1**
सोलां सोमवार के ब्रत राखे मिल्या नहीं सही भरतार
दुख की छाया ढली कोण्या निकम्मा घना सै करतार
1
बालकपन तैं चाहया करती मन चाहया भरतार मिलै
बराबर की इंसान समझै ठीक ठयाक सा घरबार मिलै
उठते बैठते सोच्या करती बढ़िया सा मनै परिवार मिलै
मेरे मन की बात समझले नहीं घणा वो थानेदार मिलै
इसकी खात्तर मन्नत मानी चढ़ावे चढ़ाए मनै बेसुमार
दुख की छाया ढली कोण्या निकम्मा घणा सै करतार
2
मेरी सहेली नै ब्याह ताहिं एक खास भेद बताया था
सोलां सोमवार के ब्रत करिये मेरे को समझाया था
बोली मनचाहया वर मिलै जिसनै यो प्रण पुगाया था
मनै पूरे नेग जोग करे एक बी सोमवार ना उकाया था
बाट देखै बढ़िया बटेऊ की यो म्हारा पूरा ए परिवार
दुख की छाया ढली कोण्या निकम्मा घणा सै करतार
3
कई जोड़ी जूती टूटगी फेर जाकै नै यो करतार पाया
पहलम तै बोले बहु चाहिए ना चाहिए सै धन माया
ब्याह पाछै घणे तान्ने मारे छोरा बिना कार के खंदाया
सपने सारे टूटगे मेरे बेबे सोमवार ब्रत काम ना आया
पशु बरगा बरतावा सै ना करै माणस बरगा व्यवहार
दुख की छाया ढली कोण्या निकम्मा घणा सै करतार
4
ये तो पाखण्ड सारे पाये ना भरोसा रहया भगवान मैं
उसकी ठीक गलत सारी पुगायी ना दया उस इंसान मैं
फेर न्यों बोले पाछले मैं कमी रही भक्ति तनै पुगाण मैं
आंधा बहरा राम जी भी नहीं आया पिटती छुड़ाण मैं
कहै रणबीर बरोने आला आज पाखंडाँ की भरमार
दुख की छाया ढली कोण्या निकम्मा घणा सै करतार
2**
मानस का धर्म
धर्म के सै माणस का मनै कोए बतादयो नै।।
माणस मारो लिख्या कड़ै मनै कोए दिखादयो नै।।
1
माणस तैं मत प्यार करो कौणसा धर्म सिखावै
सरे आम बलात्कार करो कौणसा धर्म सिखावै
रोजाना नर संहार करो कौणसा धर्म सिखावै
तम दारू का व्यापार करो कौणसा धर्म सिखावै
धर्म क्यों खून के प्यासे मनै कोए समझादयो नै।।
माणस मारो लिख्या कड़ै मनै कोए दिखादयो नै।।
2
ईसा राम और अलाह जिब एक बताये सारे रै
इनके चाह्वण आले बन्दे क्यूँ खार कसूती खारे रै
क्यों एक दूजे नै मारण नै एकेजी हाथां ठारे रै
अमीर देश हथियार बेच कै खूबै मौज उड़ारे रै
बैर करो मारो काटो लिखै वो ग्रन्थ भुलादयो नै।।
माणस मारो लिख्या कड़ै मनै कोए दिखादयो नै।।
3
मानवता का तत कहैं सब धर्मां की जड़ में सै
कुदरत का प्रेम सारा सब धर्मां की लड़ मैं सै
कदे कदीमी प्रेम का रिश्ता माणस की धड़ मैं सै
कट्टरवाद नै घेर लिए यो हर धरम जकड़ मैं सै
लोगां तैं अरदास मेरी क्युकरै इनै छटवादयो नै।।
माणस मारो लिख्या कड़ै मनै कोए दिखादयो नै ।।
4
यो जहर तत्ववाद का सब धर्मों मैं फैला दिया
कट्टरवाद घोल प्याली मैं सब ताहिं पिला दिया
स्कीम बणा दंगे करे इंसान मासूम जला दिया
बड़ मानवता का आज सब धर्मों नै हिला दिया
रणबीर सिंह रोवै खड़या इनै चुप करवादयो नै ।।
माणस मारो लिख्या कड़ै मनै कोए समझादयो नै ।।
2001 की रचना
3**
सांझी विरासत
तर्ज:चौकलिया
कोणार्क और अजंता एलोरा म्हारी खूबै श्यान बढ़ावैं
चार मीनार क़ुतुब ताज महल सब च्यार चाँद लगावैं
1
दोनूँ भारत की विरासत इसतैं कौण आज नाट सकै
साहमी पड़ी दिखै सबनै कौण इस बात नै काट सकै
जो पापी तोल घाट सकैं म्हारी संस्कृति कै बट्टा लावैं ||
चार मीनार क़ुतुब ताज महल सब च्यार चाँद लगावैं
2
कालिदास बाणभट्ट या रविंद्र नाथ नै श्यान बढ़ायी सै
