Saturday, 18 February 2023

मजदूर--20 --

 मजदूर

कुछ भी आच्छा नहीं लागै बिन मकसद हांडूँ मैं।

नहीं दिन रात चैन मनै बस पड़या पड़या बाँडूँ मैं।

1

मजदूरी मिलती कोण्या मिहने मैं दिन बीस मनै

खेत क्यार मैं मशीन आगी करी सै तफ्तीश मनै

ध्याड़ी दोसौ कम तीस मनै मुश्किल दिन काढूँ मैं।

2

सडकां पै काम रहया ना ईंट भट्ठे भी बन्द होगे

चिनाई भी कम होरी सै ये लाखों मजदूरी खोगे

मालिक तो ऐसी मैं सोगे नक्सा असली मांडूँ मैं।

3

गाम बरोणा जिला सोनीपत हरियाणा मैं बास सै 

होली क्युकर खेलूं मैं मेरा मन रहवै यो उदास सै

नहीं याड़ी कोये खास सै चेहरा किसका माँडूँ मैं।

4

गरीब की बूझ नहीं आज ख्याल होवै अमीरां का

हमनै भकावैं न्यों कैहकै सारा खेल सै लकीरां का

बाणा हुया फ़क़ीरां का रणबीर नया गीत चाँडूँ मैं।

No comments: