810
किसान आंदोलन के चरचे पूरी दुनिया के मैं होये रै।।
बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।।
1
जात धर्म तैं ऊपर उठकै हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
किसान मजदुर कट्ठे होकै कानूनों की वापसी चाही
कारपोरेट तबके ताहिं भाई झगड़े कानूनों के झोये रै।।
बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।।
2
जमाखोरी या बेअंत करदी ईसा कानून बनाया देखो
एमपीएससी तीजे कानूनं का कसूता तीर चलाया देखो
घणा फतूर मचाया देखो जनतंत्र के तरीके ये खोये रै।।
बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।।
3
खालिस्तानी माओवादी बरगे ओछे हथकंडे अपनाये
किसान समझगे चाल इनकी कोण्या बहका मैं आये
झूठ के घणे तीर चलाये इसके खूबै बोरे ढोये रै।।
बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।।
4
फूट गेरो राज करण का मोहरा इनका फेल किये
फासीवाद तैं लड़ने के तरीके किसानों नै पेश किये
हो कट्ठे ये पेल दिए रणबीर नै छंद पिरोये रै।।
बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।।
811
चलो गाजी बॉर्डर बुलावै ईब नहीं घबराना हे।।
संघर्ष के दम पै अपणा आज हक पाना हे।।
1
जल्दी करलयो पीणा खाणा
इस जिसा ना मौका थ्याणा
फेर हमनै ना पड़ै पछताणा
संघर्ष करकै हक पाणा, यो पूरा हाँगा लाणा हे।।
संघर्ष के दम पै हमनै अपणा हक पाणा हे।।
2
जमा नाट गये देखो हाँ भरकै
धरने जलूसों से इणनै डरकै
मंत्री भकाजया कदे आ करकै
फ़ाइल फेर जमा नहीं सरकै, रोज का ही फरमाणा हे।।
संघर्ष के दम पै हमनै अपणा हक पाणा हे।।
3
बुलंद होवेंगे उड़ै म्हारे नारे
निजीकरण नै घाले सैं घारे
घणे दुखी मजदूर कर्मी सारे
ठेकेदारी प्रथा सारे कै ल्यारे, मिलकै पाठ पढ़ाणा हे।।
संघर्ष के दम पै हमनै अपणा हक पाना हे।।
4
संघर्ष बिना नहीं सै गुजारा
जल्दी चालां हजारों हजारां
सरकार हैरान हो देख नज़ारा
रणबीर लिखता साथी म्हारा, ना पाछै कदम हटाणा हे।।
संघर्ष के दम पै हमनै अपणा हक पाना हे।।
812
आस बंधी भोर होवैगी शोषण जारी रहै नहीं ।।
लोकलाज तैं राज चलै रिश्वत भारी रहै नहीं।।
1
चेहरा सूखा मरै भूखा या मजबूरी नहीं रहै
शरीफ बसैंगे उत मरैंगे झूठी गरूरी नहीं रहै
गरीब कमावै उतना पावै जी हजूरी नहीं रहै
मुनाफाखोरां की फेर स्वर्ण तिजूरी नहीं रहै
फूट गेर कै राज करो इसी बीमारी रहै नहीं ।।
लोकलाज तैं राज चलै रिश्वत भारी रहै नहीं।।
2
कर्जे माफ़ होज्यां साफ़ आवैगा दौर सच्चाई का
बेरोजी भत्ता कपड़ा लत्ता हो प्रबन्ध दवाई का
पैंशन होवै सुख तैं सोवै काम होज्या भलाई का
जच्चा बच्चा सेहत अच्छा मौका मिलै पढ़ाई का
