Saturday, 15 April 2023

बेरोजगार पना 

 

आज के दौर को कम्पीटीसन का दौर बताया जा रहा है और इसके लिए कोई भी कीमत जायज है। हम दौड़ रहे हैं और दौड़े जा रहे हैं पैसे के पीछे और पैसा हमें एक अंधी गली में धकेल रहा है जिसका बाहर निकलने का रास्ता बन्द है। क्या बताया भला-


बेरोजगार पना सारै छाग्या रै,दुनिया मैं पीस्सा कहर ढाग्या रै

युवा इसकी बहका मैं आग्या रै, झूठ होतै लिखकै लगाम दियो।।

इस पीस्से की ताकत नै कई सरकार पढ़ण बिठाई

देषां के कानून रोंद कै नै अपनी मन ानी चलवाई

पीस्सा अपना रुतबा बणाग्या रै,यो दिन धौली मैं लूट मचाग्या रै

इनसानियत जमा ए भुलाग्या रै, झूठ होतै लिखकै लगाम दियो।।

हर चीज की बोली लादी नहीं छोडया कितै ईमान देखो

औरत एक चीज बणाई करया चौड़े मैं अपमान देखो

काले धन नै काला रास्ता भाग्या रै,पीस्सा बड़े बड़यां नै घुमाग्या रै

अमीर और अमीर बणाग्या रै, झूठ होतै लिखकै लगाम दियो।।

घोटाले पै घोटाले होण लगे कारपोरेट की लूट मची

दोनूं हाथां लूटो कमेरे नै नीतियों की इसी छूट रची

तकनीक मैं उधम मचाग्या रै,दुनिया नै आज खिंडाग्या रै

मानवता नै भाईयो बिठाग्या रै, झूठ होतै लिखकै लगाम दियो।।

थेगली लायें बात बणै ना पीस्से कै लगाम लगानी होगी

मनवता के कब्जे मैं देखो तकनीक हटकै ल्याणी होगी

रणबीर बी कलम घिसाग्या रै, आज सारी खोलकै नै बताग्या रै

पीस्से की लूटके भेद गिणाग्या रे, झूठ होतै लिखकै लगाम दियो।।

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