-181-
भाभी
बण ठण कै भाभी री तनै करी कित जाने की तैयारी।
लक्ष्मी सहगल रोहतक आवै उड़ै होगा जलसा भारी।।
1. जलसे और जलसूां मैं बीर का जाणा ठीक नहीं
खानदान कै बट्टा लागै इसा कदम उठाणा ठीक नहीं
शहर की सड़कां उपर थारा नारे लाणा ठीक नहीं
बालक रूलज्यां गाला मैं रहै पीणा खाणा ठीक नहीं
बात मानिये भाभी मेरी घर मैं मतना दिये बुहारी।।
2. देवर कान खोल कै सुनिये साची बात बताउं मैं
मरदां बराबर खड़ी हुई औरत तनै दिखाउं मैं
रानी झांसी लड़ी जंग मैं तनै याद दिवाउं मैं
प्यारे बोस की सेना मैं ताप तलवार चलाउ मैं
कैप्टन हिन्द फौज की सहगल म्हारे शहर मैं आरी।।
3. हरियाणे मैं सुण भाभी इसा रिवाज रहया नहीं सै
घर तै बाहर लिकड़ कै इसा काम करया नहीं सै
मरद की शरण बिना री तनै कदे सरया नहीं सै
बीर मरद बराबर दोनों मंजूर मंन नै करया नहीं सै
थारी बराबरी नाश करैगी मनै याहे चिंता खारी।।
4. न्याय युद्ध मैं तूं क्यों ट्रैक्टर भरकै ले जावै था
तेरा यो घरबासा बतादे किस तरियां डट पावै था
आगै होकै क्यों म्हारे पै तूं नारे खूब लवावै था
आज मनू याद आया जिब ना जिकर चलावै था
भाभी जावैगी जलसे मैं रणबीर की कलम पुकारी।।
सरोज तेरी लाश देख कै मेरा कालजा मुंह नै आया।
पंखा क्यूकर काल हुआ मेरे दिमाग नै चक्कर खाया।।
1. मां बेटी दोनूं पलंग उपर थी शान्त चित पड़ी हुई
पंखा टिक्या सिरां उपर पंखड़ी उसकी खड़ी हुई
चादर उपर खून फैलग्या झाग नाशां मैं अड़ी हुई
दुख और भय की रेखा थी चेहरयां पै जड़ी हुई
सोचूं घालूं क्यूकर सांस थारै नहीं रास्ता कोए पाया।।
2. चालकै उड़े तै देखे जसबीर स्मारक मैं आया फेर
पंखे गेल्यां क्यूकर घटी घटना जोड़ तोड़ लाया फेर
एक्सीडैंट और कतल का सारा हिसाब लगाया फेर
कतल हुया सरोज तेरा सोच कै सिर चकराया फेर
छोड़ सारे काम बैठ ग्या तेरा चेहरा आंख्यां में छाया।।
3. सरोज तेरा कतल करकै प्रेम तनै मार ना पाया
उसनै अपना असली चेहरा आज तलक छिपाया
वहशी दरिन्दा भीतर का आज सबके साहमी आया
थारी जुबान बन्द करकै ईब के उस पापी कै थ्याया
मौत कबूल करी तनै पर ना उल्टा कदम हटाया।।
4. मनै बेरा घणे कष्ट सहे घर अपणे मैं रोज तनै
घर कै भीतर बाहर संघर्ष करया सै सरोज तनै
याणी उम्र मैं कठिन रास्ता लिया कैसे खोज तनै
आंगनवाड़ी महिलाओं की करदी तैयार फौज तनै
संघर्ष करते-करते जीने का तनै सबक पढ़ाया।।
5. हरियाणे मैं पहली बार महिला अर्थी कान्धिया होगी
तेरी अर्थी बी बीज बदल के या आखिरी दम पै बोगी
ज्यान समाज बदलन खातर याणी सी उम्र मैं खोगी
हमनै जगाकै क्यों जाकै तूं शमशान घाट में सोगी
आग मैं जलकै सरोज तेरी या कुर्बान होगी काया।।
6. हट-हट शक्ल याद आवै जण खड़ी हो साहमी आकै
कइयां आगै कही कहाणी नील गात कै दिखलाकै
कर संघर्ष सहज सहज पहोंची शिखर पर जाकै
आकै संघर्ष जिन्दाबाद बोलै तों अपणा हाथ उठाकै
पेटा कोण्या भरता म्हारा मन बहोत घणा समझाया।।
-183-
भाजपा के एक साल के राज के दौरान सुरक्षा की स्थिति बहुत खराब रही। कई हजार कतल हुए जितने पहले कभी नहीं हुए थे । क्या बताया भला:
एक साल के राज मैं कतल अड़तीश हजार होगे रै।
म्हारे देश के लोग आज बहोत घणे लाचार होगे रै।।
1. उत्तर प्रदेश नै पहला देखो नाम कमाया इसमैं
दूसरा नम्बर दिल्ली का गया आज बताया इसमैं
पत्रकार कई मारे गये नहीं झूठ भकाया इसमैं
नेतावां का हाथ कत्लां मैं खुल कै दिखाया इसमैं
प्रशासक भी पत्थर दिल आज बेशुमार होगे रै।।
2. बम्बई मैं बीजेपी शिव सेना दोनों करती राज देखो
पांच सौ दस डकैती होई हजारां धोखे के काज देखो
चोरी बारा हजार होई ठाकरे पूरा करै नाज देखो
गुलशल के सिर के उपर चौड़ै गिरता गाज देखो
इसे चाले करकै क्यूकर वोटां के हकदार होगे रै।।
3. कलकत्ते मैं सबतै घाट ये सन् ठानवै के साल मैं
कुल अस्सी कत्ल हुए बताये एक सर्वे फिलहाल मैं
कानून की हालत काबू मैं बताई पूरे ही बंगाल मैं
फेर भी भाजपा आच्छी क्यूकर बताओ थारे ख्याल मैं
खोखला कर देश दिया भूखमरी के आसार होगे रै।।
4. म्हारी देश सुरक्षा पै खतरा आज घणा मंडराया सै
विष्णु भागवत काढ़ दिया जिनै देश बचाणा चाहया सै
फौज मैं पाड़ ला दिया दीखै सुणकै सिर चकराया सै
हाहाकार देश मैं गरीब पै साध कै तीर चलाया सै
रघबीर जो छन्द घड़ै गरीबां के हथियार होगे रै।।
-184-
सुणिए करकै ख्याल बेटा, जणकै आवै मलाल बेटा।
खड़या करया जंजाल बेटा, होन्ता ए क्यू ना मरग्या रे।।
1. ना करी पढ़ाई पूरी तनै नहीं हुनर कोए सीख्या बेटा
तीन किले धरती म्हारे पै तनै कौण सहारा दीख्या बेटा
दिन दूनी बढ़ज्या म्हंगाई, गरीबां पै चढ़ज्या करड़ाई
म्हारी किस्मत प
2. पां कै पां भिड़ान्ता हांडै, करण नै कोए काम नहीं सै
तेरी करतूत देख कै लागै तूं असल का जाम नहीं सै
रोज उल्हाणा आवै सै तेरा, दुनिया सिर खावै सै मेरा
मन उल्टा जावै सै तेरा, जी तेरी औड़ का भरग्या रै।।
3. कित धरूं कित ठाउं तनै चिन्ता नै मैं खाई देख
बुरा जमाना आग्या सै रही ना जमा बी समाई देख
इबतै ले ले सम्भाला तूं मतना करै कर्म कुदाला तूं
कुबध का कर दे टाला तूं, क्यों सच्चाई तै डरग्या रै।।
4. कमल जिसा दोस्त तेरा, फेर बी अक्ल ना आई तनै
अच्छाई ना सीखी उसपै, सीखी किततै ये बुराई तनै
मैंन चिन्ता खागी तेरी, नहीं किस्मत जागी तेरी
नहीं नौकरी लागी तेरी, यो भगवान कड़ै डिगरग्या रै।।
-185-
लिए कर्ज के मैं डूब, हमनै तिरकै देख्या खूब,
ना भाजी म्हारी भूख, लुटेरयां नै जाल बिछाया, हे मेरी भाण
1. ज्यों-ज्यों इलाज करया मर्ज बढ़ग्या म्हारा बेबे
पुराने कर्जे पाटे कोण्या नयां का लाग्या लारा बेबे
झूठे सब्जबाग दिखाये, अमीरां के दाग छिपाये
गरीबां के भाग लिवाये, कर सूना ताल दिखाया, हे मेरी भाण
2. विश्व बैंक चिंघाड़ रहया घरेलू निवेश कम होग्या
म्हंगाई ना घटती सखी, गरीबी क्यों बढ़ती सखी
जनता भूखी मरती सखी, नाज का भण्डार बताया हे मेरी भाण
3. जल जंगल और जमीन खोस लिए म्हारे क्यों
सिरकै उपर छात नहीं दिए झूठे लारे क्यों
आदिवासी तै मार दिया, किसानां उपर वार किया
कारीगर धर धार दिया, बेरोजगारी नै फंख फैलाया, हे मेरी भाण
4. इलाज करणिया डाक्टर बी खुद हुया बीमार फिरै
सुआ लवाल्यो सुवा लवाल्यो करता या प्रचार फिरै
होगी महंगी आज दवाई, लुटगी सारी आज कमाई
रणबीर सिंह बात बताई, खोल कै भेद बताया, हे मेरी भाण
-186-
सुणले करकै ख्याल पिया, ये गुजरे हजारां साल पिया।
सिंधु घाटी का कमाल पिया, यो गया कडै लोथाल पिया।
क्यों होगे हम कंगाल पिया, खोल कै भेद बतादे नै।।
1. चरक सुसुरता जिसे सर्जन हिन्दुस्तान का नाम करया
जीवाका वााग भट्ट जिसे डाक्टर बढ़िया सा काम करया
ब्रह्मगुप्त नै हिसाब पढ़ाया, आर्य भट्ट नै शून्य सिखाया
नालन्दा नै राह दिखाया, तक्षशिला साथ कदम बढ़ाया
तहलका चारों धाम मचाया, ये गए कड़ै समझादे नै।।
2.
