस्ट इंडिया कम्पनी आई
सहज सहज भारत पै इसनै फेर थी पूरी धाक जमाई
व्यापारी वे हाकिम बनगे थामी देश की लगाम सुणो।।
2
ये न्यारी न्यारी रियासत एक एक करकै कब्जाई थी
ठा फायदा म्हारी कमजोरी का बांदर बांट मचाई थी
शाम दाम दंड भेद रचाकै यो बनाया देश गुलाम सुणो।।
3
भारत वासी घणे करहावैं थे भगत सिंह हर सब  देखैं रै
सोच विचार करे मिलकै क्युकर दुख देश का
मेटैं रै
नौजवान सभा बना शुरू करया आजादी का काम सुणो।।
4
क्रांतिकारी संगठन बना कै आजादी की लहर चलाई
आजाद देश हिंदुस्तान की बढ़िया सी तस्बीर बनाई
रणबीर करी भगत हर नै गोरयाँ की नींद हराम सुणो।।

26

आजादी के लिए कुर्बान हुये, भगत सिंह से इंसान हुए, ये गोरे बहोत परेशान हुये, बांटो राज करो नीति अपनाई।।
1
जात धर्म इलकवाद पै बांटे भारत के हर और नारी
म्हारी फूट का फायदा ठाकै नै दो सौ साल खाल उतारी
उनके सारे कै गुणगान हुए, चमचे भी थे बेउन्मान हुए, जारी बहोत से फरमान हुए ,कच्चे माल ताहिं रेल चलाई।।
2
राजे राजवाड़े सब जीत लिए भारत राष्ट्र गया बनाया रै
अंगरेज सबनै लूटन खातिर एक सीमा भीतर ल्याया रै
युद्ध कई घमासान हुए, फेर व्यापारी राजे महान हुए, भारत वासी थे दरबान हुए, फेर गुलामी गई खूब सिखाई।।
3
देश का माहौल गरमाया हिंदुस्तान नै ली फेर अंगड़ाई
कुर्बानी की खूब लहर चली असैम्बली मैं बम्ब गिराई
सब कट्ठे एक मचान हुये, नयों देश प्रेम के ध्यान हुए, आजादी खातिर घमासान हुए, मार भगाया गोरा आत्मताई।।
4
बहोत घणा दबाव बण्या जिब पड़या गोरयाँ नै जाणा
हर देशवासी गाया करता स्वदेसी भारत का गाणा
आजाद हुए अरमान म्हारे, तोड़े चाहे आसमान तारे, ले आजादी की पहचान सारे, रणबीर मिलकै खुशी मनाई।।

27
बुलेट की जागां बैलेट तैं हम बदल जरूर ल्यावांगे।।
भगतसिंह हर के सपन्यां का यो हिंदुस्तान बणावांगे।।
1
जनतंत्र का मुखौटा पहर कै या राज करै सै सरमायेदारी
जल जंगल जमीन की धरोहर बाजार मैं बेचै सै म्हारी
लोगां का लोगां की खातिर लोगां द्वारा राज चलावांगे।।
भगतसिंह हर के सपन्यां का यो हिंदुस्तान बणावांगे।।
2
हम जनता की ताकत इब सहज सहज पहचान रहे
आज घोटाले पै घोटाले कर आज अमीर बेईमान रहे
देख लियो एक दिन इन सबनै हम जेल मैं पहूंचावांगे।।
भगतसिंह हर के सपन्यां का यो हिंदुस्तान बणावांगे।।
3
जनता जाओ भाड़ मैं आज साम्राज्यवाद तैं हाथ मिलाया
उन ताहिं खोल दिये दरवाजे गरीबां का  सै भूत बनाया
हिम्मत नहीं हारां जमा बी मिलकै नै सबक सिखावांगे।।
भगतसिंह हर के सपन्यां का यो हिंदुस्तान बणावांगे।।
4
जात पात गोत नात मैं बांटे या चल समझनी होगी
इननै छोड़ कै एकता की रणबीर ढाल बरतनी होगी
इंकलाब जिंदाबाद का नारा पूरे देश के मैं गुंजावांगे ।।
भगतसिंह हर के सपन्यां का यो हिंदुस्तान बणावांगे।।





