Monday, 30 May 2011
bhukhmari
भुखमरी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार
बढ़ते ही जा रहे बिलकुल बेसुम्मार
जात गोत इलाके और धर्म पे बांटा
ऐस करते देश के देखो साहूकार
PARAMPARA AUR MAHILA KA SHOSHAN
परंपरा की घूंटी मैं महिला तै जहर पिलाया बेबे
दुभांत छिपी हुई इसमें नहीं समझ मैं आया बेबे
धुर तैं धोखा करते आए आज की नयी बात नहीं
गरज गरज के प्यारे सैन फेर बूझते ये जात नहीं
द्रोपद जुए मैं हारी फेर युधिष्ठर नहीं शरमाया बेबे ||
रचा शादी पार्वती तै भोला जी उन्नै दूतकारै था
हरिचंद बी डायन बता कै मदनावत नै मारे था
दुष्यंत नै शकुन्तला भकाई न मुड़ कै लखाया बेबे ||
नल नै दमयंती की बी बन के मां साड़ी काटी बेबे
अंजना भी पवन के कारन उस्तै न्यारी पाटी बेबे
रूपा रानी को जोध नाथ नै जंगल राह दिखाया बेबे||
चापसिंह नै सोमवती पै झूठे इल्जाम लगाये बेबे
परंपरा और इज्जत के पहरे खूब बिठाये बेबे
अपनी खातर खुली छूट हमें बंधक बनाया बेबे ||
MAHILA VIRODHI MAHAUL HARYANA MAIN
महिला विरोधी माहौल नजर हरयाने मैं आवै
माँ तृ शक्ति जिंदाबाद उपरले मन तै नारा लावै
असुरक्षा बढ़ी चारों कान्ही महिला जमा घिरगी रै
महिला अजेंडा थारे फेर लिंग अनुपात गिरगी रै
दिशा म्हारी कदे गलत हो रोजाना याहे चिंता खावै ||
महिला महिला की बैरी झूठ पी गैहटा जोड लिया
साच्ची बात किमै दूसरी उस्तै मुंह क्यों मोड़ लिया
पितृसत्ता पुत्र लालसा पै नहीं कोए उंगली ठावै ||
म्हारी मानसिकता सुनल्यो साईं कसूती हत्यारी
धन दौलत मैं हिस्सा न बात बात पर जा दुत्कारी
पूरी मोर्चे बंदी करदी दरवाजा नहीं ढूँ ढया पावै ||
इस निराशा मैं बी कई महिला आगे बढ़ी बताऊँ
खेलां मैं छाई करैं संघर्ष हरेक मोर्चे पै दिखाऊँ
रणबीर सिंह जी लाकै सच्चाई सबकी साहमी ल्यावै ||
Sunday, 29 May 2011
BHINT MAIN AALA
भींत मैं आला आँख मैं जाला दिल मैं काला दुःख देज्या
खेत रिहाला पोह का पाला कपटी रुखाला दुःख देज्या
औरत भली उम्र भर सुख दे या खोटी नारी दुःख देज्या
भले का सत्संग सिखर चढ़ादे नीच की यारी दुःख देज्या
Saturday, 28 May 2011
DUBHANT AURAT KE SAATH --YUG YUGON SE
धुर तैं धोखा करते आए आज कद नयी रीत होंसैं
गरज गरज के प्यारे बहना लोग किसके मीत होंसैं
द्रोपद जुए के मैं हारी युधिसठर पासे डारै था हे
शादी करकै पारवती नै भोला भी दूदकारै था हे
सत की सीता घर तै ताहदी रामचंद्र हद त़ारै था हे
हरिश्चंदर भी डायन बता कै मदनावत नै मारै था हे
ये ब्याही का बी तरस करैं ना इनकी के प्रीत होंसैं ||
गूंठी देकै शकुंतला नै दुष्यंत बखत पै नाट गया हे
नल रजा बी दमयंती की बण मैं साड़ी काट गया हे
पवन कुमार बी अंजना गेल्याँ के करनी कर घाट गया हे
इसी इसी बा तां नै सुन कै दिल मर्दों तै पाट गया हे
ये बीर बिचारी कुछ ना बोलें कोए पीट दे भींत होंसैं ||
रूप रानी जोंध नाथ नै बाण कै बीच खंदायी थी हे
बण मैं धक्के खाकै मरगी मुद कै घर ना आई थी हे
