ब्याह
मां बाप नै छोड एकली अनजान लोगों बीच मैं आई।।
पीहर भूल अपनाइए सासरा मां नै मैं खूब समझाई।।
1
बीस साल के गाढ़े रिश्ते खत्म सब किमैं दो पल के म्हां
नया घर खिड़की और दरवाजे भरे लागते छल के म्हां
इस सारे दल बल के म्हां नहीं हिम्माती दिया दिखाई।।
पीहर भूल अपनाइए सासरा मां नै मैं खूब समझाई।।
2
शरीर मेरे पै चर्चा होई जन चर्चा डांगर की होवै बेबे
रूंढी खूंडी काली धोली मेरे कद नै यो कुनबा रोवै
बेबे
सास न्यारी चाक्की झोवै बेबे कहै बहु ना सुथरी थ्याई।।
पीहर भूल अपनाइए सासरा मां नै मैं खूब समझाई।।
3
पांच सात दिन करया दिखावा थे बहोतै लाड लडाये
खाट तैं नीचै पां ना टिकावै सारे मदद नै भाजे आये
फेर असली रंग दिखाये मैं घणी वारी समझण पाई।।
पीहर भूल अपनाइए सासरा मां नै मैं खूब समझाई।।
4
औरत के हक मैं ना जो ससुराल का रिश्ता चलाया
इसमैं बदल जरूरी सै रणबीर सौ का तोड़ लगाया
छोटा मोटा गीत बनाया या असलियत खोल बताई।।
पीहर भूल अपनाइए सासरा मां नै मैं खूब समझाई।।
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