मीठा पाणी चालै नल मैं यो पाणी खारी रहै नहीं ।।
लोकलाज तैं राज चलै रिश्वत भारी रहै नहीं।।
3
भाईचारा सबतै न्यारा ना कोये धिंगताना हो
बदली खातर ठाकै चादर ना मंत्री पै जाना हो
हक मिलै घीसा घलै सही ठौर ठिकाना हो
सही वोट डलैं ना नोट चलैं इसा ताना बाणा हो
हमनै चाहया देश मैं यो अत्याचारी रहै नहीं ।।
लोकलाज तैं राज चलै रिश्वत भारी रहै नहीं।।
पड़कै सोज्यांगे चाले होज्यांगे ना कुछ भी होवैगा
भीतर बड़ माथा पकड़ बूक मार कै नै रोवैगा
नया मदारी करै होश्यारी हमनै बेच कै सोवैगा
जागू रहियो मत सोईयो काटैगा जिसे बोवैगा
रणबीर बरोने आला कितै दरबारी रहै नहीं ।।
लोकलाज तैं राज चलै रिश्वत भारी रहै नहीं।।
813
सबका हरियाणा
लूट खसोट बचै ना ईसा हरियाणा बनावांगे।।
धर्मांधता बढ़ै नहीं ईसा हरियाणा बसावांगे।।
1
यो भरपूर इंसान उभरै प्यारे हरियाणा मैं
सही बोल कहे जावैंगे म्हारे हरियाणा मैं
हो रोक थाम बीमारी की पूरा इलाज करावांगे।।
धर्मांधता बढ़ै नहीं ईसा हरियाणा बसावांगे।।
2
खात्मा हो दोगली शिक्षा का सबनै शिक्षा मिलै पूरी
नाड़ काट दौड़ रहै ना हो ना पीसे की मजबूरी
नशा खोरी नहीं टोही पावै यो अभियान चलावांगे।।
धर्मांधता बढ़ै नहीं ईसा हरियाणा बसावांगे।।
3
मुनाफा मंजिल नहीं रहै ना कितै घमासान मचै
जिसकी लाठी बैंस उसकी जुमला फेर नहीं बचै
प्रदूषण घटाकै धरती बाँझ होण तैं बचावांगे।।
धर्मांधता बढ़ै नहीं ईसा हरियाणा बसावांगे।।
4
महिला नै इंसान समझाँ ना मानैं दूजे दर्जे की
दलित उत्पीड़न खत्म हो मार बचै ना कर्जे की
सबनै रोजगार मिलैगा यो बिगुल बजावांगे।।
धर्मांधता बढ़ै नहीं ईसा हरियाणा बसावांगे।।
814
जाइये मनै बताकै
घसे कसूते दुःखी होरे सां देख मुरारी आकै।
अपणे हाथां क्यूं ना गेरता कुएं के मां ठाकै।।
1. देश दम म्हाटीरे पै फल्या यो
अमीर घर दीवा बल्या यो
म्हारा सब किमै छल्या यो घिटी मैं गूंठा लाकै।।
2. तेरा चेला दुखड़ा
मेहनत कर भूखा सोवै सै
तनै सारे कै टोहवै सै सोग्या अमीरां कै जाकै।।
3. तनै गरीब क्यों नहीं भाता
क्यों ना म्हारी तरफ लखाता
तूं कद खोलै म्हारा खाता जाइये मनै बताकै।।
4. बचया छिदा इन्सान आड़ै
सब देखै भगवान आडै़
घर होगे शमशान आड़ै रणबीर कथा सुणाई गाकै।।
815
उल्टी गंगा पहाड़ चढा दी इसा नजारा देख लिया
खेती करता भूखा मरता किसान बिचारा देख लिया
एक मिन्ट की फुरसत ना तूं 24 घन्टे काज करै
रोटी ऊपर नूण मिर्च फेर धरया मिलै सै प्याज तेरै
काम की बाबत सब कुणबे की गेल्यां भाजो भाज करै
फेर भी पेट भराई घर म्हं मिलता कोन्या नाज तेरै
घर म्हं बड़रे बाज तेरै ना हुवै गुजारा देख लिया
उठ सबेरे हळ जोड़ै तूं थारा बूढ़ा जावे पाळी सै
