Sunday, 13 November 2016

किसे ओर की कहानी कोण्या,

          किसे ओर की कहानी कोण्या, इसमैं ये राजा राणी कोण्या
सै अपनी बात बिरानी कोण्या, थोड़ा दिल नै थाम लियो।।
यारी घोड़े घास की भाई, नहीं चालै दुनिया कहती आई
बाहूं ओर फेर बोउं खेत मैं,बालक रुलते म्हारे रेत मैैं
भरतो मरती मेरी सेत मैं, अन्नदाता का मत नाम लियो।।
जमकै लूटै सै मण्डी सबनै, बीज खाद मिलै म्हंगा हमनै
लूटाई  मजदूर किसान की, ये आंख फूटी भगवान की
यो भरै तिजूरी शैतान की, देख इसके तम काम  लियो।।
छप्पण साल की आजादी मैं, कसर रही ना बरबादी मैं
ये बालक महारे बिना पढ़ाई, मरैं बचपन मैं बिना दवाई
कड़ै गई म्हारी कष्ट कमाई, झूठी होतै तम लगाम दियो।।
शेर बकरी का मेल नहीं सै,घणी चालै धक्का पेल नहीं सै
आप्पा मारें पार पड़ैगी म्हारी, जिब कठ्ठी होकै जनता सारी,
लीख काढ़ै या सबतै न्यारी, रणबीर सिंह का सलाम लियो।।

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