सारे एकसी बात करैं किसकी मानूं बात पिया ॥
वोट लियाँ पाछै कई मारते कसूती लात पिया ॥
म्हारी पढ़ाई उप्पर सब अपने रंग मैं बोलैं
म्हारी कैड़ खड़े होकै थोड़े से बात सही तोलैं
ये बालक नयों ए घूमैं कोए नहीं पूछै जात पिया ॥
बीमार होज्यां तो इलाज करवाना मुस्किल होवै
झाड़ फूंक पूजा पाजा गरीब इलाज उड़ै टोहवै
अन्धविसवासी कहै बतावैं म्हारी ऑकात पिया ॥
बिना नौकरी पैर भिड़ावैं काला धन खींच रह्या
क्यों खेवनहार आँख इस कांहीं तैं मींच रह्या
बेकार मानस नै बरतै खूबै या जात पात पिया॥
अमीर गरीब की खाई खुबै आज बढ़ायी देख
राम का रोल्ला नहीं सै नीति इसी ए बनाई देख
रणबीर बतावै हमनै कैसे कटै या रात पिया ॥
No comments:
Post a Comment