Tuesday, 13 September 2016

के लेज्यागा


जो आया दुनिया के म्हां उनै पड़ै लाजमी जाणा हो।
सुरग नरक किसनै देख्या बस होसै फर्ज पुगाणा हो।
बीर मर्द तै हो उत्पत्ति या जानै दुनिया सारी सै
पांच भूत के योग तैं या बणी सृष्टि म्हारी सै
या तासीर खास योग की जीव मैं होवै न्यारी सै
मिजाज जिब बिगड़ै योग का जीव नै हो लाचारी सै
इस गड़बड़ नै मौत कहैं हो सांस बन्द जब आणा हो।1।
पहले जन्म मैं जिसे करे कहैं इस जन्म मैं भुक्तै
इस जन्म मैं जिसे करै कहैं अगले कै म्हां निबटै
दोनों बात गल्त लागैं क्यों ना इसका इसमैं सिमटै
साहमी हुये की चिंता ना क्यों बिना हुये कै चिपटै
इसे जन्म का रोल्ला सारा बाक़ी लागै झूठा ताणा हो।2।
मनुष्य सामाजिक जीव कहैं बिन समाज डांगर होज्या
लेकै समाज पै चाहिए देना बिन इसके बांदर होज्या
माली बिना बाग़ और खेती बिन पानी बांगर होज्या
मरकै कोए ना उल्टा आया जलकै पूरा कांगर होज्या
साइंस नै बेरा पाड़ लिया इब छोडां ढंग पुराणा हो।3।
आच्छे भूंडे करमां करकै या दुनिया हमनै याद करै
या गुणी के गुण गावै आड़ै पापी कन्स की याद तिरै
यो शरीर जलकै बनै कार्बन प्यारा कर कर याद मरै
मेहर सिंह फौजी बरोने का रणबीर करता याद फिरै
करमां आला ना कदे मरै ना पाले राम का गाणा हो।4।

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