खुसरो ग़ालिब फ़िराक हुये जिनकी कला सवायी सै
जो न्यारे न्यारे बांटै इणनै वे भारत के गद्दार कुहावैं||
चार मीनार क़ुतुब ताज महल सब च्यार चाँद लगावैं
3
जयदेव कुमार गंधर्व भीमसेन जोशी जयराज दिए
बड़े गुलाम अली मियां बिस्मिल्ला नै कमाल किये
एक दूजे नै जो नीचा कहते वे घटियापन दिखावैं
चार मीनार क़ुतुब ताज महल सब च्यार चाँद लगावैं
4
सहगल हेमंत मन्ना और लता गायकी मैं छागे देखो
रफ़ी नूरजहां नौशाद साथ मैं ये जनता नै भागे देखो
रणबीर बरोने आले कांहिं ये सारे बहन भाई लखावैं
चार मीनार क़ुतुब ताज महल सब च्यार चाँद लगावैं
4**
हिरोशिमा नागाशाकी
लिटिल बॉय और फैटमेंन परमाणु बम्ब गिराये रै।।
हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं
धकाये रै।।
1
हिरोशिमा मैं छह अगस्त को अमरीका नै बम्ब गिराया
नौ अगस्त नै नागाशाकी पै दूजा फैटमैन बम्ब भड़काया
जापान देख हैरान रैहग्या अमरीका नै रोब जमाया
जमा उजाड़ दिए शहर दोनूं लाशां के ढेर लगाये रै।।
हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं
धकाये रै।।
2
लाखों निर्दोष लोगों की इसमैं हुई मौत बताई देखो
दूसरे विश्व युद्ध मैं अमरीका नै फतूर मचाई देखो
आत्म समर्पण जापान का फेर भी हेकड़ी दिखाई देखो
बिना बात बम्ब गिरा दिया अमरीका घना कसाई देखो
दो बम्ब गेर दादा गिरी का सारे कै सन्देश
पहोंचाये रै।।
हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं
धकाये रै।।
3
औरत मर्द बच्चे इसके हजारों लाखों शिकार हुये
सालों साल बालकों कै जामनू कई विकार हुये
दौड़ रूकी ना हथियारों की सौला हजरत तैं पार हुये
एक हजार तैं फालतू अड्डे अमरीका के तैयार हुये
जीव मरैं निर्जीव बचैं इसे बम्ब आज बनाये रै।।
हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं
धकाये रै।।
4
हिरोशिमा नागाशाकी तैं कोये सबक लिया कोण्या
हथियारों की होड़ बढ़ाई शांति सन्देश दिया कोण्या
हथियार मुक्त दुनिया का आधार तैयार किया कोण्या
ईनके डर पै अमरीका नै खून किसका
पीया कोण्या
रणबीर नागाशाकी दिवस पै ये चार छन्द बनाये रै।।
हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं
धकाये रै।।
5
म्हारा हरियाणा सबका हरियाणा
मिलजुल कै नया हरियाणा हम घणा आलीशान बणावां रै।।
नाबराबारी नै खत्म करकै हरियाणा आसमान पहोंचावां रै।।
1
बासमती चावल हरियाणे का दुनिया के देशां मैं जावै आज
चार पहिये की मोटर गाड़ी यो सबतै फालतू बणावै आज
खेल कूद मैं हम आगै बढ़गे एशिया मैं सम्मान बढ़ावां रै।।
नाबराबारी नै खत्म करकै हरियाणा आसमान पहोंचावां रै।।
2
चोरी जारी ठग्गी नहीं राहवेंगी भ्रष्टाचार ना टोहया पावै
मैरिट तैं मिलैं दाखिले सबनै शिक्षा माफिया खड़या लखावै
मिलकै सारे हरियाणा वासी इन बातों नै परवान चढ़ावां रै।।
नाबराबारी नै खत्म करकै हरियाणा आसमान पहोंचावां रै।।
3
ठेकेदारों की ठेकेदारी खत्म होज्या खत्म थानेदारी होवै
बदमाशों की बदमाशी खत्म हो फिर खत्म ताबेदारी होवै
निर्माण और संघर्ष का नारा पूरे हरियाणा मैं गूंजावां रै।।
नाबराबारी नै खत्म करकै हरियाणा आसमान पहोंचावां रै।।
4
ना दहेज़ खातर दुखी होकै महिला फांसी खा हरियाणा मैं
कदम बढ़ाये एक बै जो आगै फेर ना पाछै जाँ हरियाणा मैं