छोरा भेज दिया पाणी पै बुढ़िया गई रूखाळी सै
रोटी और जुआरा ले आवे तेरी घर आळी सै
सारा कुणबा मंड्या रहै फिर भी घर मैं कंगाली सै
तू रहै खाली का खाली सै तेरै टोटा भारया देख लिया
भूखा मरता करजा लेणे फेर बैंक मैं जावे सै
बाबु जी बाबु जी करकै छीदे दांत दिखावे सै
रिश्वत ले ले ठोक म्हारे पै फेर म्हारा केस बणावे सै
धरती तक गहणैं धरलें जब हमनै कर्ज थ्यावे सै
लूट लूट खावै सै उनका पड़ता लारा देख लिया
न्यूं म्हारा पैंडा छुटै कोन्या चाहे दिन रात कमाए जा
हमैं लुटेरा लूट लूट कै बैठ ठाठ तै खाए जा
बामण बणिया जाट हरिजन कहकै हमैं लड़ाए जा
हरिचन्द तेरी बी बा यूनियन न्यूएं लूट मचाए जा
टूटे लीतर पाट्या कुरता फुट्या ढारा देख लिया
816
थारी हिम्मत ने सलाम सारा देश देव थारे तैं बधाई
सिल्वर मेडल ताहीं पहोंची कई तरीयां की लड़ी लड़ाई
विनेश फौगाट हर नै जंतर मंतर पै डेरे लगाए थे
पहलवानों के हकों की खातर धर ने ऊपर आए थे
सरकार और बृजभूषण की ना थी पार बसाई।।
बड़ी मुश्किल तैं इजाजत पाई पेरिस जावण की
पूरी तयारी करी थामनै उड़ै अपने हुनर दिखावण की
तीन कुश्ती जीत कै फाइनल खातर कदम बढ़ाई।।
चाण चनक सौ ग्राम बोझ करी डिस्कवालीफाई रै
कोए साजीस सै इसमें जनता नै मांग उठाई रै
दबाव बनया देश दुनिया का यो कास करो सूनवाई।।
CAS की मीटिंग होंन लागरी देखो के फैंसला होवैगा
सिल्वर मेडल मिलियो विनेश नै रणबीर छंद पिरोवैगा
विनेश की कुश्ती नै देश की जनता हटकै जगाई।।
817
6 अगस्त को तीज है, इस मौके की एक रागनी
लाल चूंदड़ी दामण काला, झूला झूलण चाल पड़ी।
कूद मारकै चढ़ी पींग पै देखै सहेली साथ खड़ी।।
झोटा लेकै पींग बधाई, हवा मैं चुंदड़ी लाल लहराई
उपर जाकै तले नै आई, उठैं दामण की झाल बड़ी।।
पींग दूगणी बढ़ती आवै, घूंघट हवा मैं उड़ता जावै
झोटे की हिंग बधावै, बाजैं पायां की छैल कड़ी।।
मुश्किल तै आई तीज, फुहारां मैं गई चुंदड़ी भीज
नई उमंग के बोगी बीज, सुख की देखी आज घड़ी।।
रणबीर पिया की आई याद, झूलण मैं आया नहीं स्वाद
नहीं किसे नै सुनी फरियाद, आंसूआं की या लगी झड़ी।।
818
विवेक
सूरज साहमी कोहरा टिकै ना अज्ञान विवेक मयी वाणी कै।।
अज्ञानता छिन्न-भिन्न होण लगै हो पैदा चिन्तन न्या प्राणी कै।।
ढोंग अर अन्धविश्वास पै टिक्या चिन्तन फेर बचै कोण्या
यज्ञ हवन वेद शास्त्र फेर पत्थर पूजा प्रपंच रचै कोण्या
पुरोहित की मिथ्या बात का दुनिया मैं तहलका मचै कोण्या
मन्द बुद्धि लालची माणस कै विवेकमय दया पचै कोण्या
शिक्षित अनपढ़ अज्ञानी निर्धन बीच मैं आवैं फेर कहाणी कै।।
अज्ञानता छिन्न-भिन्न होण लगै हो पैदा चिन्तन न्या प्राणी कै।।
