महिला विरोधी माहौल नजर हरयाने मैं आवै
माँ तृ शक्ति जिंदाबाद उपरले मन तै नारा लावै
असुरक्षा बढ़ी चारों कान्ही महिला जमा घिरगी रै
महिला अजेंडा थारे फेर लिंग अनुपात गिरगी रै
दिशा म्हारी कदे गलत हो रोजाना याहे चिंता खावै ||
महिला महिला की बैरी झूठ पी गैहटा जोड लिया
साच्ची बात किमै दूसरी उस्तै मुंह क्यों मोड़ लिया
पितृसत्ता पुत्र लालसा पै नहीं कोए उंगली ठावै ||
म्हारी मानसिकता सुनल्यो साईं कसूती हत्यारी
धन दौलत मैं हिस्सा न बात बात पर जा दुत्कारी
पूरी मोर्चे बंदी करदी दरवाजा नहीं ढूँ ढया पावै ||
इस निराशा मैं बी कई महिला आगे बढ़ी बताऊँ
खेलां मैं छाई करैं संघर्ष हरेक मोर्चे पै दिखाऊँ
रणबीर सिंह जी लाकै सच्चाई सबकी साहमी ल्यावै ||
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