बराबर के माहौल मैं हम महिलाओं के अरमान बढ़ावां रै।।
नाबराबारी नै खत्म करकै हरियाणा आसमान पहोंचावां रै।।
5
नहीं नाम रहै छूआ छूत का सब रेल मिल रहैं गामों मैं
त्याग तपस्या और मोहब्बत की ये फुहार बहैं गामों मैं
दिखा मानवता का राह जातधर्म का घमासान मिटावां रै।।
नाबराबारी नै खत्म करकै हरियाणा आसमान पहोंचावां रै।।
6
हरियाणा के लड़के और लड़की कंधे तैं कन्धा मिला चालैंगे
देकै क़ुरबानी ये छोरी छोरे नए हरियाणा की नींव डालैंगे
गीत रणबीर सिंह नै बणाया मिलकै हम सारे ही गावां रै।।
नाबराबारी नै खत्म करकै हरियाणा आसमान पहोंचावां रै।।
6
हरियाणा नंबर वन कोण्या
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
1
हरया भरया हरियाणा जित दूध दही का खाना
गर्भवती मैं कमी खून की दस प्रतिशत बढ़ जाना
हम सबके उपकार बिना, बसते हुए घरबार बिना
लिंग अनुपात सुधार बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
2
गुण गाते हरित क्रांति के नुक्सान ना कदे बतावैं
जहर घोल दिया पानी मैं कीटनाशक कहर ढावैं
बीमारियों के इलाज बिना, हम गरीबों की आवाज बिना
विकास के सही अंदाज बिना,हरियाणा नंबर वन ।कोण्या ।।
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
3
कीट नाशक तैं हरियाणा बहोत घणा दुःख पाग्या
हुई खाज बीमारी गात मैं ,घणा कसूता संकट छाग्या
इसकी पूरी रोकथाम बिना , पानी के सही इंतजाम बिना
अमीरों पर कसे लगाम बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या।।
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
7
कट्ठे होल्यां
बहोत दिन होगे पिटत्यां नै ईब कट्ठे होकै देख लियो।।
बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।।
1
करड़ी मार नई नीतियां की या सबपै पड़ती आवै सै
देश नै खरीदण की खातर बदेशी कंपनी बोली लावै सै
या ठेकेदारी प्रथा सारे कै बाहर भीतर छान्ती जावै सै
बदेशी कंपनी पै कमीशन यो नेता अफसर खावै सै
मन्दिर का छोड़ कै पैण्डा भूख गरीबी पै रोकै देख लियो।।
बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।।
2
जड़ै जनता की हुई एकता उड़ै की सत्ता घबराई सै
थोड़ा घणा जुगाड़ बिठाकै जनता बहकानी चाही सै
जड़ै अड़कै खड़ी होगी जनता लाठी गोली चलवाई सै
लैक्शनां पाछै कड़ तोड़ैंगे या सबकी समझ मैं आई सै
ये झूठे बरतन जितने पावैं ताम सबनै धोकै देख लियो।।
बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।।
3
हालात जटिल हुये दुनिया मैं समझणी होगी बात सारी
ईब ना समझे तो होज्या नुकसान म्हारा बहोतैए भारी
पैनी नजर बिना दीखै दुश्मन हमनै घणा समाज सुधारी
हम सब की सोच पिछड़ी नजर ना नये रास्ते पै जारी
भीतरले मैं अपणे भी दिल दिमाग गोकै देख लियो।।
बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।।
4
जात धरम इलाके पै हम न्यारे-न्यारे बांट दिये रै
कुछ की करी पिटाई कुछ लालच देकै छांट लिये रै
म्हारी एकता तोड़ बगादी ये पैर जड़ तै काट दिये रै
ये देशी बदेशी लुटेरे म्हारे हकां नै नाट लिये रै
रणबीर सिंह दुख अपणे के ये छन्द पिरोकै देख लियो।।
बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।।
8
