Saturday, 15 April 2023

मुंह मेरे पै एसिड फैंक्या

 

मुंह मेरे पै एसिड फैंक्या सुनियो आप बीती सुणाउं मैं।।

चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।।

यो हादसा हुया साथ मेरी दो हजार पांच में देखो

गरीब घर की बेटी सूं मैं तपी संकट की आंच मैं देखो

खूब घूमी उन दिनां मैं कचहरी की तरफ लखाउं मैं।।

इसे बीच मैं मेरे पिता जी म्हारे तैं नाता तोड़ गये

मां रोवै बैठ अकेली बंद कमरे मैं कैसे समझाउं मैं।।

भाई कै टी बी होरी देखो मां उसका इलाज करावै कैसै

आमदनी का कोए साधन ना घर का खर्च चलावै कैसै

आंटी म्हारा खर्च औटरी  उसका कैसे कर्ज चुकाउं मैं।

सात आपरेषन हो लिए मनै हार कति मानी कोन्या

हमदरदों नै मदद करी आंटी का कोए सानी कोन्या

अपने पाहयां खड़ी होकै मिषाल नई दुनिया मैं रचाउं मैं।।

उम्र कैद होनी चाहिये सै दस साल की सजा ना काफी सै

दस साल की काट सजा वो तो आकै उल्टा रचावै षादी सै

चेहरे की बदहाली होरी मेरी यो कैसे घरबार बसाउं मैं।।

तेजाब की खुली बिक्री रोकै या अरदास मेरी समाज तैं

म्हारे बरगी महिलावां की या फरमास मेरी समाज तैं

इसी पीड़ितां नै मिलै नौकरी रणबीर यो कानून चाहूं मैं।।

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