एक बै आदत पड्ज्या तो छूटै ना कितने ए ताण तुडाले ।।
मुश्किल होज्या ऐब छुडाना चाहे कितनी ए कसम दुआले ।।
तम्बाकू की लत होज्या तो कैंसर रोग की खुल ज्य़ा राही
दमा बढे और साँस रोग भी मचावै बुढापे के मैं तबाही
खांसी बलगम तडकें ए तड़क मानस नै खूबे ए रूआले ।।
दारू की लत का काम बुरा पूरे हरयाणा मैं छागी देखो
माणस की इस लत के कारण महिला दुःख पागी देखो
गैंग रेप बढ़े हरयाणा मैं या गिरती साख कौन बचाले ।।
पर नारी की लत कसूती या घर परिवार बर्बाद करै
महिला पुरुष के मीठे रिश्त्याँ मैं या कसूता खटास भरै
नहीं छुटती लत माणस की कोए कितना ए समझाले ।।
ताश खेलन की लत बढ़ी हरयाने के गामाँ की गालाँ मैं
जुए की लत कारण द्रोपदी का चीरहरण हुया दरबारां मैं
परम्परावादी रूढ़ीवादी नेता पुलिश अफसर रख वाले ।।
हरयाणा के लड़के लडकी कई लतां के शिकार हुए
समाज सुधार की जरूरत घनी रणबीर के विचार हुए
सते फरमाना दिल तैं तूं या रागनी ऊंचे सुर मैं गाले ।।
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