Tuesday, 1 May 2012

NAL DAMYANTEE

नल दमयन्ती की गावै तूं कद अपनी रानी की गावैगा .... टेक
नल छोड़ गया दमयन्ती नै तूं कितना साथ निभावैगा।।

लखमीचन्द बाजे धनपत नल दमयन्ती नै गावैं क्यों
पूरणमल का किस्सा हमनै लाकै जोर सुणावैं क्यों
अपणी राणी बिसरावैं क्यों कद खोल कै भेद बतावैगा।।

द्रोपदी चीर हरण गाया जा पर तनै म्हारे चीर का फिकर नहीं
हजारां चीर हरण होरे आड़ै तेरे गीत मैं जिकर नहीं
आवै हमने सबर नहीं जो ना म्हारे गीत सुणावैगा।।

देश प्रेम के गीत बणाकै जनता नै जगाइये तूं
किसान की बिपता के बारे में बढिय़ा छन्द बनाइये तूं
इतनी सुणता जाइये तूं कद फौज मैं मनै बुलावैगा।।

बाबू का ना बुरा मानिये करिये कला सवाई तूं
अच्छाई का पकड़ रास्ता ना गाइये जमा बुराई तूं
कर रणबीर की मन चाही तूं ना पाछै पछतावैगा।।

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