1: तीज मनाया करते
पींघ घालकै खूब झूलते हम नयों तीज मनाया करते।।
छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।
1
पहरकै सूट रंग बिरंगे सब झूलन जाया करती हे
मिलकै साम्मन के गीत हम बहोतै गाया करती हे
देवर जयेठ भी इधर उधर डोलते नजर आया करते।।
छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।
2
दो दो पटड़ी पै खडी होकै खूब ए पींघ बधान्ती बेबे
उप्पर जा सिर घूम जांता जिब ताले नै लखान्ती बेबे
देवर जयेठ देख नज़ारे बहोतै मजाक उड़ाया करते।।
छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।
3
दो च्यार घंटे सुख की साँस थोड़ी देर लिया करती
एक दूजी के साहमी दिल अपना खोल दिया करती
मस्त साम्मन का मौसम खीर हलवा बनाया करते।।
छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।
4
बेरा ना कित गयी वे तीज कर याद दिल भर आवै
बाजार की भेंट चढ़े त्यौहार म्हारी ना पर बासावै
रणबीर सिंह मेहर सिंह बरगे न्यारे छंद बनाया करते।।
छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।
2: ईद और तीज
तीजां का त्यौहार आ जाता है मगर मेहर सिंह को
फ़ौज से छूटी नहीं मिलती । गॉव बरौना बहुत याद आता है ।
वो बाग़ भरा पूरा और वहां डाले गए झूले । बार बार उसके
इमाग में घूमते हैं । सोचता है और क्या लिखता है ।
मतना देखिये बाट प्रेमकौर छूटी मनै मिली कोन्या।
मनै कई तरियां बात करी कोए चाल चली कोन्या ।
पहर कै दाम्मण काला तीज मनावन जाईये जरूर
फ़ौजी नै गीत लिख कै भेज्या सबनै बताईये जरूर
जरूर तीज मनाईये कदे कहै पींघ तो घली कोन्या ।
पींघ बढ़ा कै नाक सासू की जरूर तोड़ कै नै ल्याईयो
सुहाली पूड़े और गुलगले सब रेल मिल कै नै खाईयों
आपस की राड़ घरां मैं होती जमा या भली कोन्या ।
सारे गाम नै मेरे तरफ की या राम राम दियो जरूर
दोनो भान रहियो प्रेम तैं आदर सम्मान कियो जरूर
फ़ौज मैं हालात नहीं अच्छे लड़ाई इब्बै टली कोन्या ।
इस मिहने साम्मण की या रुत घनी गजब बताई
ईद बी आज काल मैं या जावै पूरे गुहांड मैं मनाई
रणबीर करै कविताई छाणी बरोने की गली कोन्या ।
3
फौजी मेहर सिंह की मुसलमानों में बहुत पक्की यारी दोस्ती थी।
यह बात उनकी छोटी भाभी ने पाल में सबके सामने बताई थी।
वह इसे फौजी के जीवन के अवगुण के रुप में देखती थी। फौजी मेहर सिंह
ने हिन्दू लड़के और मुसलमान लड़की के प्यार और विवाह पर आधारित
एक किस्सा कालीचरण भी लिखा था। इस किस्से की सब सीमाओं के
बावजूद फौजी मेहर सिंह लड़के लड़की के प्यार को बड़ी अहमियत देते
हैं और उन दोनों की शादी तक किस्से को पहुंचाते हैं। एक बार फौज में
अन्र्तजातीय विवाह और हीर रांझा के किस्से को लेकर काफी बहस होती है।
मेहर सिंह कई दिन तक सोचते हैं और फिर एक रागनी मन ही मन सोचते हैं।
इस मौके के बारे में कवि ने क्या कल्पना की है भला-
सच्चा प्यार करणियां नै कदे पाछै कदम हटाये कोन्या।।
एक बर जो मन धार लिया मुड़कै फेर लखाये कोन्या।।
हीर रांझा नै अपने बख्तां मैं पूरा प्यार निभाया कहते
लीलो चमन हुए समाज मैं घणा लोड उठाया कहते
सोनी महिवाल सच्चे प्रेमी मौत को गले लगाया कहते
आज के लोग नहीं बेरा क्यूं प्रमियों को जा मराया कहते
सुण कै फरमान समाज के कदे प्रेमी घबराये कोन्या।।
नल दमयन्ती का किस्सा हम कदे कदीमी सुणते आवां
दमयन्ती नै वर माला घाली या सच्चाई कैसे भुलावां
अपना वर आपै चुण्या क्यों इस परम्परा नै छिपावां
खुद की मर्जी तै जो ब्याह करैं उनकै फांसी क्यों लावां
हरियाणा के प्रेमी जोड़े ये समाज कै काबू आये कोन्या।।
सत्यवान ओर सावि़त्री का किस्सा बाजे लख्मी गागे आड़ै