ताज के कारीगर छबीले, जिनका कोए तोड़ नहीं था
हमनै सबको सम्मान दिया, सह उनका अपमान लिया
ग्रीक रोमन को स्थान दिया, अंग्रेजां का गुणगान किया
इननै म्हारा के हाल किया, या सही तसबीर दिखादे नै।।
3. ब्यौपारी बण कै आए वे बण बैठे राजा देश के रै
लूट कै लेगे धनमाल सारा बोगे बीज क्लेश के रै
फिरंगी का न्यों राज हुया, चील का बैरी बाज हुया
सारा क्यों खत्म साज हुया, क्यों उनके सिरताज अुया
क्यों इसा कसूता काज हुया, थोड़ा हिसाब लगादे नै।।
4. चम्पारण डाण्डी उठ लिए लाहौर मेरठ पीछे रहे नहीं
तेलंगाना मैं मची लड़ाई बहादुर किसी से डरे नहीं
फिरंगी देश से चल्या गया, देसी बिन बात मल्या गया
धर्म जात पै छल्या गया, धुन गेल्यां गेहूं दल्या गया
क्यों जाल इसा बुण्या गया, रणबीर सै लिखवादे नै।।
-187-
मरघट का मसूल
मतना लाओ वार सखी, हो जाओ तैयार सखी।
ठाल्यो तम हथियार सखी, लड़नी आज लड़ाई हे।।
1. गांव, गली, शहर, कुचे मैं इज्जत म्हारी महफूज नहीं
अत्याचार होते रोजाना करता कोए महसूस नहीं
नहीं लड़ाई आसान सखी चहिए युद्ध घमासान सखी
मारे जां शैतान सखी बची नहीं समाई हे।।
2. रूढ़िवादी विचार क्यों देखो बनके ये दीवार खड़े
कहने को होते देखो ये यहां बढ़िया प्रचार बड़े
दुश्मन गेरता फूट सखी, ऐसे मचाए लूट सखी
अब तुम जाओ उठ सखी, सही ना जा पिटाई हे।।
3. मातृ श्ािक्त कहने वाले आज कहां पर चले गए
अबला सबला कह कर अरमान, हमारे छले गए
नहीं सहें अपमान सखी, पायें हम सम्मान सखी
चले ऐसा अभियान सखी, डंके की चोट बताई हे।।
4. जीना है तो लड़ना होगा, संघर्ष हमारा नारा बहना
संगठन बना के कदम बढ़ाएं, दूर नहीं किनारा बहना
अब तो उंचा बोल सखी, झिझक ले अपनी खोल सखी
जाए दुश्मन डोल सखी, रणबीर अलख जगाई हे।।
-188-
यो बख्त फागण का आग्या, जोश मेरे गात मैं छाग्या।
मनै यो जान्ता जाड़ा भाग्या, देखूं तेरी बाट पिया।।
1. सांझै लुगाई कट्ठी होज्यां सैं, म्हां बीच कै ताने देज्यां सैं
तेरे बिन कोए फाग नहीं, आच्छा लागै कोए राग नहीं
मेरे बरगा कोए निरभाग नहीं, सबकी ओटूं डाट पिया।।
2. तेरी फौज मेरी ज्यान का गाला, अफसर तेरा सै घणा कु
मैं भेज द्यूंगी तार फौजी, ना करिये जमा वार फौजी
भली मिली तनै नार फौजी, नहीं किसे तैं घाट पिया।।
3. दुलहन्डी दोनों मिलकै खेलांगे, दुख दरद हम सब झेलांगे
घणा बुरा जमाना आरया सै, माणस नै माणस खारया सै
चमन मैं धुमां छारया सै, इसनै आकै छांट पिया।।
4. सास बहू हम मिलकै रहवां, हाथ जोड़ बस इतना कहवां
करिए थोड़ा सा ख्याल तूं, हो ल्याइये लाल गुलाल तूं
ले लिए म्हारी सम्भाल तूं, करै रणबीर ठाठ पिया।।
-189-
सुणले करकै ख्याल बाबू, साचा कहती हाल बाबू
रैहगे सूने ताल बाबू, पढ़ण कोण्या पाई मैं।।
1. चारों तरफ अंधेरा दीखै जमाना घणा बदल गया
नई खोज होवैं रोजाना साइंस का हो दखल गया
नई खोज साइंस करले बढ़ इसका दखल गया
मैं घणी पछताउं बाबू, साची बात बताउं बाबू
हटकै पढणा चाहूं बाबू, करल्यूं कला सवाई मैं।।
2. अस्पताल मैं धक्के खाये दवाई का बेरा पटता ना
डॉक्टर मनै धमकादे सै मरज मेरा तो घटता ना
आवै याद पढ़ाई बाबू, डॉक्टर नै सताई बाबू
रैहगी बिना दवाई बाबू, जिन्दगी पड़ी खटाई मैं।।
3. रोहतक जाकै चीज खरीदूं ना बेरा चालै मोल का
दो सेर का डेढ़ मिलै नहीं बेरा पाटै तोल का
मनै डर सतावै बाबू, हिसाब नहीं आवै बाबू
मेहनत लुट ज्यावै बाबू, डांगर हांडैं कमाई मैं।।
4. टेम रहै ना पढ़ना चाहूं आज करिये ना इनकार जमा
मां नाटै उसनै मनाइये रणबीर सिंह मेटै तकरार जमा
तेरी बेटी चाहवै बाबू, मतना दिन दुखावै बाबू
पढ़कै तनै दिखावे बाबू, बेरा पटै असनाई मैं।।
-190-
घड़ा भर लिया पाप का एक दिन फूटैगा जरूर।
मेहनतकश पड़ कै सोग्या कदे तो उठैगा जरूर।।
1. पगडंडी की राज भवन तै आज खुलकै तकरार ठनी
गरीब की गर्दन के उफपर आज नंगी तलवार तनी
अमीरी जालिम हर बार बनी एक दिन टूटैगा गरूर।।
2. महलां मैं रहै उजाला म्हारे घर मैं काली रात रहै
जनता भोली सड़कां उपर गुण्डागर्दी की लात सहै
जो नहीं साची बात कहै कदे धूल चाटैगा जरूर।।
3. बिके लिखारी गुण गावैं गलत नै सही ठहरावैं
दस नब्बै का असली खेल ये साची बात बतावैं
जोंक खून नै पी ज्यावैं कदे पैंडा छूटैगा जरूर।।
4. अनपढ़ता बेकारी और गरीबी तीनों ही मां जाई ये
अनपढ़ता कै दे ले घेरा ना मुश्किल फेर लड़ाई ये
रोड़ा अटकावैंगे कसाई वे यो डूंडा पाटैगा जरूर।।
-191-
जनसंख्या क्यों बधगी भाई मिलकै मन्थन करना होगा।
असल सच्चाई के सै भाई कान खोल कै सुनना होगा।।
1. अट्ठासी करोड़ कमेरे बताये म्हारे प्यारे भारत देश मैं
इतने कम्प्यूटर बेकार पड़े गोली खा मरैं क्लेश मैं
क्यों पाछै रैहगे रेस मैं हमनै आज समझना होगा।।
2. जनसंख्या घटानी हो तै गरीबी मार भगानी होगी रै
गरीबी मां बढ़ती आबादी की ईंकै आग लगानी होगी रै
घर घर अलख जगानी होगी रै ना तै दुख भरना होगा।।
3. कुणबा उतना पलज्या जितना या जानै दुनिया सारी
मिलज्या खाणा और दवाई नहीं होवै कोए बी लाचारी
फेर क्यों जनता बढ़ती जारी सवाल खड़या करना होगा।।
4. अनपढ़ता बेकारी और गरीबी तीनों ही मां जाई ये
जनसंख्या बढ़ती इनके कारण रणबीर नै बात बताई ये
इतनै लड़नी आज लड़ाई ये नहीं हमनै डरना होगा।।
-192-
पांच साल के अन्तर से सन्तान दूसरी हो तेरी।
दो ही फेल खिलैं घर मैं या बात मान ले तूं मेरी।।
1. आये साल तेरे घर मैं बजती जापे की थाली
कमजोरी मैं रोगां नै ली घेर तेरे घरआली
जाण कै जिन्दगी नरक बणाली हुई गात की
2. तूं सोचै बिन छोरे के मेरा नाम बन्स का चलता ना
ये छोरी छोरे हौं सैं बराबर इब अन्तर कोए मिलता ना
इस भेदभाव तै टलता ना दुख क्यूं करता हेरा फेरी।।
3. कम बालक हों जिब घर मैं आच्छे लिख पढ़ाले तूं
डीसी डिप्टी आई ए एस के चाहे एग्जाम दिवाले तूं
दो जीवन सफल बनाले तूं इब दिन दिन होती देरी।।
4. छोटे से कुण्बे मैं होते सब चीजां के ठाठ कहैं
किशन चन्द बड़ा कुटम्ब दुखी हो सारे बारा बाट कहैं
आज छोरी लोहलाट कहैं हमनै खाली गाल भतेरी।।
-193-
चारों कूट यो रुक्का पड़ग्या देश बेच कै खाया किसनै।
रक्षा सौदे कर करकै भारया कमीशन पाया किसनै।।
1. धन-धन सै उन वीरां नै जिननै ज्यान की बाजी लाई सै
मोत गेल्यां खेले आंख मिचौली जिब साच की थाह पाई सै
नीचे तै शुरू कर दिया उपर तांहि की जड़ दिख लाई सै
पर्दाफाश करया उनका जिननै देश की नाक कटाई सै
कैमरे में कैद करया सारा देश दा पै लाया किसनै।।
2. हवाला तै कई गुणा भारया तनमै इसा कांड करया यो
देश का नाम डबो दिया चेहरा कालस तै भांड गरया यो
अटल तेरा यो नकल मुखौटा मीडिया नै चांड धरया यो
जनता कै घी सा घलग्या आज मरखना सांड घिरया यो
न्यों मतना कहिये बंगारू म्हारा प्रधान बनाया किसनै।।
3. समता आले समता चाहवैं खाण पीण के सौद्यां मैं
चन्द्रा बाबू नायडू बिठाये चारा खवा कै गोड्या मैं
अपणे गोड्डे टेक दिये तनै जा अमरीकी मोड्या मैं
कई बन्धु फांसी खाज्यां ईब तेरी ओड़ कै चोढ्यां मैं
के कहवैं बादल और चौटाला यो खेल रचाया किसनै।।
4. म्हारे देश की जनता नै यो अपणा फर्ज पुगाणा होगा रै
जितने दलाल बिचौलिये ईब सबक सिखाणा होगा रै
खेत कारखाने मैं कमाया वो धन बचाणा होगा रै
उंच नीच के भेद भूल कै ईब अलख जगाणा होगा रै
रणबीर सिंह साची बात लिखै घर म्हारा
-194-
देखी तरूण की आज चतुराई हे सखी
तहलका डॉट कोम नै
सारे देश मैं धूम मचाई हे सखी
तहलका डॉट कौम नै
1 एक लाख बंगारू नै खाये, दो लाख जया जेटली ते जिमाये
सबकी वीडियो रील बनाई हे सखी
तहलका डॉट कोम नै
2. पी के चौधरी जनरल था, दखे सयाल लेफटिनेंट कर्नल था
इनकी करी खूब खिंचाई हे सखी
तहलका डॉट कोम नै
3. लाखां सुरेन्द्र सिंह सुलेखा पै, थी सोने की चेन एनएन मेहता पै
इनकी करी खूब ठुकाई हे सखी
तहलका डॉट कोम नै।।
-195-
पत्रकार रूखाले देश के, काम यो सजग सिपाही का।
एक और भण्डा फोड़ हुया, सरकार नाश की राही का।।
1. हे रै लूट कै खागे मेरे देश नै, ये भौंचक्के से रैहगे लोग
जया जेटली बंगारू और फर्नांडीस के देखो शौक
स्वदेशी का नारा दें और अमरीका कै मारैं धोक
चोर-चोर मौसेरे भाई, हिसाब देवैं ना पाई का।।
2. पीस्यां आले कट्ठे होकै, गड़मड़ ये बतलावैं सैं
टाटा बिड़ला विश्व बैंक की नीति अड़ै चलावैं सैं
मजदूर किसान की कीमत ना ये तै न्यूं ए हाड़ गलावैं सैं
कट्ठे होकै गला पकड़ल्यो इस पूंजीपति कसाई का।।
3. इतने तै भी भरता ना ये तै देश का सौदा करण लगे
लाख दो लाख चैन सोने की खूब तिजोरी भरण लगे
नैतिकता की देवैं दुहाई ये तै चीर देश की हरण लगे
भोले माणस नै ना भेद लगण दें, इस दलदल की काई का।।
4. इन देश भक्तां के काले चेहरे का कर दिया पर्दाफाश तनै
जान की बाजी लाकै नै बन्द करी लुटेरयां की सांस तनै
तहलका तहलका होण लागरी वाह तरूण शाबास तनै
मुकेश कहै यो गर्व देश नै तरूण तेरी तरूणाई का।।
-196-
लालच लूट खसोट बचै नहीं नए
भाई का बैरी भाई रहै नहीं इसा गजब का इन्सान बणावांगे।।
1. काली तसबीर नहीं रहै अनपढ़ता मार भगानी होगी भाई
गरीबी का नाश लाजमी बीमारी दूर हटानी होगी भाई
