धुर तैं धोखा करते आए आज कद नयी रीत होंसैं
गरज गरज के प्यारे बहना लोग किसके मीत होंसैं
द्रोपद जुए के मैं हारी युधिसठर पासे डारै था हे
शादी करकै पारवती नै भोला भी दूदकारै था हे
सत की सीता घर तै ताहदी रामचंद्र हद त़ारै था हे
हरिश्चंदर भी डायन बता कै मदनावत नै मारै था हे
ये ब्याही का बी तरस करैं ना इनकी के प्रीत होंसैं ||
गूंठी देकै शकुंतला नै दुष्यंत बखत पै नाट गया हे
नल रजा बी दमयंती की बण मैं साड़ी काट गया हे
पवन कुमार बी अंजना गेल्याँ के करनी कर घाट गया हे
इसी इसी बा तां नै सुन कै दिल मर्दों तै पाट गया हे
ये बीर बिचारी कुछ ना बोलें कोए पीट दे भींत होंसैं ||
रूप रानी जोंध नाथ नै बाण कै बीच खंदायी थी हे
बण मैं धक्के खाकै मरगी मुद कै घर ना आई थी हे
चाप सिंह नै भी सोमवती पति बरता ज़ार बताई थी हे
मदन सैन नै दी सूती काट नाग दे बाई थी हे
बखत पड़े पै आंख बदल जायं इनकी खोटी नीट होंसैं ||
कद लग खोट कहूं मर्दों के बीर बीचारी साफ़ सें हे
बीर भतेरी दयावंत नर डोलें करते पाप सै हे
बेईमानी और चोरी जरी मर्दों की माफ़ सें हे
बीर मरद के झगडे ऊपर गुरु मुंशी की छाप सें हे
उपर तली के गाने दयाचंद के गीत होंसैं ||
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