शिमला का ठंडा मौसम कद कौन इन्ने खाग्या
देख आज नजारा इसका मेरा जी दुःख पाग्या
पुराने रूख रहे ना पहलम सी बरफ नहीं
कैसे करूँ बडाई मैं मिलते मनाई हरफ नहीं
फैक्ट्री आगी कई जगह धूंआ चौगेर्दें छाग्या ||
मॉल की देख कई हालत जी दुःख पावै मेरा
सैर सपाटे करते मानस ना दीखे हँसता चेहरा
सादापन शिमला का इनकी गहन कौन लाग्या||
पूरे देश की शान धीरे धीरे या बिखरती जावै
सोच नहीं पाया क्यों पुरानी बात याद आवै
क्यूकर लोगों को इसका नया रंग रूप भाग्या||
यो गर्मी की राजधानी भारत की हुआ करता
शिमला का नाम जी नै राहत सी दिया करता
हाल आज का देख्या तो पुराना बख्त याद आग्या||
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