भूखा नहीं इन्सान मरै प्रणाली इसी चलानी होगी भाई
रहवण खातर मकान सबपै इसी तदबीर लगानी होगी भाई
हारी बीमारी ना टोही पावै लोगां का सही सम्मान करावांगे।।
2. सबको शिक्षा और काम की फेर गारन्टी सबनै हो ज्यागी
दिन मैं काम करैंगे सांझ की फेर फुरसत सबनै हो ज्यागी
सारी दुनियां मैं आण जाण की फेर सुविधा सबने हो ज्यागी
रखैल रहै ना बीर मरद की फेर शांति सबनै हो ज्यागी
नशा खोरी ना कितै रहणे की मिलकै दूर बेईमान भजावांगे।।
3. दौलत की पूजा नहीं रहै ना इसका नामो निशान बचै
मुनाफा मजिल नहीं रहै ना चौगरदे नै घमशान मचै
लाठी की भैंस नहीं रहै ना खेल इसा पहलवान रचै
भोग की दुनिया नहीं रहै ना झूठा कोए अभियान जचै
प्रदूषण नाश करै दुनिया का कदे होज्या शमशान बचावांगे।।
4. सामाजिक
पापी दूना धनवान होग्या भाग गरीब का फूट गया रै
राज पाट पुलिस फौज तै म्हारी मेहनत नै लूट गया रै
पाप घड़ा सबकै साहमी यो देखो पड़कै फूट गया रै
रणबीर सिंह गलत सही का हम सारा उनमान लगावांगे।।
-197-
डंकल खागड़
सिर भी म्हारा जूती म्हारी गंजे बणा कै छोड़ दिये।
नया टोरड़ा कोए लाया ना पुराने ओटड़े फोड़ दिये।।
1. डंकल खागड़ खड़या सुसांवै खुर्रियां माट्टी ठावै
आण बड़या जै म्हारी सीम मैं वो बैरी घणी गश खावै
भारत का बलध रम्भावै, खड्डूआं नै कर गठजोड़ लिये।।
2. खागड़ां तैं बचावण खातर यो पेटैंट कानून बनाया
ठारा साल तै करी रूखाली नहीं डंकल नै भी डां ठाया
विश्व बैंक नै इसा फंसाया म्हारे गोड्डे कसूते तोड़ दिये।।
3. मेरी यूनियन सभा सै तेरी बन्द करां इस तकरार नै
कट्ठे होकै संघर्ष करो मार दिये राज दरबार नै
तेज कर लड़ाई की धार नै खागड़ां के मुंह नै मोड़ दिये।।
4. कई खड्डू म्हारे देश मैं खागड़ां तै हाथ मिलारे सैं
बलधां का जी काढ़ण खातर ये सतरंगा जाल बिछारे सैं
रणबीर ये बांटना चाहरे सैं लगा सारा निचोड़ लिये।।
-198-
बात पते की
वाल्व दिल का खराब बताया मेरी घर आली का।
दो लाख खरचा सुणकै डोल गया दिल काली का।।
1. किततैं ल्याउं दो लाख घर मैं मुस्से कुला करैं सैं
पढ़ाई तीनों बालकां की मुश्किल तै फीस भरैं सैं
बिना दवाई करै मरैं सैं दिल दुखै फेर माली का।।
2. घर आली कै सांस चढ़ज्यां च्यार कदम बी चालै
जीवन तै प्यार बहोत सै कूण दोबारा जी घालै
बूझे दीवै कूण घी डालै घर बसज्या इस पाली का।।
3. सारै घूम कै देख लिया सबनै हाथ हिला दिये रै
बिना पीस्से इलाज कड़ै किसनै कूण जिला दिये रै
धक्के घणे खिला दिये रै जण कीड़ा गन्दी नाली का।।
4. एक किल्ला तीन लाख का रणबीर मनै टेक दिया
गरीब किसान के दिल मैं न्यों कर मोटा छेक दिया
डाक्टरां नै टीकड़ा सेक लिया फूंक कति घर हाली का।।
-199-
दुलीना काण्ड
धार्मिक कट्टरवाद की झझर मैं पड़ी काली छाया।
भीड़ कट्ठी करकै मौत का यो ताण्डव नाच नचाया।।
1. टैम्पो भरया खालां का पुलिस चौकी पै रोक्या था
पीस्से मांगे सिपाही नै रोब जमाकै ठोक्या था
एक दलित नै टोक्या था ना हमनै जुलम कमाया।।
2. चार घण्टे थाम्बे राखे सारे अपफवाह फैला दई
गउ माता मारी देखो जनता सारी बैहका दई
भीड़ कट्टरवाद नै जुटाई खूबै जहर फैलाया।।
3. पांचों चौकी तै काढ़ लिये पुलिस चुपचाप खड़ी थी
पत्थर मारने करे शुरू घणी नाजुक घड़ी थी
चाहिये चौकसी बड़ी थी ना हवा मैं फायर चलाया।।
4. मरण तै पहलम पांचों हाथ जोड़ चिल्लाये थे
दलित हिन्दू सां हम भी अपणे नाम बताये थे
उपर नै हाथ ठाये थे रणबीर नहीं बचा पाया।।
-200-
पढ़ाई लिखाई व्यापार बणाली इन बन्धुआं की सरकार नै।।
फीस कई गुणा बधाई सै मार दिये म्हंगाई की मार नै।।
1. स्कूल बक्से ना बक्से कालेज इस बढ़ती फीस के जाल तैं
काश्मीर तै कैरल तक बींधे मास तार लिया यो खाल तैं
चारों कान्ही हाहाकार माचग्या थारी इस बे
जमा धरती कै मार दिये के तम वाकफ ना म्हारे हाल तैं
खर्च एक चौथाई कालेज जुटाओ दिया हुकम दिल्ली दरबार नै।।
2. यूजीसी कठपुतली बणाली उल्टे सीधे नियम बणवाये जां
दो सौ बीस फीस थी पहलम आज हजार तेरां भरवाये जां
दिल्ली यूनिवसिर्टी मैं सात हजार शुरू मैं धरवाये जां
आईआईटी का जिकरा ना दाखिले पै लाखां चढ़वाये जां
बन्धुओं थारी फीस बढ़त या खोस कै लेगी म्हारी बहार नै।।
3. दो हजार आटोनोमस कालेज पूरे भारत मैं चलाये सैं
नये कोर्स कम्प्यूटर बरगे इनके अन्दर खुलवाये सैं
इन कोर्सों के लाखां रूपइये फीस दान के भरवाये सैं
गरीब बालक माखी की
बन्धुओ मतना नाश करो क्यों खत्म करो परिवार नै।।
4. विश्व बैंक के कैहणे पै बन्धुओ क्यों गोड्डे टेके तमनै
उनके फायदे खातर क्यों म्हारे फायदे ना देखे तमनै
सब्सिडी खत्म करी म्हारी बर्बादी पै परोंठे सेके तमनै
म्हारी साथ बिना बात क्यों ईब फंसा लिये पेचे तमनै
रणबीर सिंह कै जंचगी थम डबोवो देश की पतवार नै।।
-201-
सूचना का अधिकार
यो सूचना का अधिकार म्हारा किसनै दबाया सै।
सबनै यो हक मिलै सवाल जगत मैं छाया सै।।
1. समाज के विकास मैं ज्यान खपाई जनता नै
भूखे पेट रैहकै भी करी सै कमाई जनता नै
पेट भराई जनता नै कड़ै यो खाणा थ्याया सै।।
2. आह भरैं बदनाम हों उनका कत्ल माफ सै
कब्जा किसका सूचना पै बात कति साफ सै
बिना रिजाई के लिहाफ सै किसा जमाना आया सै।।
3. सौ पीस्से चाले दिल्ली तै पन्दरा थ्यावैं हमनै रै
पिचासी कड़ै गये ना कोए बी बतावैं हमनै रै
धोंस तै दबावैं हमनै रै जी घणा दुख पाया सै।।
4. टन कपास मैं धागा कितना यो निकलता रै
रणबीर धागे का लत्ता फेर कितना बनता रै
हिसाब नहीं मिलता रै ज्यां कलम उठाया सै।।
-202-
सुभाष बोस देखले आकै
देश मैं किसी आजादी आई, गरीबां कै और गरीबी छाई।
अमीरां नै घणी लूट मचाई, सुभाष बोस देखले आकै ।।
1. भगत सिंह नै दी कुर्बानी, जनता नै खपाई जवानी
हैरानी हुई थी गोरयां नै, कमर कसी छोरी छोर्यां नै
देश बांट दिया सोहरयां नै, सुभाष बोस देखले आकै ।।
2. ये गोरे गये तो आगे काले, हमनै नहीं ये कदे सम्भाले
चाले कर दिये बेइमानां नै, भूल गय हम इन्सानां नै
इन देशी हुकमरानां नै, सुभाष बोस देखले आकै ।।
3. बोवणियां की धरती होगी, सब जात्यां की भरती होगी
सरती होगी नहीं बिरान, खुश होज्यांगे मजदूर किसान
आजादी करै यो ऐलान, सुभाष बोस देखले आकै ।।
4. मुनाफाखोर देश पै छाये, पीस्से पै सब लोग नवाये
लगाये भा इस बाजार मैं, ईमान बिकै कुछ हजार मैं
धंसते जावां हम गार मैं, सुभाष बोस देखले आकै ।।
5. मकान सैं परिवार नहीं, माणस सैं घरबार नहीं
सरकार नहीं सुनती या, जाल कसूता बुनती या
गरीब नै रणबीर धुनती या, सुभाष बोस देखले आकै ।।
-203-
सौ प्रतिशत प्रोमोशन खातर डॉक्टर फिरते मारे-मारे।
कुछ नीचे तै कूछ कै उपर आवण के थे जुगाड़ बिठारे।।
1. इन्टरव्यू की तैयारी करली फाइल मैं कागज धरकै नै
कई डाक्टर जोर लगारे हांडै बैग मैं पीस्से भरकै नै
जोर आजमाई करकै नै प्रोफेसर बणण की आसा लारे।।
2. एक दूजे के सब बैरी होगे कति फूटी आंख सुहावै कोण्या
इन्सानियत भूल गये पशु भी न्यों कदे डकरावै कोण्या
उननै रोटी जमा भावै कोण्या मंत्रियां के घरां धक्के खारे।।
3. इन्टरव्यू कैंसल होगे उनके पढ़ी खबर अखबार मैं
सारयां नै घणी खुशी मनाई मातम मच्या सै दो च्यार मैं
सब कुदण आले बुखार मैं प्रोफेसर बुड़बुड़ाते जारे।।
4. मैडीकल मैं कसूता रूक्का माचग्या इसा किसनै चाला रोप्या
कूदण आले डाक्टर तीस मारखां कहैं छुरा पीठ मैं घोंप्या
रणबीर सही रोक्या ना तै मारे जाते कई डाक्टर बिचारे।।
-204-
उग्रवाद
बुश थारे उग्रवादी चेल्यां नै, अमरीका निशाना बनाया।
उग्रवाद का सांप पाल्या, खुद रजकै दूध पिलाया।।
1. सबतै फालतू हथियार बेचो, थारा रिकाट बतावै आज
नशीली दवा बेच करो कमाई, थारा रिकाट दिखावै आज
इतर फुलैल लिपस्टिक बेचो, थारा रिकाट गिनावै आज
बेचण नै माफिया चाहिये, जिसनै सब गुर सिखावै आज
जिनै तेरी बात ना मानी, उसै देश मैं उग्रवाद पनपाया।।
2. सी आई ए थारे देश का, सब देशां नै जुलम कमावै क्यों
उंकी औछी हरकतां पै तनै, मानवता याद ना आवै क्यों
राज पलटवादे हांगा करकै, भूल मानवता नै जावै क्यों
घर भीतर जिब टक्कर लागी, उग्रवाद उग्रवाद चिलावै क्यों
बिन लादेन पाल्या तमनै, अफगानिस्तान तबाह कराया।।
3. दुज्यां कै घर घाले तो, उग्रवाद लाग्या प्यारा रै
इसमैं शक कड़ै किसे कै, यो सै मानवता का हत्यारा रै
इका खात्मा होना चाहिए, हर माणस याहे चाहरया रै
अपने भीतर झांका अमरीका, क्यों हमें बेकूफ बनारया रै
दुनिया गंूठे नीचै राखण नै, हमेशा उग्रवाद फैलाया।।
4. अपणा डर ल्हकोवण नै, हमले की करी हटकै तैयारी
जिस देश पै हमला होगा, उसकी जनता के ना जा मारी
फेर मानवता कड़ै जावैगी, थारी पोल खुलै ईब सारी
दादागिरी तनै छोड्डी ना, हुकम करण लागरया जारी
रणबीर सिंह बरोने आला, घणे दिन थारी भका मैं आया।।
-205-
हरनिया
हरनिया की मेरी बीमारी इसका पूरा हाल सुणाउं मैं।
मेरी गेल्या के के क्यूकर बीती आज सारी खोल बताउं मैं।
1. नला मेरा सूज ज्या जिब काम हांगे का करणा होज्या
मुश्किल तै चाल सकूं सम्भल सम्भल पां धरणा होज्या
कई बै उफपर नै चढ़ै कोण्या दुख मैं मनै मरणा होज्या
काम होवै ना ताने लागैं घंूट सबर का भरणा होज्या
