Tuesday, 13 September 2016

किसान धरती कई मारया पूंजी नै चौपड़ सार बिछाई ............
कई लाख फाँसी खागे या सरकार बहरी हुई बताई .............
खेती करना काम करड़ा यो नहीं सबके बसका भाई...........
किसान घणी मेहनत करै मण्डी कोण्या काबू आई...........

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