कारपोरेट गुड़गामा आज एनसीआर के फाइनेंसियल हब के रूप में विकसित हो गया है । यहाँ 500 कम्पनियाँ मौजूद हैं । यहाँ के जीवन के बारे क्या बताया भला :--
आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही।
युवा और युवतियों की या मजबूरी दिखाणी चाही।
1
मियाँ बीबी ये दोनों मिलकै आज खूब कमावैं देखो
तीस लाख का पैकेज ये साल का दोनों पावैं देखो
तड़कै आठ बजे त्यार हो नौकरियां पर जावें देखो
रात के ग्यारह बजे ये वापिस घर नैं आवैं देखो
इन कमेरयां की आज या पूरी कथा सुणानी चाही।
आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही।
2
अपने पारिवारिक रिश्ते बताओ कैसे चलावैं रै
ऐकले रैह रैह कै शहरां मैं ये कैरियर बनावैं रै
भीड़ मैं रैह कै भी अपने नै कति अकेला पावैं रै
गांम गेल्याँ अपना रिश्ता बताओ कैसे निभावैं रै
आज के दौर की या विरोधाभाष दिखाणी चाही।
आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही।
3
मोटे वेतन की नौकरी छोड नहीं पावैं देखो भाई
अपने बालकां नै घरां छोड़ कै नै जावैं देखो भाई
फुल टाइम की मेड एजेंसी तैं ये ल्यावैं देखो भाई
उसके धोरै बालक ये अपने पलवावैं देखो भाई
मजबूरी या लाइफ आज इणनै अपनाणी चाही।
आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही।
4
मात पिता दूर रहवैं टाइम काढ़ नहीं पाते भाई
दादा दादी नाना नानी इनके बन्द हुए खाते भाई
घर मैं आवैं इस्तै पहले बालक तो सो जाते भाई
नॉएडा गुड़गामा का रणबीर यो हाल सुनाते भाई
बदल गया जमाना हरयाणा ली अंगड़ाई चाही।
आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही।।
9
1966 से 2018 तक का सफर हरयाणा का -----
दुनिया रूक्के देरी हरयाणा घनी तरक्की करग्या रै ||
सब चीजां के ठाठ लग्गे कोठा नाज का भर ग्या रै||
जीरी गिन्हूं कपास अर इंख की खेती बढती जावै सै
देश के सुब्याँ मैं नंबर वन यो हरयाणा का आवै सै
सड़क पहोंचगी सारै गाम गाम बिजली लसकावै सै
छैल गाभरू छोरा इसका लड़न फ़ौज के म्हें जावै सै
खेतां के म्हें नया खाद बीज ट्रेक्टर घराटा ठावै सै
फरीदाबाद सोनेपत हिसार पिंजौर मील सिटी लावै सै
सारे भारत मैं भाइयो इंका सूरज शिखर मैं चढ़ग्या रै ||1
ये बात तो भाई हर रोज बता बता दिल डाटे जाँ रै
इस चकाचौंध के पाछै सै घोर अँधेरा नाटें जाँ रै
जो भी हुआ फायदा बेईमान आपस मैं बांटें जाँ रै
भका भका जातां के चौधरी नाड़ म्हारी काँटें जाँ रै
अपनी काली करतूतां नै जात के तल्ले ढान्पें जाँ रै
बोलै जो उनके खिलाफ वे झूठे केसां मैं फांसे जाँ रै
कुछ परवाने भाइयो फिर भी इनके करतब नापें जाँ रै
बिन धरती अर दो किल्ले आला ज्यान तैं मरग्या रै ||2
खम्बे मीटर गाम गाम मैं बिजली के इब तार गए
ओवर सीयर एस सी सब कर बंगले अपने त्यार गए
चार पहर भी ना बिजली आवै बाट देख देख हार गए
बिना जलाएं बिजली के बिल कर कसूती मार गए
ट्यूबवेल कोन्या चालै ट्रानस्फोर्मार के जल तार गए
पैसे आल्यां के ट्यूबवेल थ्रेशर चल धुआं धार गए
गरीबां की गालाँ मै दूना कीचड देखो आज भरग्या रै ||3
गाम गाम मैं सड़क बनाई फायदा कौन उठावैं सैं
बस आवै जावै कदे कदे लोग बाट मैं मुंह बावैं सैं
पैसे आल्यां के छोरट ले मोटर साईकिल धूल उड़ावैं सैं
प्राइवेट बस सवारी ढोवैं मुंह मांगे किराये ठहरावैं सें
सड़क टूटरी जागां जागां साईकिल मैं पंकचर हो ज्यावैं सैं
