एक काउन्सिलिंग में सात साल पहले पाया।।
एम बी बी एस छोड़ के बी डी एस को चाहया।।
समझ ना सका लड़की ने क्यों किया ऐसा
बाद में पूछा तो माली हालत कारण बताया
बहुत से मैरिट वाले बच्चे छोड़ते देखे हैं
टैस्ट पास पर नाम एम बी बी एस से कटाया।।
कोटा आजकल ट्रेनिंग के लिए मषहूर है
मगर वहां का खर्चा बहुतों को रास ना आया।।
कई ऐसे भी बताए विदेषों में लोन लेते
वोम्ब बेचकर अपना वो लोन जाता लौटाया।।
मेहनत करके दिन रात बने जो डाक्टर
भूल रहे अपना अतीत मरीज से पैसा कमाया।।
षायद यही दस्तुर हमारे समाज का यारो
टागे बढे जिस मेहनत के दम उसे ही भुलाया।।
काबिल डाक्टर बना मरीजों पे सीख करके
फिर उसी काबलियत को बाजार में भुनवाया।।
क्या करुं बच्चे को बिना कैपिटेषन दाखिला नहीं
रस्ता तो है पर बच्चों को वह रस्ता न सिखाया।।
काश उनको भी अपना रास्ता सिखा पाते यारो
मैंने कोषिष से ही पहला रास्ता ही पढ़ाया।।
इतना मंहगा इलाज सपने में नहीं सोचा था
मुफत इलाज के नाम गया क्वालिटी को गिराया।।
एम्पैनलमैंट के रास्ते प्राईवेट को लाये हैं
सरकारी संस्थाओं को बैक सीट पर बैठाया।।
बिना नीति और नियत के हम चल दिये हैं
मुफत इलाज का दे नारा नब्बे को है बहकाया।।
बीमा योजना करी लरगू सब फेल हो रही हैं
गरीब साथ खेल हुआ कम्पनी धन कमाया।।
जनता को भी थ्री डी का गल्त रास्ता दिखा रहे
डीजीज डाक्टर और ड्रग नुस्खा गल्त थमाया।।
साफ पानी और हवा पौष्टिक खाना मिले तो
अस्सी प्रतिषत बीमारी होगी ही नहीं बताया।।
संसाधनों का टोटा नहीं नियत साफ नहीं है
संसाधनों में भारत सबसे अमीर है गिनवाया।।
सिस्टम का मसला है नहीं समझ पाई जनता
नब्बे दस का खेल सारा हमसे गया छिपाया।।
नब्बे को बांट दिया जात गोत मजहब पर
नब्बे कैसे आयें एक मंच सवाल ये उठाया।।
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