आज के दौर में किसानी के संकट के चलते किसान फांसी खा रहे है
बोलते हैं तो गोली खानी पड़ रही है। क्या बताया भला--
कृषि और किसान लुटगे अन्न का संकट आया क्यूँ।
स्वामीनाथन रिपोर्ट पै किसान गया बहकाया क्यूँ ।
1
अन्न का दाता मरै भूखा आज किसा जमाना आग्या रै
कितै बाढ़ मचावै तबाही कितै सूखा कसूता छाग्या रै
देश का पेट भरया उसकै यो फांसी का फंदा लाया क्यूँ
2
संकट किस बात का सै बैठ कै सोचना पड़ैगा हमनै
मिल जुलकै सोचाँगे रास्ता नया खोजना पड़ैगा हमनै
छोटूराम तेरा भोला किसान गया सै आज भकाया क्यूँ
3
गोदाम भरे पड़े नाज के फेर भी भूखा मरै कमेरा रै
किसान दुखी मजदूर घेरया खुल्ला घूमै सै लुटेरा रै
लुटेरयां नै छूट लूट की कमेरा समझ नहीं पाया क्यूँ।
4
सोच समझ बढ़ें रणबीर किसान की किसानी बचाणी
इसकी खात्तर चाहे होज्यां कितनी ए गोली ये खाणी
टिकाऊ खेती का तरीका यो गया नहीं अपनाया क्यूँ ।
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