Tuesday, 15 November 2016

RAMLOO

कमलू -- ओ फूलू फांसी खा कै मरग्या परसों । 
रमलू -- लड़कै मरता तो बातै न्यारी होंती ।  
कमलू --किसकै खिलाफ लड़ै ? 
रमलू -- सारी कौमां के किसान कठ्ठे होके लड़ें ( रोड , सिख, जाट , गुजर , 
अहीर अर और भी सारे ?
कमलू -- ये तो न्यारे न्यारे झंडा ठाएँ  घूमैं सैं । 
रमलू -- न्यौईं घूमैं गए तो राजपाट सही घूमा देगा ।  किसानी एकता 
बख्त की मांग सै । नहीं तो न्यारे न्यारे खूब पिटेंगे अर फांसी खाऍंगे । 

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