पड़या खाट मैं सोचें जां मुश्किल तै उफपर चढ़ाउं मैं।।
2. रोहतक मेडीकल चाल्या जा खरखोदे आले न्यों बोले रै
मेडीकल हत्थे का जिब नाम सुण्या मेरे पां जमा डोले रै
गोस्यां का इन्तजाम राखिये कान काइयां नै खोले रै
सलाह मशवरे दिये जो वे अपणे हिसाब तै तोले रै
च्यार बार तो पड़या जावणा पाचवैं जाण तै घबराउं मैं।।
3. तारीख परेशन की तय होगी सब चादर तान कै सोगे
ज्यों ज्यों हुया सबेरा भाई मेरे होश हवास सब खोगे
निरणाबासी मरूं भूखा डाक्टर बिघन कसूते बोगे
टेबल पै लिटा न्यों बोले एस टी सेग मैंट मूंधे होगे
परेशन की टाल होगी पड़या छात कैड़ लखाउं मैं।।
4. हटकै ईसीजी करवाई सब किमै ठीक बताया रै
आगले परेशन आले दिन टेबल पै फेर लिटाया रै
करोंठ दिवा कड़ सापफ करी टीका फेर लगाया रै
पाहयां मैं कीड़ी सी चाली मेरा सब लत्तता तरवाया रै
बड्डा डाक्टर कहै छोरे नै तेरा हाथ साफ कराउं मैं।।
5. परेशन होग्या वार्ड मैं आग्या पेशाब का जोर होग्या
सारी बिध लाकै देखी दरद मेरै घनघोर होग्या
डाक्टरां नै टीका लाया पेट पाट्टण नै ओर होग्या
बुरी
नलकी लाकै पेशाब तारया दरद मैं चिलाउं मैं।।
-206-
कत्ल मैडीकल मैं
दिया तोड़ यार नै खिलता फूल बुरा जमाना आग्या।
क्यों कत्ल करया सोनी मेरा दिमाग तिवाला खाग्या।।
1. तीनों यारां नै मैना मैं मौज मस्ती खूब मनाई थी
नींद की गोली यतेन्द्र नै बीयर के मैं मिलाई थी
कई दिनां पहलम तै उसनै याहे स्कीम बनाई थी
गल घोंट कै मार दिया आवाज नहीं सुनाई थी
सारी डॉक्टर कौम के यतेन्द्र माथै कालस लाग्या।।
2. माता कै के बाकी रैहगी जिब खबर मौत की आई
टेलीफोन पै बात हुई ईब सी फेटण भी ना पाई
कोर्स पूरा होग्या सोचै थी मैं करूंगी ईब सगाई
क्यों कत्ल हुया बैठी सोचै करी नहीं कोए बुराई
खुद तो चल्या गया सोनी पूरे घर नै वो
3. क्यों यार का यार बैरी होग्या करते क्यों विचार नहीं
दारू सैक्स नशे का रोक्या हमनै यो ब्यौपार नहीं
कान्फ्रैंस प्यावैं रजकै दारू न्यों होवै सुधार नहीं
या हिंसा ना रोकी तो बचै किसे का घरबार नहीं
सैक्स हिंसा और नशे का पैकेज चौगरदें नै छाग्या।।
4. एक औड़ नै कुआं दीखै दूजे औड़ खाई मैं धंसगे
घणे जण्या के अरमानां नै ये नाग काले डसगे
बैर ईर्ष्या लोभ मोह जणू तो रग-रग मेैं बसगे
हरियाणा के छोरे-छोरी कसूते भंवर मैं फंसगे
मैडीकल पै सोचो मिलकै रणबीर सवाल यो ठाग्या।।
-207-
धर्म के सै माणस का
धरम के सै माणस का मनै कोए बता दयो नै।
माणस मारो लिख्या कड़ै मनै कोए दिखादयो नै।।
1. माणस तै मत प्यारा करो कौणसा धर्म सिखावै
सरेआम बलात्कार करो कौणसा धर्म सिखावै
तम दारू का ब्यौपार करो कौणसा धर्म सिखावै
रोजाना नरसंहार करो कौणसा धर्म सिखावै
धरम क्यों खून के प्यासे मनै कोए समझाइयो नै।।
2. ईसा राम और अल्लाह जिब एक बताए सारे रै
इनके चाहवण आले क्यूं खार कसूती खारे रै
क्यों एक दूजे नै मारण नै ए के जी हाथां ठारे रै
अमीर देश हथियार बेचकै खूब मौज उड़ारे रै
बैर करो मारो काटो लिखै वौ ग्रंथ जलादयो नै।।
3. मानवता का तत कहैं सब धर्मां की जड़ मैं सै
प्रेम कुदरत का सारा सब धर्मा की लड़ मैं सै
कदे कदीमी प्रेम का रिश्ता माणस की धड़ मैं सै
कट्टरवाद नै घेर लिये धर्म इंकी पकड़ मैं सै
लोगां तै अरदास मेरी क्यूं करै इनै छटवाद्यो नै।।
4. यो जहर तत्ववाद का सब धरमां मैं फैला दिया
कट्टरवाद घोल प्याली मैं सब तांहि पिला दिया
स्कीम बना दंगे करे इन्सान खड़या जला दिया
बड़ मानवता का आज अब धर्मां नै हिला दिया
रणबीर रोवै खड़या इसनै चुप कराद्यो नै।।
-208-
बात पते की
म्हारे देश मैं के बनरी सै आज खोल सुणा दयूं सारी रै।
दस प्रतिशत स्टाफ कटौती फरमान हुया यो जारी रै।।
1. नई भर्ती हों एक तिहाई तुगलकी फरमान सुणाया
जबरन सेवा निवृति का चाणचक कानून बनाया
जीपीएफ की बचत योजना यो उसपै ब्याज घटाया
ठेका प्रथा लागू करदी कर्मचारी का सम्मान घटाया
काम फालतू तनखा थोड़ी नियम बण्या अत्याचारी रै।।
2. साल का बजट जिब आवै और खाल तारले म्हारी
आयात कानून करकै
किसान धरती कै मारया सबसिडी खत्म करदी सारी
देशी उद्योग उजाड़ दिये यो छाग्या बदेशी ब्यौपारी
चारों कूट यो धुम्मा उठग्या कड़ै बचैगा कर्मचारी रै।।
3. हरियाणा सरकार नहीं पाछै घर कसूते घाल रही
रोजगार का वायदा करकै ईब चौड़े मैं टाल रही
ट्रेड यूनियन के हकां पै या डाके कसूते डाल रही
पुलिस तै ना बात बणी सरकारी गुण्डे पाल रही
एक कुणबे का राज होग्या सब जनता आज्ञाकारी रै।।
4. पच्चीस हजार पद खाली ये खत्म किये हरियाणा मैं
सरकारी नौकरी के सपने दफन किये हरियाणा मैं
बिना इलाज के सैपटिक जख्म किये हरियाणा मैं
किस किस का जिकर करूं गबन किये हरियाणा मैं
रणबीर सिंह के लिखे हुये गीत या जनता गारी रै।।
-209-
बात पते की
विकसित खागड़ देशां नै आपाधापी कसूत मचाई रै।
टेªेड सैंटर के हमने नै या मन्दी चारों कूट फैलाई रै।।
1. अमरीका मैं डेढ लाखां की नौकरी देखो खोस लई
ब्रिटेन जापान जर्मनी मैं उड़ अमीरां की होंस गई
पैदावार घणी खपत थोड़ी फेर नई चाल चलाई रै।।
2. आतंकवाद नै हथियार बणा गरीब देशां मैं बड़गे
पहल्यां इसतै दूध प्याया फेर इसे गेल्यां भिड़गे
अफगानिस्तान बणा खाड़ा एक तरफा करी लड़ाई रै।।
3. ईराक इरान सोमालिया अपणे निशाने पै बिठाये
उत्तरी कोरिया पै इननै फेर कसूते तीर चलाये
तीसरी दुनिया डरा धमका कै अपणी मण्डी बनाई रै।।
4. डबल्यू टी ओ विश्व बैंक साथ मैं मुद्रा कोष बताया
तीसरी दुनिया मैं जाल कसूता मिलकै नै फैलाया
भारत बरगे देशां की रणबीर सिंह श्यामत आई रै।।
-210-
बोल बख्त के
खाणक नै स्याहमी ल्यादी किसनै चौड़ै लूट मचाई।
एक पालै ये काम करणिये दूजे पालै लुटू अन्याई।।
1. अंग्रेजां नै
थाण मलमल के गोरयां नै सड़कां पै फिंकवाये थे
भारत देश पै जुलम घणे सालों साल
विरोध मैं जो सिर उठ्या उंपै लठ बरसाये थे
जुलमी राज हटावण नै भगत सिंह नै फांसी खाई।।
2. देश आजाद हुयां पाछै हमनै मेहनत खूब करी
जंगल काट खेत बणाये सूकी जड़ फेर हुई हरी
खाणक मैं पहाड़ तोड़े हथेली उपर ज्यान धरी
म्हारी मेहनत रंग ल्याई देश की तिजूरी गई भरी
मुट्ठी भरकी चान्दी होगी म्हारे बालक बिना पढ़ाई।।
3. सहज सहज देश मैं काला धन फेर छाण लग्या
अमरबेल की
भ्रष्ट नेता गुण्डे मिलगे समाज तले नै जाण लग्या
इसका काला छाया म्हारे खाणक मैं भी आण लग्या
इस काले धन नै खाणक लूटण की स्कीम बणाई।।
4. खाणक कई गामां का सदियां तै पेट पालता आया
इन पेटां नै जमा भूलगे खाणां का ठेका उठवाया
ठेकेदारां नै करी तबाही लूट का नाका लगवाया
माल की बिक्री कम होगी यो मजदूर गया दबाया
रणबीर नै तसबीर सही खींच कै ईब दिखाई।।
-211-
कान्ता
एक हरिजन भाई का आड़ै बस्या करता परिवार भाई।
धरती थी ना करै मजदूरी कुणबा घणा ए लाचार भाई।।
1. एक भैंस थी रूं
न्यार फूंस नै जावैं घणा बोझ खेंचणा पड़ज्या था
सारा हिसाब देखणा पडज्या था कदे हो तकरार भाई।।
2. कान्ता एक दिन छेड़ दई माया राम के पोते नै
किसकै आगै दुख वा रोवै कौन छेड़ै नाग सोते नै
चुप्पी चढ़ागी खोते नै करया हटकै उसनै बार भाई।।
3. आस पड़ौस की साथन बी कइयां का शिकार थी
घुस फुस सारी करती पर ना बोलण नै तैयार थी
जात पात की दीवार थी नहीं कोए मददगार भाई।।
4. महताब था छोटा घणा ओ थोड़ी थोड़ी समझै था
कान्ता क्यों उदास घणी वो राह की रोड़ी समझै था
दुनिया सै बोड़ी समझै था रणबीर का प्रचार भाई।।
-212-
किसान तै पढ़ण बिठाया गिहूं का आयात करकै रै।
आत्मनिर्भर देश बनाया ज्यान हथेली पै धरकै रै।।
1. किसानां के ये हितैषी नेता आज कड़ै बिलां मैं बड़गे
के मजबूरी सै हमनै गिहूं क्यों आयात करने पड़गे
गिहूं गोदामां मैं सड़गे चुहे खागे बोरी कुतर कै रै।।
2. पहलमै फांसी खा खाकै किसान मरण लाग रहे सैं
काले पीले हरे रोजाना इनकै लड़ण नाग रहे सैं
म्हारै पड़ण झाग रहे हैं ईब पैंडा छूटै मरकै रै।।
3. बिन किसान ना खेती बताई बिन खेती उद्योग कड़ै
क्यूकर देश बढ़ैगा आगै इतना दुखी किसान जड़ै
मुंह खोलना जरूर पड़ै पानी गया सिर पर कै रै।।
4. बिना एकता ना काम चलै पिट्या किसान न्यारा न्यारा
जात पात और गोत नात पै बांटया कैहकै यारा प्यारा
रणबीर नहीं म्हारा गुजारा मतना बैठो डर कै रै।।
-213-
बात पते की
अमरीका और धनी देश ये दुनिया मैं मौज करैं देखो।
भारत बरगे गरीब देश ये क्यों भूखे आज मरैं देखो।।
1. पाउडर लिपस्टिक पै ये छह अरब डालर फूंकैं सैं
यूरोप मैं नौ अरब डालर की कुल्फी खाणी ना चूकैं सैं
बारां अरब का इत्र खर्चे उड़ै छिदे ए माणस उंकैं सैं
सतरां अरब डालर खां कुत्ते आड़ै भूखे बालक सूकैं सैं
लूट-लूट कै म्हारी कमाई ये अपणे घर भरैं देखो।।
2. मनोरंजन पै अरब पैंतीस डालर खर्च जापान मैं
सिग्रेट पै पचास अरब डालर यूरोप खर्चे श्यान मैं
एक सौ पांच अरब डालर दारू खर्चा यूरोप महान मैं
दवा नशीली चार सौ अरब की पीते पूरे ही जहान मैं
हमनै भी
3. इनकी नकल करणियां की भारत मैं कोए औड़ नहीं
धनी देश ये डाण्डी मारते उनका पाया कोए तोड़ नहीं
ये डबल्यू टी ओ तै दाबैं हमनै बच्या कोए बी ठोड नहीं