सावित्री लड़ी यमराज तैं कहते पिंड छुड़ाकै भागे आडै़
सावित्री तै इतनी आजादी देवणिया लेखक बी छागे आड़ै
हरयाणा के दो जात बीच के प्रेमी क्यों फांसी खागे आड़ै
हरियाणा नम्बर वन प्यार मैं इसे गाणे गाये कोन्या।।
दो जात्यां बीच प्रेम विवाह का चलन बढ़ता आवै सै
फांसी का फंदा दीखै साहमी पर प्यार पींग बढ़ावै सै
इसी चीज के हो प्यार मैं जो प्रेमी जोड़यां नै उकसावै सै
रणबीर सोचै पड़या खाट मैं बात समझ नहीं पावै सै
तहे दिल तैं साथ थारै सूं मनै झूठे छन्द बनाये कोन्या।।
4
हिरोशिमा नागाशाकी
लिटिल बॉय और फैटमेंन परमाणु बम्ब गिराये रै।।
हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं धकाये रै।।
1
हिरोशिमा मैं छह अगस्त को अमरीका नै बम्ब गिराया
नौ अगस्त नै नागाशाकी पै दूजा फैटमैन बम्ब भड़काया
जापान देख कै हैरान रैहग्या अमरीका नै रोब जमाया
हालात देख कै आस पास के जापान का सिर चकराया
जमा उजाड़ दिए शहर दोनूं लाशां के ढेर लगाये रै।।
हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं धकाये रै।।
2
लाखों निर्दोष लोगों की इसमैं हुई थी मौत बताई देखो
दूसरे विश्व युद्ध मैं अमरीका नै घनी फतूर मचाई देखो
आत्म समर्पण जापान का फेर भी हेकड़ी दिखाई देखो
बिना बात बम्ब गिरा दिया अमरीका घना कसाई देखो
दो बम्ब गेर दादा गिरी का सारे कै सन्देश पहोंचाये रै।।
हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं धकाये रै।।
3
औरत मर्द बच्चे इसके हजारों लाखों शिकार हुये
सालों साल बालकों कै ये जामनू कई विकार हुये
दौड़ रूकी ना हथियारों की सौला हजार तैं पार हुये
एक हजार तैं फालतू अड्डे अमरीका के तैयार हुये
जीव मरैं निर्जीव बचैं इसे बम्ब आज बनाये रै।।
हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं धकाये रै।।
4
हिरोशिमा नागाशाकी तैं कोये सबक लिया कोण्या
हथियारों की होड़ बधाई शांति सन्देश दिया कोण्या
हथियार मुक्त दुनिया का आधार तैयार किया कोण्या
ईनके डर पै अमरीका नै खून किसका पीया कोण्या
रणबीर नागाशाकी दिवस पै ये चार छन्द बनाये रै।।
हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं धकाये रै।।
5
ज्ञान विज्ञान का पैगाम
सुखी जीवन हो म्यारा ज्ञान विज्ञान का पैगाम सुणो।
हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।
1
सारे पढ़े लिखे होज्यां नहीं अनपढ़ टोहया पावै फेर
खाण पीण की मौज हो ना भूख का भूत सतावै फेर
बीर मरद का हक बरोबर हो इसा रिवाज आवै फेर
यो टोटा गरीब की चौखट पै भूल कै बी ना जावै फेर
सोच समझ कै चालांगे तो मुश्किल ना सै काम सुणो।।
हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।
2
मिलकै नै सब करां मुकाबला हारी और बीमारी का
बरोबर के हक होज्यां तै ना मान घटै फेर नारी का
भाईचारा फेर बढ़ैगा नहीं डर रहै चोरी जारी का
सुख कै सांस मैं साझा होगा इस जनता सारी का
भ्रष्टाचार की पूरी तरियां कसी जावै लगाम सुणो।।
हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।
3
आदर्श पंचायत बणावां हरियाणा के मैं न्यारी फेर
दांतां बिचालै आंगली देकै देखै दुनिया सारी फेर
गाम स्तर पै बणी योजना लागू होज्या म्हारी फेर
गाम साझली धन दौलत सबनै होज्या प्यारी फेर
सुख का सांस इसा आवैगा नां बाजै फेर जाम सुणो।।
हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।
4
कोए अनहोनी बात नहीं ये सारी बात सैं होवण की
बैठे होल्यां लोग लुगाई घड़ी नहीं सै सोवण की
इब लड़ां ना आपस मैं या ताकत ना खोवण की
बीज संघर्ष का बोवां समों सही आज बोवण की
कहै रणबीर गूंजैगा चारों कूठ यो नाम सुणो।।
No comments:
Post a Comment