चाप सिंह नै भी सोमवती पति बरता ज़ार बताई थी हे
मदन सैन नै दी सूती काट नाग दे बाई थी हे
बखत पड़े पै आंख बदल जायं इनकी खोटी नीट होंसैं ||
कद लग खोट कहूं मर्दों के बीर बीचारी साफ़ सें हे
बीर भतेरी दयावंत नर डोलें करते पाप सै हे
बेईमानी और चोरी जरी मर्दों की माफ़ सें हे
बीर मरद के झगडे ऊपर गुरु मुंशी की छाप सें हे
उपर तली के गाने दयाचंद के गीत होंसैं ||
Friday, 27 May 2011
Tuesday, 24 May 2011
Wednesday, 18 May 2011
Tuesday, 17 May 2011
Saturday, 14 May 2011
Friday, 6 May 2011
AAJ KA SHIMLA
शिमला का ठंडा मौसम कद कौन इन्ने खाग्या
देख आज नजारा इसका मेरा जी दुःख पाग्या
पुराने रूख रहे ना पहलम सी बरफ नहीं
कैसे करूँ बडाई मैं मिलते मनाई हरफ नहीं
फैक्ट्री आगी कई जगह धूंआ चौगेर्दें छाग्या ||
मॉल की देख कई हालत जी दुःख पावै मेरा
सैर सपाटे करते मानस ना दीखे हँसता चेहरा
सादापन शिमला का इनकी गहन कौन लाग्या||
पूरे देश की शान धीरे धीरे या बिखरती जावै
सोच नहीं पाया क्यों पुरानी बात याद आवै
क्यूकर लोगों को इसका नया रंग रूप भाग्या||
यो गर्मी की राजधानी भारत की हुआ करता
शिमला का नाम जी नै राहत सी दिया करता
हाल आज का देख्या तो पुराना बख्त याद आग्या||
Sunday, 1 May 2011
MAHILA PATHSAALA
कीट नाशक कंपनी लूटती गलत बात बताती रिझाने को ||
कीट नाशक इस्तेमाल करो वे कहती कपास बचाने को ||
कीट नाशक दवाईयों से हानीकारक कीट मारे जाते हैं
लाभदायक कीट भी मरते हैं सच्चाई हमसे छिपाते है
महिला खेत पाठशाला में मिलते सही राह दिखाने को ||
लाभकारी कीटों की पहचान करनी सिखाई जाती है
हानिकारक कीटों को बताते हिमाती कीट कैसे खाती है
सबसे अलग रीत चलायी साधुवाद गाँव निड़ाने को ||
कीट नाशकों का गलत प्रभाव डाक्टर हमें बताते हैं
धीरे धीरे ये कीटनाशक शरीर में इकठ्ठे हो जाते हैं
कैंसर पेट दर्द अलर्जी की शरीर में बीमारी बढ़ाने को ||
कीटनाशक बिना निडाना में आज कपास उगाई जाती है
महिला किस्सान हुई चौकन्नी दुश्मन कीट हटाई जाती है
रणबीर सिंह देखना चाहता बढ़िया गीत बनाने को ||
कीट नाशक इस्तेमाल करो वे कहती कपास बचाने को ||
कीट नाशक दवाईयों से हानीकारक कीट मारे जाते हैं
लाभदायक कीट भी मरते हैं सच्चाई हमसे छिपाते है
महिला खेत पाठशाला में मिलते सही राह दिखाने को ||
लाभकारी कीटों की पहचान करनी सिखाई जाती है
हानिकारक कीटों को बताते हिमाती कीट कैसे खाती है
सबसे अलग रीत चलायी साधुवाद गाँव निड़ाने को ||
कीट नाशकों का गलत प्रभाव डाक्टर हमें बताते हैं
धीरे धीरे ये कीटनाशक शरीर में इकठ्ठे हो जाते हैं
कैंसर पेट दर्द अलर्जी की शरीर में बीमारी बढ़ाने को ||
कीटनाशक बिना निडाना में आज कपास उगाई जाती है
महिला किस्सान हुई चौकन्नी दुश्मन कीट हटाई जाती है
रणबीर सिंह देखना चाहता बढ़िया गीत बनाने को ||
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