साच बोलना बस मैं और मेहनत करना बस मैं
लूट मचाई री कोण्या मेरे बस मैं ।।इंसान बनना बस मैं और तप करना बस मैं
लोग भकाई री कोण्या मेरे बस मैं।।
प्यार करना बस मैं और लाड करना बस मैं
करूँ बुराई री कोण्या मेरे बस मैं ।।
फूल उगाने बस मैं और बाग लगाने बस मैं
बेगार कराई री कोण्या मेरे बस मैं।।
कदम बढ़ाना बस मैं और अलख जगाना बस मैं
करनी बुराई री कोण्या मेरे बस मैं।।
फर्ज निभाना बस मैं और कर्ज चुकाना बस मैं
खाल तराई री कोण्या मेरे बस मैं।।
लालच दबाना बस मैं हथियार उठाना बस मैं
पीठ दिखाई री कोण्या मेरे बस मैं।।
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