आत्मा परमात्मा सब गौण होज्यां सामाजिक दृषिट छाज्या फेर
समानता एक आधार बणै औरत सम्मान पूरा पाज्या फेर
मानवता पूरी निखर कै आवै दुनिया कै जीसा आज्या फेर
कार्य कारणता नै समझकै माणस कैसे गच्चा खाज्या फेर
माणस माणस का दुख समझै ना गुलाम बणै राजाराणी कै।।
अज्ञानता छिन्न-भिन्न होण लगै हो पैदा चिन्तन न्या प्राणी कै।
संवेदनशील समाज होवै र्इश्वर केंद्र मैं रहवै नहीं
मानव केंद्रित संस्कृति हो पराधीनता कोए सहवै नहीं
स्वतंत्रता बढ़ै व्यकित की परजीवी कोण कहवै नहीं
खत्म हाें युद्ध के हथियार माणस आपस मैं फहवै नहीं
विवेक न्याय करूणा समानता खरोंच मारैं सोच पुराणी कै।।
अज्ञानता छिन्न-भिन्न होण लगै हो पैदा चिन्तन न्या प्राणी कै।
अदृश्य सत्ता का कोढ़ आड़ै फेर कति ना टोहया पावै
सोच बिचार के तरीके बदलैं जन चेतना बढ़ती जावै
मनुष्य खुद का सृष्टा बणै कुदरत गैल मेल बिठावै
कर्म बिना बेकार आदमी जो परजीवी का जीवन बितावै
रणबीर बरोने आला ना लावै हाथ चीज बिराणी कै।।
अज्ञानता छिन्न-भिन्न होण लगै हो पैदा चिन्तन न्या प्राणी कै।
819
ज्ञान विज्ञान का पैगाम
सुखी जीवन हो म्यारा ज्ञान विज्ञान का पैगाम सुणो।
हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।
सारे पढ़े लिखे होज्यां नहीं अनपढ़ टोहया पावै फेर
खाण पीण की मौज होज्या ना भूख का भूत सतावै फेर
बीर मरद का हक बरोबर हो इसा रिवाज आवै फेर
यो टोटा गरीब की चौखट पै भूल कै बी ना जावै फेर
सोच समझ कै चालांगे तो मुशिकल ना सै काम सुणो।।
हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।
मिलकै नै सब करां मुकाबला हारी और बीमारी का
बरोबर के हक होज्यां तै ना मान घटै फेर नारी का
भार्इचारा फेर बढ़ैगा नहीं डर रहै चोरी जारी का
सुख कै सांस मैं साझा होगा इस जनता सारी का
भ्रष्टाचार की पूरी तरियां कसी जावै लगाम सुणो।।
हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।
आदर्श पंचायत बणावां हरियाणा मैं न्यारी फेर
दांतां बिचालै आंगली देकै देखै दुनिया सारी फेर
गाम स्तर पै बणी योजना लागू होज्या म्हारी फेर
गाम साझली धन दौलत सबनै होज्या प्यारी फेर
सुख का सांस इसा आवैगा नां बाजै फेर जाम सुणो।।
हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।
कोए अनहोनी बात नहीं ये सारी बात सैं होवण की
बैठे होल्यां लोग लुगार्इ घड़ी नहीं सै सोवण की
इब लड़ां ना आपस मैं या ताकत ना खोवण की
बीज संघर्ष का बोवां समों सही सै बोवण की
कहै रणबीर गूंजैगा चारों कूठ यो नाम सुणो।।
हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।
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