हथियार बणावैं दवा नशीली फैशन मैं कोए जोड़ नहीं
विकास की सही राही कोण्या विनाश राही डंग धरैं देखो।।
4. म्हारे देश मैं दलाल इनके बड्डे साहूकार बताये सैं
इनकी गेल्यां मिलकै किनै म्हारे खेत क्यार पिटवाये सैं
अपणी मौज बधावण नै म्हारे रोजगार घटवाए सैं
किसानां पै फांसी लावण नै युद्ध का हथियार ल्याये सैं
लिखता रणबीर सिंह साच्ची बैठे महलां मैं डरैं देखो।।
-214-
विश्व बैंक संगठन
विश्व व्यापार संगठन के सै मनै खोल बतादे सारी।
सारी दुनिया बीच होरी सै क्यों चरमा इसकी भारी।।
1. किसके हक मैं काम करै किसकी करता डूबा
टी वी अखबारां मैं छाया जिकरा इसका शाम सबेरी
गाम मैं किसे नै बेरा ना फरमान कड़े तै हुया जारी।।
2. कोए बतावै पफायदे इसके म्हारी समझ मैं आवै ना
कोए कहवै सत्यानाशी सै इसकी तरफ लखावै ना
किसनै किसकी ईंके दम पै क्यूकर अक्कल मारी।।
3. भारत की सरकार बता क्यों हुई लाचार दिखाई दे
इसके बारे मैं सही सही क्यों ना प्रचार सुनाई दे
इसकी सारी पोल खोल कै कोए समझ बधादे म्हारी।।
4. दोहा नाम आया अखबारां मैं उड़ै के के फैंसले होगे
एक बै हमनै बता द्यो कूण बीज बिघन के बोगे
कहै रणबीर बरोने आला जनता की श्यामत आरी।।
-215-
चीनी मील
खेत मैं ईंख खड्या सै, चीनी मील बन्द पड्या सै।
टोटा घरां आण बड्या सै, नहीं दीखै कोए राही।।
1. मेहनत करकै बाहये खेत जी लाकै बोई गंडेरी थी
ईंख नुलाया शिखर दोफेरी मेरी गैल मरी भतेरी थी
पात्ते हाथ चीरगे म्हारे रै, हम ईंख बांधण चाहरे रै
इसपै घणी आशा लारे रै, बेटी की करी सगाई।।
2. मील आल्यां नै पर्ची ना दी मारया मारया फिरता रै
अपमान करैं कम तोलैं कहर मेरे पर गिरता रै
ईंख आज मेरा सूक रहया, कुछ मनै ना सूझ रहया
अजीत पै मैं बूझ रहया, करी क्यों म्हारी तबाही।।
3. मुलायम सिंह जुग-जुग जीयो भा बढ़िया दिया म्हारा
कल्याण सिंह नै दागी गोली मारया किसान बिचारा
कांग्रेस कै पटकी मारांगे, मुलायम पै सब कुछ वारांगे
पार वामपंथ नै तारांगे, बीजेपी की श्यामत आई।।
4. जातपात का भ्रम टूटैगा , किसान एकता जिन्दाबाद
अमीरां की चाल समझगे या मुनाफाखोरी मुर्दाबाद
संघर्ष का बिगुल बजाया रै, यो झण्डा लाल उठाया रै
रणबीर नै राह दिखाया रै, गजब की करी कविताई।।
भाभी
बण ठण कै भाभी री तनै करी कित जाने की तैयारी।
लक्ष्मी सहगल रोहतक आवै उड़ै होगा जलसा भारी।।
1. जलसे और जलसूां मैं बीर का जाणा ठीक नहीं
खानदान कै बट्टा लागै इसा कदम उठाणा ठीक नहीं
शहर की सड़कां उपर थारा नारे लाणा ठीक नहीं
बालक रूलज्यां गाला मैं रहै पीणा खाणा ठीक नहीं
बात मानिये भाभी मेरी घर मैं मतना दिये बुहारी।।
2. देवर कान खोल कै सुनिये साची बात बताउं मैं
मरदां बराबर खड़ी हुई औरत तनै दिखाउं मैं
रानी झांसी लड़ी जंग मैं तनै याद दिवाउं मैं
प्यारे बोस की सेना मैं ताप तलवार चलाउ मैं
कैप्टन हिन्द फौज की सहगल म्हारे शहर मैं आरी।।
3. हरियाणे मैं सुण भाभी इसा रिवाज रहया नहीं सै
घर तै बाहर लिकड़ कै इसा काम करया नहीं सै
मरद की शरण बिना री तनै कदे सरया नहीं सै
बीर मरद बराबर दोनों मंजूर मंन नै करया नहीं सै
थारी बराबरी नाश करैगी मनै याहे चिंता खारी।।
4. न्याय युद्ध मैं तूं क्यों ट्रैक्टर भरकै ले जावै था
तेरा यो घरबासा बतादे किस तरियां डट पावै था
आगै होकै क्यों म्हारे पै तूं नारे खूब लवावै था
आज मनू याद आया जिब ना जिकर चलावै था
भाभी जावैगी जलसे मैं रणबीर की कलम पुकारी।।
सरोज तेरी लाश देख कै मेरा कालजा मुंह नै आया।
पंखा क्यूकर काल हुआ मेरे दिमाग नै चक्कर खाया।।
1. मां बेटी दोनूं पलंग उपर थी शान्त चित पड़ी हुई
पंखा टिक्या सिरां उपर पंखड़ी उसकी खड़ी हुई
चादर उपर खून फैलग्या झाग नाशां मैं अड़ी हुई
दुख और भय की रेखा थी चेहरयां पै जड़ी हुई
सोचूं घालूं क्यूकर सांस थारै नहीं रास्ता कोए पाया।।
2. चालकै उड़े तै देखे जसबीर स्मारक मैं आया फेर
पंखे गेल्यां क्यूकर घटी घटना जोड़ तोड़ लाया फेर
एक्सीडैंट और कतल का सारा हिसाब लगाया फेर
कतल हुया सरोज तेरा सोच कै सिर चकराया फेर
छोड़ सारे काम बैठ ग्या तेरा चेहरा आंख्यां में छाया।।
3. सरोज तेरा कतल करकै प्रेम तनै मार ना पाया
उसनै अपना असली चेहरा आज तलक छिपाया
वहशी दरिन्दा भीतर का आज सबके साहमी आया
थारी जुबान बन्द करकै ईब के उस पापी कै थ्याया
मौत कबूल करी तनै पर ना उल्टा कदम हटाया।।
4. मनै बेरा घणे कष्ट सहे घर अपणे मैं रोज तनै
घर कै भीतर बाहर संघर्ष करया सै सरोज तनै
याणी उम्र मैं कठिन रास्ता लिया कैसे खोज तनै
आंगनवाड़ी महिलाओं की करदी तैयार फौज तनै
संघर्ष करते-करते जीने का तनै सबक पढ़ाया।।
5. हरियाणे मैं पहली बार महिला अर्थी कान्धिया होगी
तेरी अर्थी बी बीज बदल के या आखिरी दम पै बोगी
ज्यान समाज बदलन खातर याणी सी उम्र मैं खोगी
हमनै जगाकै क्यों जाकै तूं शमशान घाट में सोगी
आग मैं जलकै सरोज तेरी या कुर्बान होगी काया।।
6. हट-हट शक्ल याद आवै जण खड़ी हो साहमी आकै
कइयां आगै कही कहाणी नील गात कै दिखलाकै
कर संघर्ष सहज सहज पहोंची शिखर पर जाकै
आकै संघर्ष जिन्दाबाद बोलै तों अपणा हाथ उठाकै
पेटा कोण्या भरता म्हारा मन बहोत घणा समझाया।।
-183-
भाजपा के एक साल के राज के दौरान सुरक्षा की स्थिति बहुत खराब रही। कई हजार कतल हुए जितने पहले कभी नहीं हुए थे । क्या बताया भला:
एक साल के राज मैं कतल अड़तीश हजार होगे रै।
म्हारे देश के लोग आज बहोत घणे लाचार होगे रै।।
1. उत्तर प्रदेश नै पहला देखो नाम कमाया इसमैं
दूसरा नम्बर दिल्ली का गया आज बताया इसमैं
पत्रकार कई मारे गये नहीं झूठ भकाया इसमैं
नेतावां का हाथ कत्लां मैं खुल कै दिखाया इसमैं
प्रशासक भी पत्थर दिल आज बेशुमार होगे रै।।
2. बम्बई मैं बीजेपी शिव सेना दोनों करती राज देखो
पांच सौ दस डकैती होई हजारां धोखे के काज देखो
चोरी बारा हजार होई ठाकरे पूरा करै नाज देखो
गुलशल के सिर के उपर चौड़ै गिरता गाज देखो
इसे चाले करकै क्यूकर वोटां के हकदार होगे रै।।
3. कलकत्ते मैं सबतै घाट ये सन् ठानवै के साल मैं
कुल अस्सी कत्ल हुए बताये एक सर्वे फिलहाल मैं
कानून की हालत काबू मैं बताई पूरे ही बंगाल मैं
फेर भी भाजपा आच्छी क्यूकर बताओ थारे ख्याल मैं
खोखला कर देश दिया भूखमरी के आसार होगे रै।।
4. म्हारी देश सुरक्षा पै खतरा आज घणा मंडराया सै
विष्णु भागवत काढ़ दिया जिनै देश बचाणा चाहया सै
फौज मैं पाड़ ला दिया दीखै सुणकै सिर चकराया सै
हाहाकार देश मैं गरीब पै साध कै तीर चलाया सै
रघबीर जो छन्द घड़ै गरीबां के हथियार होगे रै।।
-184-
सुणिए करकै ख्याल बेटा, जणकै आवै मलाल बेटा।
खड़या करया जंजाल बेटा, होन्ता ए क्यू ना मरग्या रे।।
1. ना करी पढ़ाई पूरी तनै नहीं हुनर कोए सीख्या बेटा
तीन किले धरती म्हारे पै तनै कौण सहारा दीख्या बेटा
दिन दूनी बढ़ज्या म्हंगाई, गरीबां पै चढ़ज्या करड़ाई
म्हारी किस्मत प
2. पां कै पां भिड़ान्ता हांडै, करण नै कोए काम नहीं सै
तेरी करतूत देख कै लागै तूं असल का जाम नहीं सै
रोज उल्हाणा आवै सै तेरा, दुनिया सिर खावै सै मेरा
मन उल्टा जावै सै तेरा, जी तेरी औड़ का भरग्या रै।।
3. कित धरूं कित ठाउं तनै चिन्ता नै मैं खाई देख
बुरा जमाना आग्या सै रही ना जमा बी समाई देख
इबतै ले ले सम्भाला तूं मतना करै कर्म कुदाला तूं
कुबध का कर दे टाला तूं, क्यों सच्चाई तै डरग्या रै।।
4. कमल जिसा दोस्त तेरा, फेर बी अक्ल ना आई तनै
अच्छाई ना सीखी उसपै, सीखी किततै ये बुराई तनै
मैंन चिन्ता खागी तेरी, नहीं किस्मत जागी तेरी
नहीं नौकरी लागी तेरी, यो भगवान कड़ै डिगरग्या रै।।
-185-
लिए कर्ज के मैं डूब, हमनै तिरकै देख्या खूब,
ना भाजी म्हारी भूख, लुटेरयां नै जाल बिछाया, हे मेरी भाण
1. ज्यों-ज्यों इलाज करया मर्ज बढ़ग्या म्हारा बेबे
पुराने कर्जे पाटे कोण्या नयां का लाग्या लारा बेबे
झूठे सब्जबाग दिखाये, अमीरां के दाग छिपाये
गरीबां के भाग लिवाये, कर सूना ताल दिखाया, हे मेरी भाण
2. विश्व बैंक चिंघाड़ रहया घरेलू निवेश कम होग्या
म्हंगाई ना घटती सखी, गरीबी क्यों बढ़ती सखी
जनता भूखी मरती सखी, नाज का भण्डार बताया हे मेरी भाण
3. जल जंगल और जमीन खोस लिए म्हारे क्यों
सिरकै उपर छात नहीं दिए झूठे लारे क्यों
आदिवासी तै मार दिया, किसानां उपर वार किया
कारीगर धर धार दिया, बेरोजगारी नै फंख फैलाया, हे मेरी भाण
4. इलाज करणिया डाक्टर बी खुद हुया बीमार फिरै
सुआ लवाल्यो सुवा लवाल्यो करता या प्रचार फिरै
होगी महंगी आज दवाई, लुटगी सारी आज कमाई
रणबीर सिंह बात बताई, खोल कै भेद बताया, हे मेरी भाण
-186-
सुणले करकै ख्याल पिया, ये गुजरे हजारां साल पिया।
सिंधु घाटी का कमाल पिया, यो गया कडै लोथाल पिया।
क्यों होगे हम कंगाल पिया, खोल कै भेद बतादे नै।।
1. चरक सुसुरता जिसे सर्जन हिन्दुस्तान का नाम करया
जीवाका वााग भट्ट जिसे डाक्टर बढ़िया सा काम करया
ब्रह्मगुप्त नै हिसाब पढ़ाया, आर्य भट्ट नै शून्य सिखाया
नालन्दा नै राह दिखाया, तक्षशिला साथ कदम बढ़ाया
तहलका चारों धाम मचाया, ये गए कड़ै समझादे नै।।
2.