28


लेखक भगत सिंह को आह्वान करके क्या कहता है ------
देख ले आकै सारा हाल , क्यों देश की बिगड़ी चाल, सोने की चिडया सै कंगाल , भ्रष्टाचार नै करी तबाही ।।
1
अंग्रेज तैं लड़ी लडाई , थारी कुर्बानी आजादी ल्याई
देश के लुटेरों की बेईमानी फेर म्हारी बर्बादी ल्याई
क्यों भूखा मरता कमेरा , इसनै क्यूकर लूटै लुटेरा, करया चारों तरफ अँधेरा,माणस मरता बिना दवाई ।।
2
चारों कान्ही आज दिखाऊँ , घोटालयां की भरमार दखे
दीमक की तरियां खावै सै समाज नै यो भ्रष्टाचार दखे
ये चीर हरण रोजाना होवें , नाम देश का जमा ड़बोवैं , लुटेरे आज तान कै सोवें, शरीफों की श्यामत आई ।।
3
थारे विचारों के साथी तो डटरे सें जमकै मैदान के माँ
गरीबों की ये लड़ें लडाई म्हारे पूरे हिंदुस्तान के माँ
भगत सिंह ये साथी थारे , तेरी याद मैं कसम उठारे, संघर्ष करेँ यो बिगुल बजारे ,चाहते ये मानवता बचाई ।।
4
बदेशी कंपनी थारे देश नै फेर गुलाम बनाया चाहवैं
मेहनत लूट मजदूर किसानों की ये पेट फुलाया चाहवैं
भारी दिल तैं साथी रणबीर, लिखै देश की सही तहरीर, भगत तमनै जो बनाई तस्बीर, देख जमा ए पाड़ बगाई।।


29

शहीद भगतसिंह
भगत सिंह विचार थारे, देश के शासक भूल गये।
सबकी शिक्षा काम सबको ,पकड़ मामले  तूल गये।
1
थारी तीनों और हजारों की क़ुरबानी आजादी ल्याई रै
देश भक्तों कै देश द्रोही की या कालस जावै लगाई रै
हिन्दू राष्ट्र का यो देकै नारा राज नशे मैं टूहल गये।
सबकी शिक्षा काम सबको ,पकड़ मामले  तूल गये।
2
बहुविविध्ता की थामनै रूखाल करनी बताई रै
नफरत फैला जात धर्म पै एकता पढण बिठाई रै
भूल समाजवाद का नारा हिन्दू के नारे पै झूल गये।
सबकी शिक्षा काम सबको ,पकड़ मामले  तूल गये।
3
नाबराबारी चाही तमनै हिंदुस्तान तैं खत्म होवै रै
किसान की हालत सुधरै मजदूर ना भूखा  सोवै रै
या सरमायेदारी छागी चढ़ फांसी सच्चे असूल गये।
सबकी शिक्षा काम सबको ,पकड़ मामले  तूल गये।
4
बड़ा हिस्सा जनता का थारे विचारों को आगे लेजारया
सेहत शिक्षा सामाजिक न्याय ये मुद्दे डटकै ठारया
रणबीर घणे जणे थारे विचार कर कबूल गये।
सबकी शिक्षा काम सबको ,पकड़ मामले  तूल गये।

