( मेहनतकश इनसान पिटैं )
------ रामधारी खटकड़
आज म्हारे आजाद देश म्हं मेहनतकश इनसान पिटैं
कम्पनियां के चलैं इशारे , न्यूं मजदूर - किसान पिटैं......(टेक)
विदेशी कम्पनी गुड़गामे म्हं , पूरा दमन चलाया था
भारी फोर्स पुलिस की ले खुद डी. सी. आगै आया था
डांगर की ज्यूं माणस पीट्टै , बिल्कुल ना शरमाया था
धार खून की बहती देखी , पाट काळजा आया था
शासकवर्ग करै दलाली , जनता के अरमान पिटैं...
कम्पनियां के चलैं इशारे , न्यूं मजदूर - किसान पिटैं....
उदारीकरण का लाकै नारा , गोरयां नै बुलवाएं जा
लाल किले पै झण्डे नीचै झूठे सुपन दिखाएं जा
बेकारी और बदहाली अड़ै अपणै पैर फैलाएं जा
लाठीचार्ज , आंसूगैस और गोली रोज चलाएं जा
मूर्खमण्डल मौज करै आड़ै , सरेआम गुणवान पिटैं...
कम्पनियां के चलैं इशारे , न्यूं मजदूर - किसान पिटैं...
किते - किते गोदाम सड़ैं , किते भूखे बच्चे रोते हैं
टूक मिलै ना पेट भराई , सुबक-सुबक कै सोते हैं
मांस रया ना उनके तन पै , अस्थि - पंजर ठोते हैं
कर्मां का फल बतलावणिये बीज बिघ्न का बोते हैं
ढाबयां के म्हां बर्तन मलती नन्हीं - नन्हीं जान पिटैं....
कम्पनियां के चलैं इशारे , न्यूं मजदूर- किसान पिटैं....
× × ×
सही आजादी ल्यावण खातर भगतसिंह कित पावैगा
हंसकै फांसी चूमण खातर , हटकै ठाणा ठावैगा
ना कोय चारा चाल्लै , म्हारा धीरज कौण बंधावैगा
सबको न्याय दिवाणे आळा , इंकलाब कद आवैगा
रामधारी इब जाग नींद तै , संगठन बिन तेरे गान पिटैं...
कम्पनियां के चलैं इशारे , न्यूं मजदूर - किसान पिटैं...
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