ताज के कारीगर छबीले, जिनका कोए तोड़ नहीं था
हमनै सबको सम्मान दिया, सह उनका अपमान लिया
ग्रीक रोमन को स्थान दिया, अंग्रेजां का गुणगान किया
इननै म्हारा के हाल किया, या सही तसबीर दिखादे नै।।
3. ब्यौपारी बण कै आए वे बण बैठे राजा देश के रै
लूट कै लेगे धनमाल सारा बोगे बीज क्लेश के रै
फिरंगी का न्यों राज हुया, चील का बैरी बाज हुया
सारा क्यों खत्म साज हुया, क्यों उनके सिरताज अुया
क्यों इसा कसूता काज हुया, थोड़ा हिसाब लगादे नै।।
4. चम्पारण डाण्डी उठ लिए लाहौर मेरठ पीछे रहे नहीं
तेलंगाना मैं मची लड़ाई बहादुर किसी से डरे नहीं
फिरंगी देश से चल्या गया, देसी बिन बात मल्या गया
धर्म जात पै छल्या गया, धुन गेल्यां गेहूं दल्या गया
क्यों जाल इसा बुण्या गया, रणबीर सै लिखवादे नै।।
-187-
मरघट का मसूल
मतना लाओ वार सखी, हो जाओ तैयार सखी।
ठाल्यो तम हथियार सखी, लड़नी आज लड़ाई हे।।
1. गांव, गली, शहर, कुचे मैं इज्जत म्हारी महफूज नहीं
अत्याचार होते रोजाना करता कोए महसूस नहीं
नहीं लड़ाई आसान सखी चहिए युद्ध घमासान सखी
मारे जां शैतान सखी बची नहीं समाई हे।।
2. रूढ़िवादी विचार क्यों देखो बनके ये दीवार खड़े
कहने को होते देखो ये यहां बढ़िया प्रचार बड़े
दुश्मन गेरता फूट सखी, ऐसे मचाए लूट सखी
अब तुम जाओ उठ सखी, सही ना जा पिटाई हे।।
3. मातृ श्ािक्त कहने वाले आज कहां पर चले गए
अबला सबला कह कर अरमान, हमारे छले गए
नहीं सहें अपमान सखी, पायें हम सम्मान सखी
चले ऐसा अभियान सखी, डंके की चोट बताई हे।।
4. जीना है तो लड़ना होगा, संघर्ष हमारा नारा बहना
संगठन बना के कदम बढ़ाएं, दूर नहीं किनारा बहना
अब तो उंचा बोल सखी, झिझक ले अपनी खोल सखी
जाए दुश्मन डोल सखी, रणबीर अलख जगाई हे।।
-188-
यो बख्त फागण का आग्या, जोश मेरे गात मैं छाग्या।
मनै यो जान्ता जाड़ा भाग्या, देखूं तेरी बाट पिया।।
1. सांझै लुगाई कट्ठी होज्यां सैं, म्हां बीच कै ताने देज्यां सैं
तेरे बिन कोए फाग नहीं, आच्छा लागै कोए राग नहीं
मेरे बरगा कोए निरभाग नहीं, सबकी ओटूं डाट पिया।।
2. तेरी फौज मेरी ज्यान का गाला, अफसर तेरा सै घणा कु
मैं भेज द्यूंगी तार फौजी, ना करिये जमा वार फौजी
भली मिली तनै नार फौजी, नहीं किसे तैं घाट पिया।।
3. दुलहन्डी दोनों मिलकै खेलांगे, दुख दरद हम सब झेलांगे
घणा बुरा जमाना आरया सै, माणस नै माणस खारया सै
चमन मैं धुमां छारया सै, इसनै आकै छांट पिया।।
4. सास बहू हम मिलकै रहवां, हाथ जोड़ बस इतना कहवां
करिए थोड़ा सा ख्याल तूं, हो ल्याइये लाल गुलाल तूं
ले लिए म्हारी सम्भाल तूं, करै रणबीर ठाठ पिया।।
-189-
सुणले करकै ख्याल बाबू, साचा कहती हाल बाबू
रैहगे सूने ताल बाबू, पढ़ण कोण्या पाई मैं।।
1. चारों तरफ अंधेरा दीखै जमाना घणा बदल गया
नई खोज होवैं रोजाना साइंस का हो दखल गया
नई खोज साइंस करले बढ़ इसका दखल गया
मैं घणी पछताउं बाबू, साची बात बताउं बाबू
हटकै पढणा चाहूं बाबू, करल्यूं कला सवाई मैं।।
2. अस्पताल मैं धक्के खाये दवाई का बेरा पटता ना
डॉक्टर मनै धमकादे सै मरज मेरा तो घटता ना
आवै याद पढ़ाई बाबू, डॉक्टर नै सताई बाबू
रैहगी बिना दवाई बाबू, जिन्दगी पड़ी खटाई मैं।।
3. रोहतक जाकै चीज खरीदूं ना बेरा चालै मोल का
दो सेर का डेढ़ मिलै नहीं बेरा पाटै तोल का
मनै डर सतावै बाबू, हिसाब नहीं आवै बाबू
मेहनत लुट ज्यावै बाबू, डांगर हांडैं कमाई मैं।।
4. टेम रहै ना पढ़ना चाहूं आज करिये ना इनकार जमा
मां नाटै उसनै मनाइये रणबीर सिंह मेटै तकरार जमा
तेरी बेटी चाहवै बाबू, मतना दिन दुखावै बाबू
पढ़कै तनै दिखावे बाबू, बेरा पटै असनाई मैं।।
-190-
घड़ा भर लिया पाप का एक दिन फूटैगा जरूर।
मेहनतकश पड़ कै सोग्या कदे तो उठैगा जरूर।।
1. पगडंडी की राज भवन तै आज खुलकै तकरार ठनी
गरीब की गर्दन के उफपर आज नंगी तलवार तनी
अमीरी जालिम हर बार बनी एक दिन टूटैगा गरूर।।
2. महलां मैं रहै उजाला म्हारे घर मैं काली रात रहै
जनता भोली सड़कां उपर गुण्डागर्दी की लात सहै
जो नहीं साची बात कहै कदे धूल चाटैगा जरूर।।
3. बिके लिखारी गुण गावैं गलत नै सही ठहरावैं
दस नब्बै का असली खेल ये साची बात बतावैं
जोंक खून नै पी ज्यावैं कदे पैंडा छूटैगा जरूर।।
4. अनपढ़ता बेकारी और गरीबी तीनों ही मां जाई ये
अनपढ़ता कै दे ले घेरा ना मुश्किल फेर लड़ाई ये
रोड़ा अटकावैंगे कसाई वे यो डूंडा पाटैगा जरूर।।
-191-
जनसंख्या क्यों बधगी भाई मिलकै मन्थन करना होगा।
असल सच्चाई के सै भाई कान खोल कै सुनना होगा।।
1. अट्ठासी करोड़ कमेरे बताये म्हारे प्यारे भारत देश मैं
इतने कम्प्यूटर बेकार पड़े गोली खा मरैं क्लेश मैं
क्यों पाछै रैहगे रेस मैं हमनै आज समझना होगा।।
2. जनसंख्या घटानी हो तै गरीबी मार भगानी होगी रै
गरीबी मां बढ़ती आबादी की ईंकै आग लगानी होगी रै
घर घर अलख जगानी होगी रै ना तै दुख भरना होगा।।
3. कुणबा उतना पलज्या जितना या जानै दुनिया सारी
मिलज्या खाणा और दवाई नहीं होवै कोए बी लाचारी
फेर क्यों जनता बढ़ती जारी सवाल खड़या करना होगा।।
4. अनपढ़ता बेकारी और गरीबी तीनों ही मां जाई ये
जनसंख्या बढ़ती इनके कारण रणबीर नै बात बताई ये
इतनै लड़नी आज लड़ाई ये नहीं हमनै डरना होगा।।
-192-
पांच साल के अन्तर से सन्तान दूसरी हो तेरी।
दो ही फेल खिलैं घर मैं या बात मान ले तूं मेरी।।
1. आये साल तेरे घर मैं बजती जापे की थाली
कमजोरी मैं रोगां नै ली घेर तेरे घरआली
जाण कै जिन्दगी नरक बणाली हुई गात की
2. तूं सोचै बिन छोरे के मेरा नाम बन्स का चलता ना
ये छोरी छोरे हौं सैं बराबर इब अन्तर कोए मिलता ना
इस भेदभाव तै टलता ना दुख क्यूं करता हेरा फेरी।।
3. कम बालक हों जिब घर मैं आच्छे लिख पढ़ाले तूं
डीसी डिप्टी आई ए एस के चाहे एग्जाम दिवाले तूं
दो जीवन सफल बनाले तूं इब दिन दिन होती देरी।।
4. छोटे से कुण्बे मैं होते सब चीजां के ठाठ कहैं
किशन चन्द बड़ा कुटम्ब दुखी हो सारे बारा बाट कहैं
आज छोरी लोहलाट कहैं हमनै खाली गाल भतेरी।।
-193-
चारों कूट यो रुक्का पड़ग्या देश बेच कै खाया किसनै।
रक्षा सौदे कर करकै भारया कमीशन पाया किसनै।।
1. धन-धन सै उन वीरां नै जिननै ज्यान की बाजी लाई सै
मोत गेल्यां खेले आंख मिचौली जिब साच की थाह पाई सै
नीचे तै शुरू कर दिया उपर तांहि की जड़ दिख लाई सै
पर्दाफाश करया उनका जिननै देश की नाक कटाई सै
कैमरे में कैद करया सारा देश दा पै लाया किसनै।।
2. हवाला तै कई गुणा भारया तनमै इसा कांड करया यो
देश का नाम डबो दिया चेहरा कालस तै भांड गरया यो
अटल तेरा यो नकल मुखौटा मीडिया नै चांड धरया यो
जनता कै घी सा घलग्या आज मरखना सांड घिरया यो
न्यों मतना कहिये बंगारू म्हारा प्रधान बनाया किसनै।।
3. समता आले समता चाहवैं खाण पीण के सौद्यां मैं
चन्द्रा बाबू नायडू बिठाये चारा खवा कै गोड्या मैं
अपणे गोड्डे टेक दिये तनै जा अमरीकी मोड्या मैं
कई बन्धु फांसी खाज्यां ईब तेरी ओड़ कै चोढ्यां मैं
के कहवैं बादल और चौटाला यो खेल रचाया किसनै।।
4. म्हारे देश की जनता नै यो अपणा फर्ज पुगाणा होगा रै
जितने दलाल बिचौलिये ईब सबक सिखाणा होगा रै
खेत कारखाने मैं कमाया वो धन बचाणा होगा रै
उंच नीच के भेद भूल कै ईब अलख जगाणा होगा रै
रणबीर सिंह साची बात लिखै घर म्हारा
-194-
देखी तरूण की आज चतुराई हे सखी
तहलका डॉट कोम नै
सारे देश मैं धूम मचाई हे सखी
तहलका डॉट कौम नै
1 एक लाख बंगारू नै खाये, दो लाख जया जेटली ते जिमाये
सबकी वीडियो रील बनाई हे सखी
तहलका डॉट कोम नै
2. पी के चौधरी जनरल था, दखे सयाल लेफटिनेंट कर्नल था
इनकी करी खूब खिंचाई हे सखी
तहलका डॉट कोम नै
3. लाखां सुरेन्द्र सिंह सुलेखा पै, थी सोने की चेन एनएन मेहता पै
इनकी करी खूब ठुकाई हे सखी
तहलका डॉट कोम नै।।
-195-
पत्रकार रूखाले देश के, काम यो सजग सिपाही का।
एक और भण्डा फोड़ हुया, सरकार नाश की राही का।।
1. हे रै लूट कै खागे मेरे देश नै, ये भौंचक्के से रैहगे लोग
जया जेटली बंगारू और फर्नांडीस के देखो शौक
स्वदेशी का नारा दें और अमरीका कै मारैं धोक
चोर-चोर मौसेरे भाई, हिसाब देवैं ना पाई का।।
2. पीस्यां आले कट्ठे होकै, गड़मड़ ये बतलावैं सैं
टाटा बिड़ला विश्व बैंक की नीति अड़ै चलावैं सैं
मजदूर किसान की कीमत ना ये तै न्यूं ए हाड़ गलावैं सैं
कट्ठे होकै गला पकड़ल्यो इस पूंजीपति कसाई का।।
3. इतने तै भी भरता ना ये तै देश का सौदा करण लगे
लाख दो लाख चैन सोने की खूब तिजोरी भरण लगे
नैतिकता की देवैं दुहाई ये तै चीर देश की हरण लगे
भोले माणस नै ना भेद लगण दें, इस दलदल की काई का।।
4. इन देश भक्तां के काले चेहरे का कर दिया पर्दाफाश तनै
जान की बाजी लाकै नै बन्द करी लुटेरयां की सांस तनै
तहलका तहलका होण लागरी वाह तरूण शाबास तनै
मुकेश कहै यो गर्व देश नै तरूण तेरी तरूणाई का।।
-196-
लालच लूट खसोट बचै नहीं नए
भाई का बैरी भाई रहै नहीं इसा गजब का इन्सान बणावांगे।।
1. काली तसबीर नहीं रहै अनपढ़ता मार भगानी होगी भाई
गरीबी का नाश लाजमी बीमारी दूर हटानी होगी भाई
भूखा नहीं इन्सान मरै प्रणाली इसी चलानी होगी भाई
रहवण खातर मकान सबपै इसी तदबीर लगानी होगी भाई
हारी बीमारी ना टोही पावै लोगां का सही सम्मान करावांगे।।
2. सबको शिक्षा और काम की फेर गारन्टी सबनै हो ज्यागी
दिन मैं काम करैंगे सांझ की फेर फुरसत सबनै हो ज्यागी
सारी दुनियां मैं आण जाण की फेर सुविधा सबने हो ज्यागी
रखैल रहै ना बीर मरद की फेर शांति सबनै हो ज्यागी
नशा खोरी ना कितै रहणे की मिलकै दूर बेईमान भजावांगे।।
3. दौलत की पूजा नहीं रहै ना इसका नामो निशान बचै
मुनाफा मजिल नहीं रहै ना चौगरदे नै घमशान मचै
लाठी की भैंस नहीं रहै ना खेल इसा पहलवान रचै
भोग की दुनिया नहीं रहै ना झूठा कोए अभियान जचै
प्रदूषण नाश करै दुनिया का कदे होज्या शमशान बचावांगे।।