30

लेखक भगत सिंह को आह्वान करके क्या कहता है ------
देख ले आकै सारा हाल , क्यों देश की बिगड़ी चाल, सोने की चिडया सै कंगाल , भ्रष्टाचार नै करी तबाही।।
1
अंग्रेज तैं लड़ाई लड़ी थारी कुर्बानी आजादी ल्याई,
छाई लुटेरों की बेईमानी या फेर म्हारी बर्बादी ल्याई
क्यों भूखा मरता कमेरा , इसनै क्यूकर लूटै लुटेरा,करया चारों तरफ अँधेरा,माणस मरता बिना दवाई ।।
2
चारों कान्ही आज दिखाऊँ , घोटालयां की भरमार दखे
दीमक की तरियां खावै सै समाज नै यो भ्रष्टाचार दखे
ये चीर हरण रोजाना होवें , नाम देश का जमा ड़बोवैं, लुटेरे आज तान कै सोवें, शरीफों की श्यामत आई ।।
3
थारे विचारों के साथी तो डटरे सें जमकै मैदान के माँ
गरीबों की ये लड़ें लडाई म्हारे पूरे हिंदुस्तान के माँ
भगत सिंह ये साथी थारे , तेरी याद मैं कसम उठारे,संघर्ष करेँ यो बिगुल बजारे ,चाहते ये मानवता बचाई ।।
4
बदेशी कंपनी तेरे देश नै फेर गुलाम बनाया चाहवैं
मेहनत लूट मजदूर किसानों की ये पेट फुलाया चाहवैं
भारी दिल तैं साथी रणबीर, लिखै देश की सही तहरीर, भगत तनै जो बनाई तस्बीर, देख जमा ए पाड़ बगाई।।

31

भगत सिंह राजगुरु सुखदेव सबको है प्रणाम म्हारा।।
शोषण रहित समाज का सपना चकनाचूर तमाम थारा।।
1
बेरोजगारी ने कहर मचाया आसमानां जाकै चढ़गी देख
गरीब की चटनी रोटी खुसली अमीराँ की खुराक बढ़गी देख
हर पांच मिनट में फांसी खाज्यां लूट की लकीर कढ़गी देख
पढ़ाई लिखाई और इलाज मैं  कारस्तानी जनता पढ़गी देख
अमीर थे वे घणे अमीर होगे रै झूठा लेवैं आज नाम थारा।।
शोषण रहित समाज का सपना चकनाचूर तमाम थारा।।
2
महिला कितै महफूज रही ना असुरक्षा का माहौल छाया
गाम शहरों मैं बदमाशां नै इनकै उप्पर घणा कहर ढाया
यारे प्यारे भी कोण्या शर्मावैं औरत को एक चीज बनाया
ऑनर किलिंग होवै सै रोजाना ज़िकरा अखबारों मैं आया
थारे सपन्यां की अर्थी ठवा दी झूठा कोण्या इल्जाम म्हारा।।
शोषण रहित समाज का सपना चकनाचूर तमाम थारा।।
3
नम्बर वन हरियाणा के मैं दलितों पै अत्याचार बढ़े रै
दुलिना और गोहाना ना भूले मिर्चपुर मैं फेर सांस चढ़े रै
दबंगों की चालै आज बी नजदीक तैं गए सब पढ़े रै
आईडेन्टिटी राजनीति के गए इल्जाम दलितों पै मढ़े रै
छुआ छूत बारे लिख्या थामनै अनदेखा हुया सब काम थारा।।
शोषण रहित समाज का सपना चकनाचूर तमाम थारा।।
4
समाजवाद का पाठ पढ़या उसकी खातर फांसी खाई रै
माणस का ना माणस बैरी हो थामनै सही राह दिखाई रै
आज के काले गोरयाँ नै अमीराँ की खूब  मेर कटाई रै
आम आदमी नै लूटण नै फासीवाद की राह अपनाई रै
कहै रणबीर बरोने आला  सारे कै पहूंचावैंगे पैगाम थारा।।
शोषण रहित समाज का सपना चकनाचूर तमाम थारा।।
32
भगत सिंह ब्याह करवाले, अंग्रेज कोण्या जावैं देख।।
बिना शादी किसी दुनिया घरके तनै समझावैं देख ।।
1
ब्याह शादी इस दुनिया के बेटा भगत दस्तूर बताये सैं
ये रिश्ते सदियां तैं चालकै एकनिष्ठ परिवार पै आये सैं
घरबार संस्था घणी पुरानी सबनै ब्याह करवाये सैं
कबीले हुया करैं थे कदे आज हम आड़ै आ पाये सैं
क्रांति के नाम पै नाटै सै बात समझ नहीं पावैं देख।।
बिना शादी किसी दुनिया घरके तनै समझावैं देख ।।
2
करतार सिंह सराभा तैं प्रभावित नौजवान होरे देखो
देश आजाद करावांगे कहते ना पाछै छोरी छोरे देखो
बीर मर्द सब कट्ठे होकै जंग आजादी की झोरे देखो
दोनूं मिलकै करैं लड़ाई ज्यां छोरे छोरी टोहरे देखो
तेरी मां भी दिल तैं शादी चाहरी सारे घरके चाहवैं देख।।
बिना शादी किसी दुनिया घरके तनै समझावैं देख ।।
3
दुर्गा भाभी बरगी महिला ढूंढ लियो क्रांतिकारी बेटा
क्रांति मैं नहीं बनैं रोड़ा वे लड़ेंगी साथ मैं थारी बेटा
बराबर खड़ी होकै लड़ेंगी ये कई बनैंगी प्रचारी बेटा
कल्पना दत्त का नाम सुण्या हथियार कद की ठारी बेटा
सोच लियो बेटा आच्छी ढ़ालां कदे पाछै पछतावैं देख।।
बिना शादी किसी दुनिया घरके तनै समझावैं देख ।।
4
बिना महिला साथ लिये क्रांति सफल कैसे होज्यागी
आई एन ए की महिला पलटन आजादी के बीज बोज्यागी
थाम लड़ो गुरिल्ला युद्ध महिला कैसे पड़कै सोज्यागी
दोनों की ताकत मिलकै नै या गोरी सेना नै डबोज्यागी
रणबीर बरोनिया बरगे भी सोच कै छन्द बनावैं देख ।।
बिना शादी किसी दुनिया घरके तनै समझावैं देख ।।

