पिरथी कामरेड मेरे याद बहोत घणा आवै सै
सन कहत्तर का वाका कई बै मनै उलझावै सै
1
चंडीगढ़ संघर्ष समिति नै संघर्ष बिगुल बजाया
विक्रम पिरथी सिंह नै मेडिकल लेकै नै आया
कई दिनां का साथ वो दिमाग ऊपर छावै सै।।
2
कुरुक्षेत्र में डिग्री फूंकी मनै जिब बेरा लाग्या था
थारा यो स्टाइल पिरथी बहोत ए घणा फ़ाब्या था
इमरजेंसी में जेल गया नहीं कति घबरावै सै।।
3
सत्तत्तर मैं भट्टू चुनाव उड़े के रंग निराले देखे
नौजवान साथी बहोत से उड़ै मोर्चा संभाले देखे
गरीब का एजेंडा भट्टू मैं पार्टी पूरी ढालां ठावै सै।।
4
बीमारी की परवाह की ना पार्टी मैं जिंदगी लाई थी
सादा खाना पीना था थारा रात दिन लड़ी लड़ाई थी
रणबीर पार्टी क्रांति के काम आगै बढ़ाये चाहवै सै।।
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