Saturday, 6 June 2020

ज़िब ज़िब जनता जागी

ज़िब ज़िब जनता जागी
जिब जिब जनता जागी यो जुल्मी शोषक झुका दिया।
भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै हम सबनै था भगा दिया।
1ण् आजाद देश का सपना पहोंच्या शहर और गाम मैं
भगत सिंह फांसी टूट्या जोश था देश म्हारे तमाम मैं
दुर्गा भाभी भी गेल्याँ जूटगी इस आजादी के काम मैं
लाखां नर और नारी देगे अपनी कुर्बानी ये गुमनाम मैं
क़ुरबानी बिना नहीं आजादी गांधी अलख जगा दिया।
2ण् गोर गए काले आगे गरीबी जमां मिट्टी नहीं सै देखो
बुराई बढ़ती आवै सै भिद्द इसकी पिटी नहीं सै देखो
अच्छाई संघर्ष करण लागरी आस घटी नहीं सै देखो
जनता सारी समझ रही या उम्मीद छुटी नहीं सै देखो
समतावादी समाज होगा संघर्ष का डंका बजा दिया।
3ण् जात पात हरयाणे की सै सबतैं बडडी बैरी भाईयो
विकास पूरा होवण दे ना दुनिया यह कैहरी भाईयो
वैज्ञानिक सोच काट बताई जड़ घणी गहरी भाईयो
अमीरां की जात अमीरी म्हारै गरीबी फैहरी भाईयो
म्हारी एकता तोड़ण खातर जात पात घणा फैला दिया।
4ण् दारू माफिया मुनाफा खोर इनकी पक्की यारी देखो
भ्रष्ट पुलिसिया ओछा नेता करता चौड़ै गद्दारी देखो
बिचौलिया घणे पैदा होगे म्हारी अक्ल मारी देखो
लाम्बे जन संघर्ष की हमनै करली सै तयारी देखो
लिखै रणबीर भगत सिंह नै यो रस्ता सही दिखा दिया ।







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