Saturday, 2 January 2021

कालजा धड़कै रै

 मेहनतकश तेरा हाल देख कर मेरा कालजा धड़के रै।।

या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।।

1

एक क्वींटल गण्डा हम करकै मेहनत उपजावां सां 

राल्ला बीस किलो दस सीरा इसतैं आज बनावां सां

बारा  किलो चीनी बनती खोही का ना मोल लावां सां 

इन का मोल तीन हजार नहीं कदे हिसाब बिठावां सां

तीन सौ पचास मिलते हमनै माट्टी गेल्याँ माट्टी बनकै रै।।

या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।।

2

पैंतीस सौ कित जावै देखो नहीं हिसाब कदे बी लाया

कदे समझलयां भेद सारा अनपढ़ता का जाल बिछाया

बांट बांट कै साजिस तैं हरिजन का क्यों दुश्मन बनाया 

मिल मैं मजदूर भाई म्हारा म्हारी गेल्याँ किसनै भिड़ाया 

तीनों आपस में लड़ा दिए तीर इसा तरकस मैं भरकै रै।।

या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।।

मेहनतकश का बैरी देखो मेहनतकश आज बणाया रै 

साढ़े तीन हजार लूटकै म्हारे सतरंगा जाल बिछाया रे

म्हारे बेटा बेटियों को उसनै अपनी गोद मैं बिठाया रै

इतना जुल्म देख धरती पै काँपज्या कृष्ण की काया रै 

ईब तो संभाला लेल्यां नहीं तै मरना होज्या सड़ कै रै।।

या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।।

4

बेटा बेटी बिगाड़ण खातिर भद्दे गाने सिनेमा त्यार किये 

दारू मैं डबोवण की खातिर ठेके खोल ये बेशुमार दिये 

ये तीन सौ पचास भी म्हारे इणनै बेदर्दी तैं डकार लिये 

सिर भी म्हारा जूती म्हारी बिन आई के हम मार दिए 

रणबीर सिंह बरोने आला ललकार रहया छंद घड़ कै रै।।

या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।।


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