Tuesday, 19 November 2019

त्रिमूर्ति

बैंक फंड व्यापार त्रिमूर्ति मिलकै खाल तारै म्हारी रै।।
इसके काटे घूमण लागरे गरीब नर और नारी रै।।
1. सिरकी घाल कै करैं गुजारा जिननै ताज महल बनाये
  उनके बालक भूखे मरते जिननै जमकै खेत कमाये
  तन पै उनके लत्ता ना जिननै कपड़े के मील चलाये
  वे बिना दूध सीत रहते, जिननै डांगर खूब चराये
  भगवान भी आन्धा कर दिया ना कितै दीखता भ्रष्टाचारी रै।।
2. जितना करड़ा काम म्हारा नहीं सम्मान उतना मिलता
  दस नम्बरी माणस जितने उनका हुकम सारै पिलता
  नकली फूल सजावैं देखो यो क्यों ना असली खिलता
  कहैं उसके बिना आड़ै यो पत्ता तक नहीं हिलता
  सबके उपर ध्यान नहीं उसका फेर किसा न्यायकारी रै।।
3. डांगर की कदर फालतू माणस बेकदरा सै संसार मैं
  छोरे की कदर घणी सै छोरी धन पराया परिवार मैं
  किसे जुल्म होण लागरे ये छपते रोज अखबार मैं
  कति छांट कै इसनै चलाई महिला भ्रूण पै कटारी रै।।
4. इस व्यवस्था मैं मुट्टीभर तो घणे हो मालामाल रहे
  हमपै चलाकै  चाल अपणी ये पूर कसूता  जाल रहे
  सोच कै बढ़ियो आगै नै ये माफिया काले पाल रहे
  पुलिसिया और फौजी कर रणबीर इनकी रूखाल रहे
  सही सोच कै संघर्ष बिना ईब जनता पिटती जारी रै।।

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