33
भगत सिंह तेईस साल का यो नौजवान हुया क्रांतिकारी।।
इंकलाब जिंदाबाद नारा लाया कांपी गोरी सरकार सारी।।
1
नौजवान सभा बनाकै सारे क्रन्तिकारी एक मंच पै आये
गोरयां की गुलामी खिलाफ पूरे देश मैं अलख जगाये
आजाद राजगुरु सुखदेव पड़े थे गोरयां ऊपर भारी।।
इंकलाब जिंदाबाद नारा लाया कांपी गोरी सरकार सारी।।
2
गोरयां नै आतंकवादी ये सारे क्रांतिकारी बताये दखे
म्हारी आजाद सरकारां नै नहीं ये इल्जाम हटाये दखे
देखी म्हारी सरकारां की आज पूरे हिंदुस्तान नै गद्दारी।।
इंकलाब जिंदाबाद नारा लाया कांपी गोरी सरकार सारी।।
3
फांसी का हुक्म सुनाया सारे देश नै विरोध करया था
यो विरोध देख कसूता अंग्रेज बहोत घणा डरया था
एक दिन पहलम ए फांसी तोड़े जनता नै भरी हूंकारी ।।
इंकलाब जिंदाबाद नारा लाया कांपी गोरी सरकार सारी।।
4
इंसानी समाज का सपना भगत सिंह हर नै लिया यो
गोरे गए ये देशी आगे सपन्यां पै ध्यान नहीं दिया यो
कहै रणबीर बरोने आला म्हारै थारी याद घणी आरी ।।
इंकलाब जिंदाबाद नारा लाया कांपी गोरी सरकार सारी।।
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