4. सामाजिक
पापी दूना धनवान होग्या भाग गरीब का फूट गया रै
राज पाट पुलिस फौज तै म्हारी मेहनत नै लूट गया रै
पाप घड़ा सबकै साहमी यो देखो पड़कै फूट गया रै
रणबीर सिंह गलत सही का हम सारा उनमान लगावांगे।।
-197-
डंकल खागड़
सिर भी म्हारा जूती म्हारी गंजे बणा कै छोड़ दिये।
नया टोरड़ा कोए लाया ना पुराने ओटड़े फोड़ दिये।।
1. डंकल खागड़ खड़या सुसांवै खुर्रियां माट्टी ठावै
आण बड़या जै म्हारी सीम मैं वो बैरी घणी गश खावै
भारत का बलध रम्भावै, खड्डूआं नै कर गठजोड़ लिये।।
2. खागड़ां तैं बचावण खातर यो पेटैंट कानून बनाया
ठारा साल तै करी रूखाली नहीं डंकल नै भी डां ठाया
विश्व बैंक नै इसा फंसाया म्हारे गोड्डे कसूते तोड़ दिये।।
3. मेरी यूनियन सभा सै तेरी बन्द करां इस तकरार नै
कट्ठे होकै संघर्ष करो मार दिये राज दरबार नै
तेज कर लड़ाई की धार नै खागड़ां के मुंह नै मोड़ दिये।।
4. कई खड्डू म्हारे देश मैं खागड़ां तै हाथ मिलारे सैं
बलधां का जी काढ़ण खातर ये सतरंगा जाल बिछारे सैं
रणबीर ये बांटना चाहरे सैं लगा सारा निचोड़ लिये।।
-198-
बात पते की
वाल्व दिल का खराब बताया मेरी घर आली का।
दो लाख खरचा सुणकै डोल गया दिल काली का।।
1. किततैं ल्याउं दो लाख घर मैं मुस्से कुला करैं सैं
पढ़ाई तीनों बालकां की मुश्किल तै फीस भरैं सैं
बिना दवाई करै मरैं सैं दिल दुखै फेर माली का।।
2. घर आली कै सांस चढ़ज्यां च्यार कदम बी चालै
जीवन तै प्यार बहोत सै कूण दोबारा जी घालै
बूझे दीवै कूण घी डालै घर बसज्या इस पाली का।।
3. सारै घूम कै देख लिया सबनै हाथ हिला दिये रै
बिना पीस्से इलाज कड़ै किसनै कूण जिला दिये रै
धक्के घणे खिला दिये रै जण कीड़ा गन्दी नाली का।।
4. एक किल्ला तीन लाख का रणबीर मनै टेक दिया
गरीब किसान के दिल मैं न्यों कर मोटा छेक दिया
डाक्टरां नै टीकड़ा सेक लिया फूंक कति घर हाली का।।
-199-
दुलीना काण्ड
धार्मिक कट्टरवाद की झझर मैं पड़ी काली छाया।
भीड़ कट्ठी करकै मौत का यो ताण्डव नाच नचाया।।
1. टैम्पो भरया खालां का पुलिस चौकी पै रोक्या था
पीस्से मांगे सिपाही नै रोब जमाकै ठोक्या था
एक दलित नै टोक्या था ना हमनै जुलम कमाया।।
2. चार घण्टे थाम्बे राखे सारे अपफवाह फैला दई
गउ माता मारी देखो जनता सारी बैहका दई
भीड़ कट्टरवाद नै जुटाई खूबै जहर फैलाया।।
3. पांचों चौकी तै काढ़ लिये पुलिस चुपचाप खड़ी थी
पत्थर मारने करे शुरू घणी नाजुक घड़ी थी
चाहिये चौकसी बड़ी थी ना हवा मैं फायर चलाया।।
4. मरण तै पहलम पांचों हाथ जोड़ चिल्लाये थे
दलित हिन्दू सां हम भी अपणे नाम बताये थे
उपर नै हाथ ठाये थे रणबीर नहीं बचा पाया।।
-200-
पढ़ाई लिखाई व्यापार बणाली इन बन्धुआं की सरकार नै।।
फीस कई गुणा बधाई सै मार दिये म्हंगाई की मार नै।।
1. स्कूल बक्से ना बक्से कालेज इस बढ़ती फीस के जाल तैं
काश्मीर तै कैरल तक बींधे मास तार लिया यो खाल तैं
चारों कान्ही हाहाकार माचग्या थारी इस बे
जमा धरती कै मार दिये के तम वाकफ ना म्हारे हाल तैं
खर्च एक चौथाई कालेज जुटाओ दिया हुकम दिल्ली दरबार नै।।
2. यूजीसी कठपुतली बणाली उल्टे सीधे नियम बणवाये जां
दो सौ बीस फीस थी पहलम आज हजार तेरां भरवाये जां
दिल्ली यूनिवसिर्टी मैं सात हजार शुरू मैं धरवाये जां
आईआईटी का जिकरा ना दाखिले पै लाखां चढ़वाये जां
बन्धुओं थारी फीस बढ़त या खोस कै लेगी म्हारी बहार नै।।
3. दो हजार आटोनोमस कालेज पूरे भारत मैं चलाये सैं
नये कोर्स कम्प्यूटर बरगे इनके अन्दर खुलवाये सैं
इन कोर्सों के लाखां रूपइये फीस दान के भरवाये सैं
गरीब बालक माखी की
बन्धुओ मतना नाश करो क्यों खत्म करो परिवार नै।।
4. विश्व बैंक के कैहणे पै बन्धुओ क्यों गोड्डे टेके तमनै
उनके फायदे खातर क्यों म्हारे फायदे ना देखे तमनै
सब्सिडी खत्म करी म्हारी बर्बादी पै परोंठे सेके तमनै
म्हारी साथ बिना बात क्यों ईब फंसा लिये पेचे तमनै
रणबीर सिंह कै जंचगी थम डबोवो देश की पतवार नै।।
-201-
सूचना का अधिकार
यो सूचना का अधिकार म्हारा किसनै दबाया सै।
सबनै यो हक मिलै सवाल जगत मैं छाया सै।।
1. समाज के विकास मैं ज्यान खपाई जनता नै
भूखे पेट रैहकै भी करी सै कमाई जनता नै
पेट भराई जनता नै कड़ै यो खाणा थ्याया सै।।
2. आह भरैं बदनाम हों उनका कत्ल माफ सै
कब्जा किसका सूचना पै बात कति साफ सै
बिना रिजाई के लिहाफ सै किसा जमाना आया सै।।
3. सौ पीस्से चाले दिल्ली तै पन्दरा थ्यावैं हमनै रै
पिचासी कड़ै गये ना कोए बी बतावैं हमनै रै
धोंस तै दबावैं हमनै रै जी घणा दुख पाया सै।।
4. टन कपास मैं धागा कितना यो निकलता रै
रणबीर धागे का लत्ता फेर कितना बनता रै
हिसाब नहीं मिलता रै ज्यां कलम उठाया सै।।
-202-
सुभाष बोस देखले आकै
देश मैं किसी आजादी आई, गरीबां कै और गरीबी छाई।
अमीरां नै घणी लूट मचाई, सुभाष बोस देखले आकै ।।
1. भगत सिंह नै दी कुर्बानी, जनता नै खपाई जवानी
हैरानी हुई थी गोरयां नै, कमर कसी छोरी छोर्यां नै
देश बांट दिया सोहरयां नै, सुभाष बोस देखले आकै ।।
2. ये गोरे गये तो आगे काले, हमनै नहीं ये कदे सम्भाले
चाले कर दिये बेइमानां नै, भूल गय हम इन्सानां नै
इन देशी हुकमरानां नै, सुभाष बोस देखले आकै ।।
3. बोवणियां की धरती होगी, सब जात्यां की भरती होगी
सरती होगी नहीं बिरान, खुश होज्यांगे मजदूर किसान
आजादी करै यो ऐलान, सुभाष बोस देखले आकै ।।
4. मुनाफाखोर देश पै छाये, पीस्से पै सब लोग नवाये
लगाये भा इस बाजार मैं, ईमान बिकै कुछ हजार मैं
धंसते जावां हम गार मैं, सुभाष बोस देखले आकै ।।
5. मकान सैं परिवार नहीं, माणस सैं घरबार नहीं
सरकार नहीं सुनती या, जाल कसूता बुनती या
गरीब नै रणबीर धुनती या, सुभाष बोस देखले आकै ।।
-203-
सौ प्रतिशत प्रोमोशन खातर डॉक्टर फिरते मारे-मारे।
कुछ नीचे तै कूछ कै उपर आवण के थे जुगाड़ बिठारे।।
1. इन्टरव्यू की तैयारी करली फाइल मैं कागज धरकै नै
कई डाक्टर जोर लगारे हांडै बैग मैं पीस्से भरकै नै
जोर आजमाई करकै नै प्रोफेसर बणण की आसा लारे।।
2. एक दूजे के सब बैरी होगे कति फूटी आंख सुहावै कोण्या
इन्सानियत भूल गये पशु भी न्यों कदे डकरावै कोण्या
उननै रोटी जमा भावै कोण्या मंत्रियां के घरां धक्के खारे।।
3. इन्टरव्यू कैंसल होगे उनके पढ़ी खबर अखबार मैं
सारयां नै घणी खुशी मनाई मातम मच्या सै दो च्यार मैं
सब कुदण आले बुखार मैं प्रोफेसर बुड़बुड़ाते जारे।।
4. मैडीकल मैं कसूता रूक्का माचग्या इसा किसनै चाला रोप्या
कूदण आले डाक्टर तीस मारखां कहैं छुरा पीठ मैं घोंप्या
रणबीर सही रोक्या ना तै मारे जाते कई डाक्टर बिचारे।।
-204-
उग्रवाद
बुश थारे उग्रवादी चेल्यां नै, अमरीका निशाना बनाया।
उग्रवाद का सांप पाल्या, खुद रजकै दूध पिलाया।।
1. सबतै फालतू हथियार बेचो, थारा रिकाट बतावै आज
नशीली दवा बेच करो कमाई, थारा रिकाट दिखावै आज
इतर फुलैल लिपस्टिक बेचो, थारा रिकाट गिनावै आज
बेचण नै माफिया चाहिये, जिसनै सब गुर सिखावै आज
जिनै तेरी बात ना मानी, उसै देश मैं उग्रवाद पनपाया।।
2. सी आई ए थारे देश का, सब देशां नै जुलम कमावै क्यों
उंकी औछी हरकतां पै तनै, मानवता याद ना आवै क्यों
राज पलटवादे हांगा करकै, भूल मानवता नै जावै क्यों
घर भीतर जिब टक्कर लागी, उग्रवाद उग्रवाद चिलावै क्यों
बिन लादेन पाल्या तमनै, अफगानिस्तान तबाह कराया।।
3. दुज्यां कै घर घाले तो, उग्रवाद लाग्या प्यारा रै
इसमैं शक कड़ै किसे कै, यो सै मानवता का हत्यारा रै
इका खात्मा होना चाहिए, हर माणस याहे चाहरया रै
अपने भीतर झांका अमरीका, क्यों हमें बेकूफ बनारया रै
दुनिया गंूठे नीचै राखण नै, हमेशा उग्रवाद फैलाया।।
4. अपणा डर ल्हकोवण नै, हमले की करी हटकै तैयारी
जिस देश पै हमला होगा, उसकी जनता के ना जा मारी
फेर मानवता कड़ै जावैगी, थारी पोल खुलै ईब सारी
दादागिरी तनै छोड्डी ना, हुकम करण लागरया जारी
रणबीर सिंह बरोने आला, घणे दिन थारी भका मैं आया।।
-205-
हरनिया
हरनिया की मेरी बीमारी इसका पूरा हाल सुणाउं मैं।
मेरी गेल्या के के क्यूकर बीती आज सारी खोल बताउं मैं।
1. नला मेरा सूज ज्या जिब काम हांगे का करणा होज्या
मुश्किल तै चाल सकूं सम्भल सम्भल पां धरणा होज्या
कई बै उफपर नै चढ़ै कोण्या दुख मैं मनै मरणा होज्या
काम होवै ना ताने लागैं घंूट सबर का भरणा होज्या
पड़या खाट मैं सोचें जां मुश्किल तै उफपर चढ़ाउं मैं।।
2. रोहतक मेडीकल चाल्या जा खरखोदे आले न्यों बोले रै
मेडीकल हत्थे का जिब नाम सुण्या मेरे पां जमा डोले रै
गोस्यां का इन्तजाम राखिये कान काइयां नै खोले रै
सलाह मशवरे दिये जो वे अपणे हिसाब तै तोले रै
च्यार बार तो पड़या जावणा पाचवैं जाण तै घबराउं मैं।।
3. तारीख परेशन की तय होगी सब चादर तान कै सोगे
ज्यों ज्यों हुया सबेरा भाई मेरे होश हवास सब खोगे
निरणाबासी मरूं भूखा डाक्टर बिघन कसूते बोगे
टेबल पै लिटा न्यों बोले एस टी सेग मैंट मूंधे होगे
परेशन की टाल होगी पड़या छात कैड़ लखाउं मैं।।
4. हटकै ईसीजी करवाई सब किमै ठीक बताया रै
आगले परेशन आले दिन टेबल पै फेर लिटाया रै
करोंठ दिवा कड़ सापफ करी टीका फेर लगाया रै
पाहयां मैं कीड़ी सी चाली मेरा सब लत्तता तरवाया रै
बड्डा डाक्टर कहै छोरे नै तेरा हाथ साफ कराउं मैं।।
5. परेशन होग्या वार्ड मैं आग्या पेशाब का जोर होग्या
सारी बिध लाकै देखी दरद मेरै घनघोर होग्या
डाक्टरां नै टीका लाया पेट पाट्टण नै ओर होग्या
बुरी
नलकी लाकै पेशाब तारया दरद मैं चिलाउं मैं।।
-206-
कत्ल मैडीकल मैं
दिया तोड़ यार नै खिलता फूल बुरा जमाना आग्या।
क्यों कत्ल करया सोनी मेरा दिमाग तिवाला खाग्या।।
1. तीनों यारां नै मैना मैं मौज मस्ती खूब मनाई थी
नींद की गोली यतेन्द्र नै बीयर के मैं मिलाई थी
कई दिनां पहलम तै उसनै याहे स्कीम बनाई थी
गल घोंट कै मार दिया आवाज नहीं सुनाई थी
