Saturday, 6 June 2020

गुंडागर्दी

गुंडागर्दी
इस गुंडा गर्दी नै बेबे ज्यान काढ़ ली मेरी हे ।
सफ़ेद पोश बदमशां नै इसी घाल दी घेरी हे ।

रोज तड़कै होकै त्यार मनै हो कालेज के म्हं जाणा
नपूता रोज कूण पै पावै उनै पाछै साइकल लाणा
राह मैं बूढ़े ठेरे बी बोली मारैं हो मुश्किल गात बचाणा
मुँह मैं घालन नै होज्यां मनै चाहवैं साबती खाणा
उस बदमाश नाश जले नै चुन्नी तार ली मेरी हे ।

मनै सहमी सी नै माँ आगै फेर बात बताई सारी
सीधी जाईये सीधी आईये मनै समझावै महतारी
तेरा ए दोष गिनाया जागा जै तणै या बात उभारी
फेर के रैहज्यागा बेटी ज़िब इज्जत लुटज्या म्हारी
माँ हाथ जोड़ कै बोली तेरे और भतेरी हे ।

नयों गात बचा बचा कै पूरे तीन साल गुजार दिए
एच ए यूं मैं लिया दाखला पढ़ण के विचार किये
वालीबाल मैं लिकड़ी आगै सबके हमले पार किये
मार मार कै तीर कसूते या छाती सालदी मेरी हे ।

कुछ दिन पहलम का जिकरा दूभर जीना होग्या
इन हीरो हांडा आल्याँ का रोज का गमीना होग्या
कई बै रोक मेरी राही खड़या एक कमीना होग्या
उस दिन बी मैं रोक लई घूँट खून का पीना होग्या
रणबीर कई खड़े रहैं साईकिल थम लें मेरी हे ।






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