नया हरियाणा
म्हारी ये कौन नाक कटावैं ना उनकी चाल जाणी क्यों।
व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों।
1
पुलिसिया बीस रपिये लेले उसकी चर्चा अखबार पुकारैं
ऊंचे महलां होज्यां सौदे करोड़ों कमीशन बदकार डकारैं
खड़े लाचार निहारैं जनता जाणै ना या कहाणी क्यों।
व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों।
2
भ्रष्टाचार बलात्कार रिश्वत खोरी ये फण सैं व्यवस्था के
नैतिकता की बात करैं वे जो चाकर इसी व्यवस्था के
अमीर मालिक व्यवस्था के गरीब की कुन्बा घाणी न्यों।
व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों।
3
गरीब हकां की लड़ै लड़ाई लड़कै व्यवस्था नै बदलांगे
गरीब अमीर की चौड़ी खाई राज व्यवस्था का समझांगे
पासा रलमिल पलटांगे पाळां इसी नागण काली क्यों।
व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों।
4
पीस्से आले इजारेदार नै म्हारी सरकार बढ़ावै लोगो
तब दिली करकै कानूनां मैं इनकी टहल बजावै लोगो
बहुराष्ट्रीय कम्पनी ल्यावै लोगो देखै ना म्हारी हाणी क्यों।
व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों।
5
छोटी पूंजी मेहनत मिलकै बड़ी पूंजी तैं हम टकरावांगे
किसान मजदूर दूकानदार सब मिल यो नारा लावांगे
यो नया हरियाणा बनावांगे रणबीर बीमारी पिछाणी न्यों।
व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों।
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