सारी डॉक्टर कौम के यतेन्द्र माथै कालस लाग्या।।
2. माता कै के बाकी रैहगी जिब खबर मौत की आई
टेलीफोन पै बात हुई ईब सी फेटण भी ना पाई
कोर्स पूरा होग्या सोचै थी मैं करूंगी ईब सगाई
क्यों कत्ल हुया बैठी सोचै करी नहीं कोए बुराई
खुद तो चल्या गया सोनी पूरे घर नै वो
3. क्यों यार का यार बैरी होग्या करते क्यों विचार नहीं
दारू सैक्स नशे का रोक्या हमनै यो ब्यौपार नहीं
कान्फ्रैंस प्यावैं रजकै दारू न्यों होवै सुधार नहीं
या हिंसा ना रोकी तो बचै किसे का घरबार नहीं
सैक्स हिंसा और नशे का पैकेज चौगरदें नै छाग्या।।
4. एक औड़ नै कुआं दीखै दूजे औड़ खाई मैं धंसगे
घणे जण्या के अरमानां नै ये नाग काले डसगे
बैर ईर्ष्या लोभ मोह जणू तो रग-रग मेैं बसगे
हरियाणा के छोरे-छोरी कसूते भंवर मैं फंसगे
मैडीकल पै सोचो मिलकै रणबीर सवाल यो ठाग्या।।
-207-
धर्म के सै माणस का
धरम के सै माणस का मनै कोए बता दयो नै।
माणस मारो लिख्या कड़ै मनै कोए दिखादयो नै।।
1. माणस तै मत प्यारा करो कौणसा धर्म सिखावै
सरेआम बलात्कार करो कौणसा धर्म सिखावै
तम दारू का ब्यौपार करो कौणसा धर्म सिखावै
रोजाना नरसंहार करो कौणसा धर्म सिखावै
धरम क्यों खून के प्यासे मनै कोए समझाइयो नै।।
2. ईसा राम और अल्लाह जिब एक बताए सारे रै
इनके चाहवण आले क्यूं खार कसूती खारे रै
क्यों एक दूजे नै मारण नै ए के जी हाथां ठारे रै
अमीर देश हथियार बेचकै खूब मौज उड़ारे रै
बैर करो मारो काटो लिखै वौ ग्रंथ जलादयो नै।।
3. मानवता का तत कहैं सब धर्मां की जड़ मैं सै
प्रेम कुदरत का सारा सब धर्मा की लड़ मैं सै
कदे कदीमी प्रेम का रिश्ता माणस की धड़ मैं सै
कट्टरवाद नै घेर लिये धर्म इंकी पकड़ मैं सै
लोगां तै अरदास मेरी क्यूं करै इनै छटवाद्यो नै।।
4. यो जहर तत्ववाद का सब धरमां मैं फैला दिया
कट्टरवाद घोल प्याली मैं सब तांहि पिला दिया
स्कीम बना दंगे करे इन्सान खड़या जला दिया
बड़ मानवता का आज अब धर्मां नै हिला दिया
रणबीर रोवै खड़या इसनै चुप कराद्यो नै।।
-208-
बात पते की
म्हारे देश मैं के बनरी सै आज खोल सुणा दयूं सारी रै।
दस प्रतिशत स्टाफ कटौती फरमान हुया यो जारी रै।।
1. नई भर्ती हों एक तिहाई तुगलकी फरमान सुणाया
जबरन सेवा निवृति का चाणचक कानून बनाया
जीपीएफ की बचत योजना यो उसपै ब्याज घटाया
ठेका प्रथा लागू करदी कर्मचारी का सम्मान घटाया
काम फालतू तनखा थोड़ी नियम बण्या अत्याचारी रै।।
2. साल का बजट जिब आवै और खाल तारले म्हारी
आयात कानून करकै
किसान धरती कै मारया सबसिडी खत्म करदी सारी
देशी उद्योग उजाड़ दिये यो छाग्या बदेशी ब्यौपारी
चारों कूट यो धुम्मा उठग्या कड़ै बचैगा कर्मचारी रै।।
3. हरियाणा सरकार नहीं पाछै घर कसूते घाल रही
रोजगार का वायदा करकै ईब चौड़े मैं टाल रही
ट्रेड यूनियन के हकां पै या डाके कसूते डाल रही
पुलिस तै ना बात बणी सरकारी गुण्डे पाल रही
एक कुणबे का राज होग्या सब जनता आज्ञाकारी रै।।
4. पच्चीस हजार पद खाली ये खत्म किये हरियाणा मैं
सरकारी नौकरी के सपने दफन किये हरियाणा मैं
बिना इलाज के सैपटिक जख्म किये हरियाणा मैं
किस किस का जिकर करूं गबन किये हरियाणा मैं
रणबीर सिंह के लिखे हुये गीत या जनता गारी रै।।
-209-
बात पते की
विकसित खागड़ देशां नै आपाधापी कसूत मचाई रै।
टेªेड सैंटर के हमने नै या मन्दी चारों कूट फैलाई रै।।
1. अमरीका मैं डेढ लाखां की नौकरी देखो खोस लई
ब्रिटेन जापान जर्मनी मैं उड़ अमीरां की होंस गई
पैदावार घणी खपत थोड़ी फेर नई चाल चलाई रै।।
2. आतंकवाद नै हथियार बणा गरीब देशां मैं बड़गे
पहल्यां इसतै दूध प्याया फेर इसे गेल्यां भिड़गे
अफगानिस्तान बणा खाड़ा एक तरफा करी लड़ाई रै।।
3. ईराक इरान सोमालिया अपणे निशाने पै बिठाये
उत्तरी कोरिया पै इननै फेर कसूते तीर चलाये
तीसरी दुनिया डरा धमका कै अपणी मण्डी बनाई रै।।
4. डबल्यू टी ओ विश्व बैंक साथ मैं मुद्रा कोष बताया
तीसरी दुनिया मैं जाल कसूता मिलकै नै फैलाया
भारत बरगे देशां की रणबीर सिंह श्यामत आई रै।।
-210-
बोल बख्त के
खाणक नै स्याहमी ल्यादी किसनै चौड़ै लूट मचाई।
एक पालै ये काम करणिये दूजे पालै लुटू अन्याई।।
1. अंग्रेजां नै
थाण मलमल के गोरयां नै सड़कां पै फिंकवाये थे
भारत देश पै जुलम घणे सालों साल
विरोध मैं जो सिर उठ्या उंपै लठ बरसाये थे
जुलमी राज हटावण नै भगत सिंह नै फांसी खाई।।
2. देश आजाद हुयां पाछै हमनै मेहनत खूब करी
जंगल काट खेत बणाये सूकी जड़ फेर हुई हरी
खाणक मैं पहाड़ तोड़े हथेली उपर ज्यान धरी
म्हारी मेहनत रंग ल्याई देश की तिजूरी गई भरी
मुट्ठी भरकी चान्दी होगी म्हारे बालक बिना पढ़ाई।।
3. सहज सहज देश मैं काला धन फेर छाण लग्या
अमरबेल की
भ्रष्ट नेता गुण्डे मिलगे समाज तले नै जाण लग्या
इसका काला छाया म्हारे खाणक मैं भी आण लग्या
इस काले धन नै खाणक लूटण की स्कीम बणाई।।
4. खाणक कई गामां का सदियां तै पेट पालता आया
इन पेटां नै जमा भूलगे खाणां का ठेका उठवाया
ठेकेदारां नै करी तबाही लूट का नाका लगवाया
माल की बिक्री कम होगी यो मजदूर गया दबाया
रणबीर नै तसबीर सही खींच कै ईब दिखाई।।
-211-
कान्ता
एक हरिजन भाई का आड़ै बस्या करता परिवार भाई।
धरती थी ना करै मजदूरी कुणबा घणा ए लाचार भाई।।
1. एक भैंस थी रूं
न्यार फूंस नै जावैं घणा बोझ खेंचणा पड़ज्या था
सारा हिसाब देखणा पडज्या था कदे हो तकरार भाई।।
2. कान्ता एक दिन छेड़ दई माया राम के पोते नै
किसकै आगै दुख वा रोवै कौन छेड़ै नाग सोते नै
चुप्पी चढ़ागी खोते नै करया हटकै उसनै बार भाई।।
3. आस पड़ौस की साथन बी कइयां का शिकार थी
घुस फुस सारी करती पर ना बोलण नै तैयार थी
जात पात की दीवार थी नहीं कोए मददगार भाई।।
4. महताब था छोटा घणा ओ थोड़ी थोड़ी समझै था
कान्ता क्यों उदास घणी वो राह की रोड़ी समझै था
दुनिया सै बोड़ी समझै था रणबीर का प्रचार भाई।।
-212-
किसान तै पढ़ण बिठाया गिहूं का आयात करकै रै।
आत्मनिर्भर देश बनाया ज्यान हथेली पै धरकै रै।।
1. किसानां के ये हितैषी नेता आज कड़ै बिलां मैं बड़गे
के मजबूरी सै हमनै गिहूं क्यों आयात करने पड़गे
गिहूं गोदामां मैं सड़गे चुहे खागे बोरी कुतर कै रै।।
2. पहलमै फांसी खा खाकै किसान मरण लाग रहे सैं
काले पीले हरे रोजाना इनकै लड़ण नाग रहे सैं
म्हारै पड़ण झाग रहे हैं ईब पैंडा छूटै मरकै रै।।
3. बिन किसान ना खेती बताई बिन खेती उद्योग कड़ै
क्यूकर देश बढ़ैगा आगै इतना दुखी किसान जड़ै
मुंह खोलना जरूर पड़ै पानी गया सिर पर कै रै।।
4. बिना एकता ना काम चलै पिट्या किसान न्यारा न्यारा
जात पात और गोत नात पै बांटया कैहकै यारा प्यारा
रणबीर नहीं म्हारा गुजारा मतना बैठो डर कै रै।।
-213-
बात पते की
अमरीका और धनी देश ये दुनिया मैं मौज करैं देखो।
भारत बरगे गरीब देश ये क्यों भूखे आज मरैं देखो।।
1. पाउडर लिपस्टिक पै ये छह अरब डालर फूंकैं सैं
यूरोप मैं नौ अरब डालर की कुल्फी खाणी ना चूकैं सैं
बारां अरब का इत्र खर्चे उड़ै छिदे ए माणस उंकैं सैं
सतरां अरब डालर खां कुत्ते आड़ै भूखे बालक सूकैं सैं
लूट-लूट कै म्हारी कमाई ये अपणे घर भरैं देखो।।
2. मनोरंजन पै अरब पैंतीस डालर खर्च जापान मैं
सिग्रेट पै पचास अरब डालर यूरोप खर्चे श्यान मैं
एक सौ पांच अरब डालर दारू खर्चा यूरोप महान मैं
दवा नशीली चार सौ अरब की पीते पूरे ही जहान मैं
हमनै भी
3. इनकी नकल करणियां की भारत मैं कोए औड़ नहीं
धनी देश ये डाण्डी मारते उनका पाया कोए तोड़ नहीं
ये डबल्यू टी ओ तै दाबैं हमनै बच्या कोए बी ठोड नहीं
हथियार बणावैं दवा नशीली फैशन मैं कोए जोड़ नहीं
विकास की सही राही कोण्या विनाश राही डंग धरैं देखो।।
4. म्हारे देश मैं दलाल इनके बड्डे साहूकार बताये सैं
इनकी गेल्यां मिलकै किनै म्हारे खेत क्यार पिटवाये सैं
अपणी मौज बधावण नै म्हारे रोजगार घटवाए सैं
किसानां पै फांसी लावण नै युद्ध का हथियार ल्याये सैं
लिखता रणबीर सिंह साच्ची बैठे महलां मैं डरैं देखो।।
-214-
विश्व बैंक संगठन
विश्व व्यापार संगठन के सै मनै खोल बतादे सारी।
सारी दुनिया बीच होरी सै क्यों चरमा इसकी भारी।।
1. किसके हक मैं काम करै किसकी करता डूबा
टी वी अखबारां मैं छाया जिकरा इसका शाम सबेरी
गाम मैं किसे नै बेरा ना फरमान कड़े तै हुया जारी।।
2. कोए बतावै पफायदे इसके म्हारी समझ मैं आवै ना
कोए कहवै सत्यानाशी सै इसकी तरफ लखावै ना
किसनै किसकी ईंके दम पै क्यूकर अक्कल मारी।।
3. भारत की सरकार बता क्यों हुई लाचार दिखाई दे
इसके बारे मैं सही सही क्यों ना प्रचार सुनाई दे
इसकी सारी पोल खोल कै कोए समझ बधादे म्हारी।।
4. दोहा नाम आया अखबारां मैं उड़ै के के फैंसले होगे
एक बै हमनै बता द्यो कूण बीज बिघन के बोगे
कहै रणबीर बरोने आला जनता की श्यामत आरी।।
-215-
चीनी मील
खेत मैं ईंख खड्या सै, चीनी मील बन्द पड्या सै।
टोटा घरां आण बड्या सै, नहीं दीखै कोए राही।।
1. मेहनत करकै बाहये खेत जी लाकै बोई गंडेरी थी
ईंख नुलाया शिखर दोफेरी मेरी गैल मरी भतेरी थी
पात्ते हाथ चीरगे म्हारे रै, हम ईंख बांधण चाहरे रै
इसपै घणी आशा लारे रै, बेटी की करी सगाई।।
2. मील आल्यां नै पर्ची ना दी मारया मारया फिरता रै
अपमान करैं कम तोलैं कहर मेरे पर गिरता रै
ईंख आज मेरा सूक रहया, कुछ मनै ना सूझ रहया
अजीत पै मैं बूझ रहया, करी क्यों म्हारी तबाही।।
3. मुलायम सिंह जुग-जुग जीयो भा बढ़िया दिया म्हारा
कल्याण सिंह नै दागी गोली मारया किसान बिचारा
कांग्रेस कै पटकी मारांगे, मुलायम पै सब कुछ वारांगे
पार वामपंथ नै तारांगे, बीजेपी की श्यामत आई।।
4. जातपात का भ्रम टूटैगा , किसान एकता जिन्दाबाद
अमीरां की चाल समझगे या मुनाफाखोरी मुर्दाबाद
संघर्ष का बिगुल बजाया रै, यो झण्डा लाल उठाया रै
रणबीर नै राह दिखाया रै, गजब की करी कविताई।।
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