रोड़ी फ़ोड़ते पां गरीबां के जो मजबूरी मैं पैदल जावैं सैं
रोडवेज़ की बस थोड़ी प्राइवेट का भाड़ा गोज कसग्या रै ||4
बिन खेती आल्यां का गाम मैं मुश्किल रहना होग्या
मजदूरी उप्पर चुपचाप दबंगा का जुल्म सहना होग्या
चार छः महीने खाली बैठ पेट की गेल्याँ फहना होग्या
चीजां के रेट तो बढ़गे प़र पुराने प़र बहना होग्या
फालतू मतना मांगो नफे दबंग का नयों कहना होग्या
गाम छोड़ शहर पडे आना घर एक तरियां ढहना होग्या
भरे नाज के कोठे फेर भी पेट कमर कै मिलग्या रै ||5
खेती करणिया मैं भी लोगो जात कारगर वार करै
एक जागां बिठावै गरीब अमीर नै ना कोए विचार करै
किसान चार ठोड बँट लिया कैसे नैया इब पार तिरै
ट्रैक्टर आले बिना ट्रैक्टर आल्यां की या लार फिरै
इनकी हालत किसी होगी बिलखता यो परिवार फिरै
बिना धरती आल्यां का आज नहीं कोए भी एतबार करै
जात मैं जमात पैदा होगी बेईमान नै खतरा बधग्या रै ||6
घन्याँ की धरती लाल स्याही मैं बैंक के महां चढ़गी थी
दो लाख मैं बेचै किल्ला चेहरे की लाली सारी झड़गी थी
चूस चूस कै खून गरीब का अमीर के मुंह लाली बढ़गी थी
कर्जे माफ़ होगे एकब़र तो फेर कीमत धरती की बधगी थी
आगे कैसे काम चलैगा रै एक ब़रतो इसतैं सधगी थी
आगली पीढ़ी के करैगी म्हारी तै क्यूकरै ए धिकगी थी
हँसना गाना भूल गए जिन्दा रहवन का सांसा पड़ग्या रै|| 7
शहरों का के जिकरा करूँ मानस आप्पा भूल रहया यो
आप्पा धापी माच रही आज पैसे के संग झूल रहया यो
याद बस आज रिश्वत खोरी जमा नशे मैं टूहल रहया यो
इन्सान तै हैवान बनग्या मिलावट में हो मशगूल रहया यो
चोरी जारी ठगी बदमाशी सीखी भूल सब उसूल रहया यो
इसी तरक्की कै लागै गोली पसीना बह फिजूल रहया यो
फेर भी रुके मारैं तरक्की के रणबीर का दिल भरग्या रै ||8
10
75 साल की आजादी का एक आकलन ।
खतरे मैं आजादी म्हारी जिंदगी बणा मखौल दी।
इसकी खातर भगत सिंह नै जवानी लूटा निरोल दी।
1
आजादी पावण की खातर असली उठया तूफ़ान था
लाठी गोली बरस रही थी जेलां मैं नहीं उस्सान था
एक तरफ बापू गांधी दूजी तरफ मजदूर किसान था
कल्पना दत्त भगत सिंह नै किया खुल्ला ऐलान था
इंक़लाब जिंदाबाद की उणनै घणी ऊंची बोल दी ।
इसकी खातर भगत सिंह नै जवानी लूटा निरोल दी।
2
सत्तावन की असल बगावत ग़दर का इसे नाम दिया
करया दमन फिरंगी नै उदमी राम रूख पै टांग दिया
सैंतीस दिन रहया जूझता कोये ना मिलने जाण दिया
हंस हंस देग्या कुर्बानी हरियाणे का रख सम्मान दिया
हिन्दू मुस्लिम एकता नै गौरी फ़ौज कति खंगोल दी।
इसकी खातर भगत सिंह नै जवानी लूटा निरोल दी।
3
भारतवासी अपने दिलां मैं नए नए सपने लेरे थे
नहीं भूख बीमारी रहने की नेता हमें लारे देरे थे
इस उम्मीद पै हजारों भाई गए जेलों के घेरे थे
दवाई पढ़ाई का हक मिलै ये नेक इरादे भतेरे थे
गौरे गए अर आगे काले गरीबां की छाती छोल दी।
इसकी खातर भगत सिंह नै जवानी लूटा निरोल दी।
4
फुट गेरो राज करो की रणबीर नीति चाल रहे रै
कितै जात कितै धर्म नै ये बना अपनी ढाल रहे रै
आपस मैं लोग लड़ाए लूट की कर रूखाल रहे रै
वैज्ञानिक नजर जिसकी जी नै कर बबाल रहे रै
इक्कीसवीं की बात करैं राही छटी की खोल दी।
इसकी खातर भगत सिंह नै जवानी लूटा निरोल दी।
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